Fact Check: गुजरात डील पर बीजेपी विधायक ने नहीं दिया ये वायरल बयान

वायरल पोस्ट में दावा किया गया है कि बीजेपी विधायक गोपीचंद पडलकर ने एक बयान दिया है जिसमें कहा गया है कि अगर एमएसआरटीसी कार्यकर्ताओं को विलय के साथ प्रदान किया गया होता तो सेमीकंडक्टर्स को गुजरात जाने से रोका जा सकता था। विश्वास न्यूज़ ने पड़ताल में पाया कि पडलकर ने यह वायरल बयान नहीं दिया है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़): मेगा वेदांत-फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर प्लांट सौदे के महाराष्ट्र की जगह गुजरात के पास जाने के बाद से, महाराष्ट्र की शिंदे सरकार पर निशाना साधा जा रहा है। इस विवाद के बीच सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि भाजपा विधायक और प्रवक्ता गोपीचंद पडलकर ने कहा कि अगर एमवीए सरकार ने एमएसआरटीसी कर्मचारियों का विलय कर दिया होता तो सेमीकंडक्टर डील गुजरात के पास नहीं जाती। विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में वायरल दावे को फर्जी पाया।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर सोनाली कुलकर्णी ने फेसबुक ग्रुप पर एक ग्राफिक पोस्ट किया, और डिस्क्रिप्शन में लिखा अनुवाद: आज की सबसे ज़्यादा रिसर्च की गयी प्रतिक्रिया। वायरल ग्राफिक में भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर की तस्वीर के साथ उनका बताते हुए एक कोट था “अनुवाद: अगर एमवीए सरकार ने एमएसआरटीसी कर्मचारियों का विलय कर दिया होता तो सेमीकंडक्टर गुजरात नहीं जाता।”

पोस्ट और उसके आर्काइव वर्जन को यहां देखें।

पड़ताल:

विश्वास न्यूज ने वायरल ग्राफिक को गूगल लेंस की मदद से जांचा। हमने ग्राफिक पर लिखे टेक्स्ट को कॉपी किया और गूगल पर सर्च करना शुरू किया कि क्या गोपीचंद पडलकर ने वास्तव में यह बयान दिया है।

हमें इसके बारे में कोई खबर नहीं मिली। हालांकि, हमें गोपीचंद पडलकर के हालिया बयान के बारे में कुछ और खबरें मिलीं।

उन्होंने हाल ही में कहा था कि पवार को श्रीलंका के नेताओं की तरह भागना पड़ेगा।

खबर एक हफ्ते पहले की थी ।

फिर हमने वायरल ग्राफिक को फेसबुक पर ढूंढा। हमें फेसबुक पर शेयर किया गया एक ग्राफिक मिला। इस ग्राफिक को यंग महाराष्ट्र यंग महाराष्ट्र नामक एक फेसबुक पेज द्वारा साझा किया गया था, जिसमें लिखा, “श्रीलंकेतील नेते जनसे पळून गे ले जावं लागणार!” जिसका अनुवाद होता है “Pawar will have to flee like the leaders of Sri Lanka.”

जांच के आखिरी चरण में विश्वास न्यूज ने गोपीचंद पडलकर के निजी सहायक सुजीत पवार से संपर्क किया, जिन्होंने बताया कि वायरल दावा फर्जी है। हाल ही में वेदांता-फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर प्लांट सौदे पर गोपीचंद पडलकर ने वायरल बयान नहीं दिया।

जांच के आखिरी चरण में विश्वास न्यूज ने पोस्ट शेयर करने वाले यूजर का सोशल बैकग्राउंड चेक किया। सोनाली कुलकर्णी पुणे की रहने वाली हैं और उन्हें फेसबुक पर 321 लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: वायरल पोस्ट में दावा किया गया है कि बीजेपी विधायक गोपीचंद पडलकर ने एक बयान दिया है जिसमें कहा गया है कि अगर एमएसआरटीसी कार्यकर्ताओं को विलय के साथ प्रदान किया गया होता तो सेमीकंडक्टर्स को गुजरात जाने से रोका जा सकता था। विश्वास न्यूज़ ने पड़ताल में पाया कि पडलकर ने यह वायरल बयान नहीं दिया है।

False
Symbols that define nature of fake news
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