Fact Check: सिखों को आर्मी से निकालने के लिए नहीं हुई कैबिनेट मीटिंग, एडिटेड वीडियो हुई वायरल

विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत निकला । ये वीडियो CDS बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर क्रैश के बाद हुई कैबिनेट कमेटी की सुरक्षा बैठक का है। वायरल वीडियो में सुनाई दे रहा ऑडियो अलग से जोड़ा गया है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर 31 सेकंड का एक वीडियो इन दिनों तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल समेत आला अधिकारी नजर आ रहे हैं। वीडियो में एक अधिकारी को बोलते हुए सुना जा सकता है कि हर एक पंजाबी को निकाल दो। एक बार ये पंजाबी निकल गए तो चीजें बेहतर हो जाएंगी। आर्मी नेशनल डिफेंस से सारे जनरल, सारे सैनिक, टॉप लेवल से बॉटम तक हर एक पंजाबी को निकाल दो। वीडियो को वायरल कर दावा किया जा रहा है कि सेना से सिखों को निकालने के लिए कैबिनेट कमेटी की सुरक्षा बैठक बुलाई गई थी। दूसरे यूजर भी इसे सच मानते हुए वायरल कर रहे हैं।

विश्वास न्यूज़ ने विस्तार से इस वीडियो की जाँच की और इस दावे को फर्जी पाया। असल में वायरल हो रहा वीडियो एडिटेड है। असल वीडियो जनरल बिपिन रावत की दुर्घटना के बाद हुई कैबिनेट बैठक का है। वीडियो में ऑडियो को अलग से जोड़ा गया है।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर “बागी सिंह हांगकांग ” ने 7 जनवरी को यह वीडियो शेयर किया है और लिखा है ” 🚨 ਅਲਰਟ 🚨
ਮੋਦੀ ਸਰਕਾਰ ਨੇ ਸਿੱਖਾਂ ਖਿਲਾਫ ਜੰਗ ਦਾ ਕੀਤਾ ਐਲਾਨ
☄️ ਆਰਮੀ ਵਿੱਚ ਸਿੱਖ ਜਰਨੈਲਾਂ ਖਿਲਾਫ ਹਮਲੇ ਦੀ ਕੀਤੀ ਜਾ ਰਹੀ ਹੈ ਵੀਊਂਤ-ਬੰਦੀ….
☄️ 6 ਜਨਵਰੀ ਨੂੰ ਹੋਈ ਕੈਬੀਨਟ ਮੀਟਿੰਗ ਦੋਰਾਨ ਮੰਤਰੀਆਂ ਵੱਲੋਂ ਸਿੱਖਾਂ ਨੂੰ ਭਾਰਤੀ ਫੋਜ ਵਿੱਚੋਂ ਕੱਢਣ ਦਾ ਫੈਂਸਲਾ ਲਿਆ ਗਿਆ”

हिंदी अनुवाद ( अलर्ट
मोदी सरकार ने सिखों के खिलाफ जंग का किया ऐलान
सेना में सिख जनरलों के खिलाफ पर हमले की जा रही है प्लानिंग
6 जनवरी को हुई कैबिनेट मीटिंग के दौरान मंत्रियों की तरफ से सिखों को भारतीय सेना से निकालने का फैसला लिया गया।”)

यहां वायरल कंटेंट को ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है। ट्विटर पर भी यूजर्स इस दावे को शेयर कर रहे हैं।

पड़ताल

पड़ताल की शुरुआत करते हुए हमने वायरल वीडियो क्लिप को ध्यान से देखा। हमने देखा कि वायरल वीडियो में चल रहा ऑडियो कैबिनेट मंत्रियों के साथ तालमेल नहीं बिठाता है, जब वे बात करते हुए दिखाई देते हैं। इससे हमें इसके एडिटेड होने का संदेह हुआ।

यहाँ से हमने अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाया और वायरल वीडियो के स्क्रीनशॉट को गूगल रिवर्स इमेज में सर्च किया। इससे जुड़ी खबरें कई समाचार चैनलों द्वारा 8 दिसंबर, 2021 को प्रकाशित मिली। hindustantimes.com पर 8 दिसंबर 2021 से मेल खाती तस्वीर मिली। खबर के अनुसार : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी (सीसीएस) की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें उन्हें भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के हेलिकॉप्टर दुर्घटना के बारे में जानकारी दी गई,जिसमें तमिलनाडु में हेलिकॉप्टर क्रैश दुर्घटना में CDS बिपिन रावत, उनकी पत्नी समेत 11 अन्य रक्षाकर्मियों की मृत्यु हो गई थी। इस बैठक में पीएम मोदी के साथ गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, NSA अजीत डोभाल शामिल हुए थे। इस बैठक में सभी सदस्यों ने दो मिनट का मौन रखा और सैन्य हेलिकॉप्टर दुर्घटना में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी थी। पूरी खबर यहाँ पढ़ें।

8 दिसंबर, 2021 को डीडी न्यूज के यूट्यूब चैनल पर हमें इस बैठक का वीडियो मिला।वीडियो में बताया गया कि सुरक्षा मामलों के लिए कैबिनेट समिति की बैठक हुई थी। बैठक के दौरान ऐसी किसी बातचीत पर कोई विश्वसनीय समाचार रिपोर्ट नहीं मिली, जैसा कि वायरल वीडियो में दावा किया गया है। पूरी खबर यहाँ देखें।

इसी सीएसएस बैठक की तस्वीरें 8 दिसंबर, 2021 को न्यूज़ एजेंसी एएनआई द्वारा ट्वीट की गईं थी , जिसका श्रेय PMO को दिया था। इसी से जुड़ा वीडियो ANI News Official यूट्यूब चैनल पर भी 8 दिसंबर, 2021 को अपलोड मिला। ये वायरल वीडियो के विजुअल्स से मेल खाते हैं।

हमें वायरल वीडियो को लेकर दिल्ली पुलिस की ओर से स्पष्टीकरण वीडियो भी जारी किया गया मिला। 7 जनवरी, 2022 को वायरल वीडियो को लेकर दिल्ली पुलिस के डीसीपी केपीएस मल्होत्रा ​​ने कहा कि मूल वीडियो जनरल बिपिन रावत की दुर्घटना के बाद हुई कैबिनेट बैठक का था और बैठक में सिखों को बेदखल करने की कोई बात नहीं हुई थी। ट्वीट को नीचे क्लिक करके देखें।

हमें 7 जनवरी, 2022 को PIB Fact Check का किया गया एक ट्वीट मिला, जिसमें इस वीडियो के स्क्रीनशॉट का इस्तेमाल किया गया। ट्वीट में वायरल वीडियो के बारे में किए जा रहे दावों को पूरी तरह से फर्जी बताया गया । PIB Fact Check ने ट्वीट करते हुए लिखा है : A tweet referring to a viral video claim that in a #Cabinet Committee meeting on Security, there was a call for the removal of Sikhs from the Indian Army.#PIBFactCheckRight-pointing triangle The claim is #Fake Right-pointing triangle No such discussion/meeting has taken place “

ऑडियो की जाँच

हमने फेसबुक पर ( Every single Punjabi ko nikaldo.. Ek baar ye Punjabi nikal jaye na toh it’ll come to light how effective they actually were ) से सर्च किया तो हमें कई एकाउंट्स और पेज पर यह ऑडियो क्लिप अपलोड मिली। Media VS Modia पर 7 जनवरी 2022 को यह ऑडियो क्लिप शेयर की गई थी, इसमें वायरल क्लिप को सुना जा सकता है।

सर्च के दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ा एक ट्वीट 5 जनवरी 2022 को अपलोड मिला। ट्विटर यूजर @himalayanwoman ने ऑप इंडिया के संपादक Nupur J Sharma के ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए क्लब हाउस में हुई चर्चा के ऑडियो को शेयर किया था। वायरल ऑडियो उसी दौरान का है। हालांकि, हम स्वतंत्र रूप सेे इसकी पुष्टि नहीं करते हैं कि ये ऑडियो कब और किस बारे में हुई चर्चा का है, लेकिन यह तय है कि वायरल ऑडियो को एडिट कर वीडियो से जोड़ा गया है।

वायरल वीडियो के बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने दैनिक जागरण के नेशनल ब्यूरो में कार्य करने वाले वरिष्ठ पत्रकार नीलू रंजन के साथ सम्पर्क किया। उनके साथ हमने वायरल दावे को भी शेयर किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। सरकार ने इस तरह का कोई फैसला नहीं लिया है। लोग सोशल मीडिया पर गलत खबरें फैला रहे हैं। यह खबर बेबुनियाद है।

पड़ताल के अंत में हमने इस वीडियो को शेयर करने वाले यूजर बागी सिंह हांगकांग की सोशल स्कैनिंग की। स्कैनिंग से हमें पता चला कि इस यूजर को 3,563 लोग फॉलो करते हैं। यूजर हांगकांग का रहना वाला है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत निकला । ये वीडियो CDS बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर क्रैश के बाद हुई कैबिनेट कमेटी की सुरक्षा बैठक का है। वायरल वीडियो में सुनाई दे रहा ऑडियो अलग से जोड़ा गया है।

False
Symbols that define nature of fake news
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