Fact Check: बंगाल में हाईकोर्ट ने ममता बनर्जी से नहीं की है इस्तीफे की मांग, वायरल वीडियो है भ्रामक
हमारी पड़ताल में यह साफ हुआ कि वायरल वीडियो में किया गया दावा भ्रामक है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने ममता सरकार से राज्य में हो रही हिंसक घटनाओं पर हलफनामा दाखिल करने के लिए जरूर कहा था, लेकिन ममता बनर्जी से इस्तीफे की मांग नहीं की है।
- By: Amanpreet Kaur
- Published: May 12, 2021 at 08:12 PM
नई दिल्ली (Vishvas News)। बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसक घटनाओं के बीच सोशल मीडिया पर एक न्यूज बुलेटिन का वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में ब्रेकिंग न्यूज के जरिए यह दावा किया गया है कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने इन हिंसक घटनाओं के मद्देनजर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस्तीफे की मांग की है। वीडियो में वॉइसओवर में यह भी कहते सुना जा सकता है कि गृह मंत्रालय की एक टीम बंगाल पहुंची है और जांच के बाद बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाया जाएगा। विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो में किया गया दावा भ्रामक है।
दरअसल पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट ने सरकार से हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा था, लेकिन ममता बनर्जी से इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा गया है।
क्या है वायरल पोस्ट में?
फेसबुक यूजर Vivek Sharma ने यह वीडियो शेयर किया, जिसमें कहा जा रहा है: ममता बनर्जी से हाईकोर्ट ने मांगा इस्तीफा। हाईकोर्ट ने कहा कि अगर राज्य सरकार से नहीं संभल रहा है लॉ एंड ऑर्डर तो तत्काल मुख्यमंत्री इस्तीफा दे दें। गृह मंत्रालय की टीम पश्चिम बंगाल पहुंची। कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट। गृह मंत्रालय की चार सदस्यीय टीम ने राज्यपाल से मुलाकात की। हिंसक घटनाओं में किसका हाथ है, इसकी जांच होगी और फिर लगाया जाएगा राज्य में राष्ट्रपति शासन।
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए सबसे पहले इंटरनेट पर कीवर्ड्स की मदद से सर्च किया, लेकिन हमें ऐसी कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा ममता बनर्जी से इस्तीफे की मांग की बात कही गई हो। अगर ऐसा हुआ होता तो बेशक यह खबर मीडिया में सुर्खियों में होती।
हमें कुछ मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं, जिनमें कलकत्ता हाईकोर्ट की पांच सदस्यों वाली पीठ ने ममता सरकार से तीन दिन में बंगाल में हुई हिंसक घटनाओं पर रिपोर्ट पेश करने को कहा था। हालांकि, इन मीडिया रिपोर्ट्स में कहीं यह नहीं लिखा गया है कि ममता बनर्जी से कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस्तीफे की भी मांग की है।
हमने बंगाल में दैनिक जागरण के ब्यूरो चीफ जे के वाजपेयी से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि हाईकोर्ट ने हिंसक घटनाओं पर सरकार से एफिडेविट देने को कहा था, सरकार ने एफिडेविट दे भी दिया है, लेकिन ममता बनर्जी से इस्तीफा मांगने की बात सही नहीं है। हमने बंगाल में टीएमसी नेता सौगात रॉय से भी संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल वीडियो में किया गया दावा सही नहीं है। ममता बनर्जी से कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस्तीफा नहीं मांगा है।
वायरल वीडियो में पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की भी बात कही गई है। ममता बनर्जी को तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने से पहले राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने अपने बधाई भाषण में हिंसा पर लगाम लगाने की सलाह दी थी। इससे संबंधित मीडिया रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।
वहीं, इंडिया कलेक्टिव नाम की एक गैर—सरकारी संस्था और वरिष्ठ वकील गौरव भाटिया ने सुप्रीम कोर्ट में दो अलग-अलग याचिकाएं दाखिल कर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की थी। हालांकि, फिलहाल यह कहना मुश्किल है कि बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगेगा या नहीं।
वीडियो में किया गया यह दावा सही है कि बंगाल हिंसा पर गृह मंत्रालय की चार सदस्यीय टीम ने राज्यपाल से मुलाकात की और रिपोर्ट मांगी है।
हमने वायरल वीडियो को इनविड टूल की मदद से स्क्रीनग्रैब लेकर गूगल रिवर्स सर्च की मदद से सर्च भी किया। हमें यूट्यूब चैनल “CSK News” पर वायरल वीडियो मिला, जिसे 7 मई को इस चैनल पर अपलोड किया गया था। यह चैनल 29 जून 2019 को शुरू किया गया था।
अब बारी थी फेसबुक पर पोस्ट को साझा करने वाले यूजर Vivek Sharma की प्रोफाइल को स्कैन करने का। प्रोफाइल को स्कैन करने पर हमने पाया कि यूजर खुद को बीजेपी सोशल वर्कर कहता है, साथ ही सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा एक्टिव है।
निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में यह साफ हुआ कि वायरल वीडियो में किया गया दावा भ्रामक है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने ममता सरकार से राज्य में हो रही हिंसक घटनाओं पर हलफनामा दाखिल करने के लिए जरूर कहा था, लेकिन ममता बनर्जी से इस्तीफे की मांग नहीं की है।
- Claim Review : कलकत्ता हाईकोर्ट ने ममता बनर्जी से की इस्तीफे की मांग, राज्य में लगाया जा सकता है राष्ट्रपति शासन।
- Claimed By : FB User: Vivek Sharma
- Fact Check : भ्रामक
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