नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर बीबीसी न्यूज के हवाले से अमेरिकी खुफिया एजेंसी ”CIA, ISI और मोसाद” के सर्वे को लेकर एक खबर वायरल हो रही है। सर्वे में दावा किया गया है कि बीजेपी कथित रूप से 2019 का चुनाव हार रही है। सर्वे में बीजेपी की अगुआई वाले NDA को मिलने वाली सीटों को लेकर अनुमान लगाया गया है।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह सर्वे गलत साबित होता है।
सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक और वॉट्सऐप) वायरल पोस्ट में दावा किया गया है, ‘बीजेपी सीटें हारेगी और 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद सरकार नहीं बना पाएगी-CIA सर्वे।’ इसमें कहा गया है, ”एनडीए को जहां सबसे खराब स्थिति में 145 सीटें मिलेंगी। वहीं, उसका बेहतरीन प्रदर्शन 177 सीटों का रहेगा।”
सर्वे में राज्यवार सीटों का आंकड़ा भी दिया गया है।
जब हमने इसकी पड़ताल के सोशल मीडिया स्कैनिंग का सहारा लिया, तो हमें पता चला कि यही सर्वे अलग-अलग दावे के साथ फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सऐप पर वायरल हो चुका है। कुछ सर्वे में मोसाद, आईएसआई और सीआईए के सर्वे का हवाला देते हुए बीजेपी के जीतने का दावा किया गया है।
ट्विटर पर वायरल हो रही एक पोस्ट में ‘CIA (अमेरिकी खुफिया एजेंसी) और ISI (पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी)’ का हवाला देते हुए कहा गया है, ‘बीजेपी की सीटें बढ़ेंगी और वह 2019 का लोकसभा चुनाव जीतेगी-CIA और ISI सर्वे।’ पोस्ट के मुताबिक, बीजेपी को जहां खराब प्रदर्शन की स्थिति में 323 सीटें मिलेंगी। वहीं, बेहतर प्रदर्शन 380 सीटों का रहेगा।
सभी वायरल हो रहे पोस्ट में बीबीसी (https://www.bbc.co.uk/news) का लिंक दिया है। जैसे ही आप इस पर क्लिक करते हैं, यह आपको बीबीसी अंग्रेजी के होम पेज पर ले जाता है, जहां आपको ऐसे किसी सर्वे की जानकारी नहीं मिलती।
इससे पहले भी बीबीसी के हवाले से सर्वे से जुड़ा एक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसे लेकर पूछे गए विश्वास न्यूज के सवालों का जवाब देते हुए बीबीसी ने कहा था कि वह भारत में कोई प्री-पोल सर्वे नहीं कराता है। बीबीसी के प्रवक्ता के मुताबिक, ‘वॉट्सऐप और फेसबुक पर लोकसभा चुनाव को लेकर बीबीसी न्यूज के हवाले से फर्जी सर्वे वायरल हो रहा है। हम कहना चाहते हैं कि यह पूरी तरह फर्जी है और इसका बीबीसी से कोई लेना-देना नहीं है। बीबीसी भारत में चुनाव पूर्व सर्वे नहीं कराता है।’
बीबीसी न्यूज हिंदी के संपादक मुकेश शर्मा भी ऐसे किसी सर्वे का खंडन कर चुके हैं। फेसबुक पर लिखी पोस्ट में उन्होंने कहा, ‘ बीबीसी ये स्पष्ट करना चाहता है कि न तो बीबीसी चुनावी सर्वेक्षण कराता है और न ही किसी एक पक्ष की ओर से किए गए ‘इलेक्शन सर्वे’ को प्रकाशित ही करता है। इससे पहले भी बीबीसी ने उसके नाम पर होने वाले चुनावी सर्वेक्षणों की विश्वसनीयता का खंडन किया है।’
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की पड़ताल में सोशल मीडिया पर BBC के हवाले से वायरल हो रहा चुनावी सर्वे फर्जी साबित होता है। बीबीसी ऐसा कोई चुनावी सर्वेक्षण नहीं कराता है और न ही किसी एक पक्षीय सर्वे को प्रकाशित करता है।
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