Fact Check : ‘द केरल स्टोरी’ के समर्थन में बीबीसी ने नहीं किया वायरल ट्वीट, यह फर्जी है

बीबीसी न्‍यूज के असली ट्वीट के साथ छेड़छाड़ करके वायरल ट्वीट तैयार किया गया है। इसका बीबीसी न्‍यूज से किसी प्रकार का कोई संबंध नहीं है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। फिल्‍म ‘द केरल स्टोरी’ को लेकर बीबीसी न्‍यूज का एक कथित ट्वीट वायरल हो रहा है। इस ट्वीट में ‘द केरल स्टोरी’ के समर्थन की बात कही गई है। ट्वीट को असली समझकर कुछ सोशल मीडिया यूजर्स इसे वायरल कर रहे हैं। विश्‍वास न्‍यूज ने इसकी जांच की। यह पूरी तरह फर्जी साबित हुआ। बीबीसी न्‍यूज के असली ट्वीट के साथ छेड़छाड़ करके वायरल ट्वीट तैयार किया गया है। इसका बीबीसी न्‍यूज से किसी प्रकार का कोई संबंध नहीं है। इस व्‍यंग्‍यात्‍मक पोस्‍ट को सच समझकर वायरल किया जा रहा है। 

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर आशीष आर्या ने 4 मई को बीबीसी न्‍यूज के नाम पर वायरल हो रहे फर्जी ट्वीट को पोस्‍ट किया। इस ट्वीट में अंग्रेजी में लिखा हुआ था, “If you can welcome our documentary on Narendra Modi, Which was based on lies. Learn to tolerate ‘The Kerala Story’ which is based on real life incidents. Freedom of Expression  cannot be one sided.”

इसका हिंदी अनुवाद कुछ यूं होगा, “यदि आप नरेंद्र मोदी पर हमारे वृत्तचित्र का स्वागत कर सकते हैं, जो झूठ पर आधारित था। ‘द केरल स्टोरी’ को सहन करना सीखें, जो वास्तविक जीवन की घटनाओं पर आधारित है। अभिव्यक्ति की आजादी एकतरफा नहीं हो सकती।”

पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों ही लिखा गया है। इसे सच मानकर कई यूजर्स वायरल कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल ट्वीट की सच्‍चाई जानने के लिए सबसे पहले बीबीसी न्‍यूज के आधिकारिक ट्विटर हैंडल को स्‍कैन किया। टाइमलाइन टूल का इस्‍तेमाल करते हुए वायरल ट्वीट में दिख रही तारीख और समय के आधार पर असली ट्वीट को खोजना शुरू किया।

सर्च के दौरान 3 मई 2023 को 7:20 बजे हमें वह ट्वीट नहीं मिला, जो वायरल किया जा रहा है। इसकी जगह हमें रवांडा में बाढ़ और भूस्‍खलन के कारण मारे गए लोगों से जुड़ी एक खबर मिली।

विश्‍वास न्‍यूज ने असली और फर्जी ट्वीट का तुलनात्‍मक अध्‍ययन किया। इसे आप नीचे देख सकते हैं। इसमें समय और तारीख में समानताएं नजर आईं।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए बीबीसी हिंदी के संपादक मुकेश शर्मा से संपर्क किया। उनके साथ वायरल ट्वीट को शेयर किया। उन्‍होंने जानकारी देते हुए बताया कि यह पूरी तरह फेक है। इसमें कोई सच्‍चाई नहीं है।

पड़ताल के अंत में फर्जी ट्वीट को पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की गई। पता चला कि फेसबुक यूजर आशीष आर्या बिहार के बेगूसराय का रहने वाला है। इस अकाउंट को जुलाई 2020 को बनाया गया था। इसे 242 लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: बीबीसी न्‍यूज के असली ट्वीट के साथ छेड़छाड़ करके वायरल ट्वीट तैयार किया गया है। इसका बीबीसी न्‍यूज से किसी प्रकार का कोई संबंध नहीं है।

False
Symbols that define nature of fake news
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