Fact Check : अमेरिका के होर्डिंग को छेड़छाड़ कर केजरीवाल के नाम से किया जा रहा है वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। दक्षिण अल्बामा के एक होर्डिंग के साथ छेड़छाड़ करके इसे तैयार किया गया।

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफॉर्म्स पर एक तस्‍वीर वायरल हो रही है। इसमें एक बोर्ड पर लिखा हुआ है कि देश में कुछ भी फ्री में नहीं मिलता। यदि आप बिना कुछ चुकाए कुछ पा रहे हैं तो करदाताओं को शुक्रिया करें। केजरीवाल को नहीं। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। यह फर्जी साबित हुई। दरअसल दक्षिण अल्बामा में लगे एक पुराने होर्डिंग के साथ छेड़छाड़ कर के केजरीवाल वाली लाइन अलग से जोड़ी गई है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर अरविंद पांडेय ने 25 फरवरी को एक होर्डिंग की तस्‍वीर को शेयर करते हुए लिखा : Such a brillian hoarding. Respect a tax payer.

होर्डिंग पर लिखा है : ‘Nothing in this country is free. If you are getting someting without paying for it, thank a taxpayer. Not to Kejriwal.’

फेसबुक पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसके आर्काइव्ड वर्जन को यहां देखें। फेसबुक पर कुछ अन्य यूजर्स ने भी इस तस्‍वीर को पोस्ट करते हुए समान दावा किया।

पड़ताल

दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशान साधते हुए वायरल की जा रही तस्‍वीर का सच जानने के लिए विश्‍वास न्‍यूज ने ऑनलाइन टूल का इस्‍तेमाल किया। गूगल रिवर्स सर्च इमेज टूल में वायरल होर्डिंग की तस्‍वीर अपलोड करके सर्च करना शुरू किया। सर्च के दौरान हमें ओरिजनल होर्डिंग की तस्‍वीर एक वेबसाइट पर मिली। इसे 4 जुलाई 2016 को पोस्‍ट किया गया था। इसमें कहीं भी केजरीवाल के नाम का जिक्र नहीं था। होर्डिंग को दक्षिण अल्बामा का बताया गया। इस तस्‍वीर को आप नीचे देख सकते हैं।

पड़ताल के दौरान @ALFreeMarket नाम के एक ट्विटर हैंडल पर भी ओरिजनल तस्‍वीर मिली। इसे 5 जुलाई 2015 को अपलोड करते हुए दक्षिण अल्बामा की बताया गया। इसे आप यहां देख सकते हैं।

पड़ताल के अगले चरण में विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल और ओरिजनल तस्‍वीर का तुलनात्‍मक अध्‍ययन किया। इसे आप नीचे देख सकते हैं। ओरजनल तस्‍वीर से छेड़छाड़ करके इस पर अलग से केजरीवाल लिखा गया है।

विश्‍वास न्‍यूज से बातचीत में आम आदमी पार्टी के प्रवक्‍ता ने भी वायरल पोस्‍ट को फेक बताया।

पड़ताल के अंत में फेसबुक यूजर अरविंद पांडेय की सोशल स्‍कैनिंग की गई। इसी अकाउंट से फेक पोस्‍ट को वायरल किया। इस अकाउंट के 1.4 हजार फ्रेंड हैं। यूजर कोलकाता में रहते हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। दक्षिण अल्बामा के एक होर्डिंग के साथ छेड़छाड़ करके इसे तैयार किया गया।

False
Symbols that define nature of fake news
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