Fact Check: राजस्‍थान के बूंदी में हुई बस एक्‍सीडेंट की खबर को दिल्‍ली का बताकर किया जा रहा है वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि दिल्‍ली दंगों के नाम पर जिस क्लिपिंग को वायरल किया जा रहा है, उसका सांप्रदायिक हिंसा से कोई संबंध नहीं है। फरवरी में राजस्‍थान के बूंदी में एक बस नदी में गिर गई थी। उसी से जुड़ी खबर की क्लिपिंग को अब झूठे दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। दिल्‍ली में हुए सांप्रदायिक उपद्रव के बाद से ही सोशल मीडिया में फर्जी खबरों की बाढ़-सी आई हुई है। कभी फर्जी तस्‍वीरों-वीडियो को वायरल किया जा रहा है तो कभी झूठी सूचनाओं को फैलाया जा रहा है। अब एक अखबार की क्लिपिंग को कुछ लोग वायरल करते हुए दावा कर रहे हैं कि संबंधित खबर दिल्‍ली में हुए दंगों की है।

विश्वास न्‍यूज ने जब वायरल पोस्‍ट की पड़ताल की तो दावा फर्जी निकला। जिस क्लिपिंग को वायरल किया जा रहा है, वह दरअसल राजस्‍थान के बूंदी में फरवरी में हुए एक बस एक्‍सीडेंट की है। इसे कुछ लोग जानबूझकर दिल्‍ली की सांप्रदायिक हिंसा से जोड़कर वायरल कर रहे हैं।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

फेसबुक पेज I Support Modi Ji and BJP ने 27 फरवरी को एक अखबार की क्लिपिंग को अपलोड करते हुए दावा किया : ”मरने वाले सभी हिन्दू हैं, लेकिन अगर प्रबुद्ध वर्ग की मानें तो दंगे हिन्दुओं ने किये हैं. #AntiHinduRiots”

इस पोस्‍ट को अब तक 596 लोग शेयर कर चुके हैं। इसके अलावा कई यूजर्स इसे अपने अपने अकाउंट पर नए सिरे से भी अपलोड कर रहे हैं।

इस पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल हो रही अखबार की क्लिपिंग की हेडिंग ‘हादसे ने छीन ली खुशियां, तीन परिवारों में सिर्फ बच्‍चे ही बचे’ को टाइप करके गूगल में सर्च किया। सर्च के जरिए हम bhaskar.com पर मौजूद एक खबर तक पहुंचे। दिल्‍ली दंगों के नाम पर वायरल हो रही अखबार की क्लिपिंग का कंटेंट और भास्‍कर का कंटेंट एक ही था।

मूल खबर राजस्‍थान के बूंदी जिले की थी। 27 फरवरी 2020 को प्रकाशित खबर में बताया गया था, ”बूंदी जिले में लाखेरी में कोटा-लालसोट मेगा हाईवे पर पापड़ी गांव के पास बुधवार सुबह 9:40 बजे भीषण बस हादसा हो गया। मेज नदी की बिना रेलिंग की संकरी पुलिया पर पहुंचते ही 29 लोगों से भरी मिनी बस का गियर अटक गया और अनियंत्रित होकर करीब 25 फीट नीचे नदी में जा गिरी। 24 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।” पूरी खबर आप यहां पढ़ सकते हैं।

इसके बाद हमने भास्‍कर के ईपेपर को खंगालना शुरू किया। हमें 27 फरवरी 2020 के अखबार में मूल खबर मिली। इसमें हमें वह पार्ट भी मिला, जिसे क्रॉप करके दिल्‍ली दंगों के नाम पर वायरल किया जा रहा है। पूरी खबर को आप नीचे पढ़ सकते हैं।

सर्च के दौरान हमें बूंदी एक्‍सीडेंट की खबरें कई वेबसाइट और Youtube चैनलों पर भी मिली। India TV ने 26 फरवरी को एक्‍सीडेंट के वीडियो को अपलोड करते हुए विस्‍तार से खबर के बारे में बताया था। यह आप नीचे देख सकते हैं।

पड़ताल के अगले चरण में विश्‍वास न्‍यूज ने बूंदी जिला कलेक्‍टर के ऑफिस में संपर्क किया। वहां से हमें कन्‍फर्म पता चला कि वायरल क्लिपिंग बूंदी में हुई बस एक्‍सीडेंट के दौरान मीडिया कवरेज की है। बूंदी के जिला कलेक्‍टर अंतर सिंह नेहरा के अनुसार, बस एक्‍सीडेंट में 24 लोगों की मौत हो गई थी।

अंत में हमने फर्जी खबर फैलाने वाले फेसबुक पेज I Support Modi Ji and BJP की सोशल स्‍कैनिंग की। हमें पता चला कि इस पेज को आठ लाख से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। इस पेज को 22 नवंबर 2015 को बनाया गया था।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि दिल्‍ली दंगों के नाम पर जिस क्लिपिंग को वायरल किया जा रहा है, उसका सांप्रदायिक हिंसा से कोई संबंध नहीं है। फरवरी में राजस्‍थान के बूंदी में एक बस नदी में गिर गई थी। उसी से जुड़ी खबर की क्लिपिंग को अब झूठे दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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