विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। दरअसल, प्रेस कॉन्फ्रेंस के पहले बीजेपी के जिला उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार और पार्टी के जिला मीडिया प्रभारी रमेश कलाल के बीच बहस शुरू हुई। फिर यह बहस हाथापाई में बदल गई। इसी वीडियो को यूजर्स अब गलत दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय में मारपीट करते हुए कुछ लोगों का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह अमरोहा में बीजेपी के कार्यालय में होने वाली एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का है, जहां पर पार्टी की तरफ से पत्रकारों को सवालों की लिस्ट दी गई थी। लेकिन एक पत्रकार ने बीजेपी नेताओं से लिस्ट से अलग सवाल पूछ लिया। इसलिए वहीं पर उसके साथ मारपीट की गई।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। दरअसल, प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पहले बीजेपी के जिला उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार और पार्टी के जिला मीडिया प्रभारी रमेश कलाल के बीच बहस शुरू हुई। फिर यह बहस हाथापाई में बदल गई। इसी वीडियो को यूजर्स अब गलत दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।
फेसबुक यूजर ‘बढ़ापुर कांग्रेस’ ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “अमरोहा में भाजपा की प्रेस वार्ता में मार पीट। जो सवाल पार्टी दफ्तर ने लिखकर दिये थे उनसे अलग सवाल पूछने की कोशिश कर रहा था पत्रकार।”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च करना शुरू किया। हमें दावे से जुड़ी रिपोर्ट (आर्काइव लिंक) दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 16 अप्रैल 2024 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा के कैबिनेट मंत्री बृजेश सिंह अमरोहा के जोया रोड स्थित कार्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस के लिए आए थे। लेकिन प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू होने से पहले ही जिला उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार और पार्टी के जिला मीडिया प्रभारी रमेश कलाल के बीच मारपीट शुरू हो गई। पहले दोनों के बीच बहस शुरू हुई, फिर दोनो ने कैबिनेट मंत्री के सामने ही मारपीट करना शुरू कर दिया।
दैनिक जागरण की खबर में भी यह खबर प्रकाशित हुई थी।
अमर उजाला की वेबसाइट पर 15 अप्रैल 2024 को प्रकाशित रिपोर्ट (आर्काइव लिंक) के अनुसार, संकल्प पत्र को लेकर कैबिनेट मंत्री बृजेश सिंह प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले थे। जब वो वहां पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने पहुंचे, तो वहां पर सिर्फ दो पत्रकार ही मौजूद थे, जिसे देखकर बृजेश सिंह ने नाराजगी जाहिर की। इसके बाद उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार ने पत्रकारों को फोन कर वहां पर प्रेस कांफ्रेंस के लिए बुलाया। इसी बात को लेकर कृष्ण कुमार और रमेश कलाल में बहस शुरू हो गई, जो देखते ही देखते मारपीट में बदल गई। बृजेश सिंह के हस्तक्षेप के बाद मारपीट शांत हुई और उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि बड़ा परिवार है, इसलिए छोटी-छोटी बातें हो जाती हैं।
अधिक जानकारी के लिए हमने अमरोहा दैनिक जागरण के जिला प्रभारी अनिल अवस्थी से संपर्क किया। उन्होंने वायरल दावे को गलत बताया है। उन्होंने हमें बताया कि यह मारपीट जिला उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार और पार्टी के जिला मीडिया प्रभारी रमेश कलाल के बीच हुई थी। इसमें किसी पत्रकार को नहीं पीटा गया था।
अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से जुड़ी पोस्ट को शेयर करता है। प्रोफाइल पर यूजर ने खुद को उत्तर प्रदेश का रहने वाला बताया हुआ है।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। दरअसल, प्रेस कॉन्फ्रेंस के पहले बीजेपी के जिला उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार और पार्टी के जिला मीडिया प्रभारी रमेश कलाल के बीच बहस शुरू हुई। फिर यह बहस हाथापाई में बदल गई। इसी वीडियो को यूजर्स अब गलत दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।
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