Fact Check: EVM से ही होंगे विधानसभा चुनाव, बैलेट पेपर को लेकर फैल रही खबर महज अफवाह

विश्वास टीम (नई दिल्ली)। चुनाव आयोग के महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा किए जाने के बाद एक बार फिर से सोशल मीडिया पर ईवीएम को लेकर अफवाहें तेजी से वायरल हो रही हैं। राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने का आदेश दिया है।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। चुनाव आयोग के मुताबिक राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का ही इस्तेमाल किया जाएगा।

क्या है वायरल पोस्ट में?

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही पोस्ट के साथ एक वीडियो को शेयर किया गया है। पोस्ट में लिखा हुआ है, ‘कांग्रेस के लिए खुशखबरी, अब चार राज्यों में होंगे बैलेट पेपर से चुनाव-सुप्रीम कोर्ट का आदेश।’

फेसबुक पर वायरल हो रही फर्जी खबर

फेसबुक पर इस वीडियो को ”समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश”, **_/जो नबी का नहीं वो हमारा नहीं, वो हमारा नहीं_/**, और ”Vote for AIMIM” से शेयर किया गया है।

यही पोस्ट अन्य फेसबुक यूजर्स की वॉल पर भी समान दावे के साथ शेयर हुआ है, जिसे नीचे देखा जा सकता है।

पड़ताल

फेसबुक पोस्ट में  एक वीडियो के लिंक का इस्तेमाल किया गया है, जो हिंदी लायंस (Hindi Loins) नाम के यू-ट्यूब चैनल का है। वायरल पोस्ट में इस्तेमाल किए गए वीडियो को इस पेज पर 16 सितंबर 2019 में अपलोड किया गया है।

https://www.youtube.com/watch?v=tIhrveeKiZI&feature=share&fbclid=IwAR0jKYYDRGTADZZWZqm0UHNw3C4SeHcVnFNVaNYGDPYbM6eu2c8hBPzhNR0

हालांकि, इस वीडियो में कहीं भी इस दावे का जिक्र नहीं किया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चार राज्यों में ईवीएम की बजाए बैलेट पेपर से चुनाव होंगे।

गौरतलब है कि 21 सितंबर को निर्वाचन आयोग ने महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया है। चुनाव आयोग की घोषणा के मुताबिक, दोनों राज्यों में 21 अक्टूबर को चुनाव कराए जाएंगे और मतगणना 24 अक्टूबर को होगी।

न्यूज सर्च में हमें मुख्य चुनाव आयुक्त का बयान मिला, जिसमें उन्होंने कहा था कि विधानसभा चुनाव ईवीएम से ही होंगे।

पिछले हफ्ते मुंबई में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रतिनिधिमंडल से मिलने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा, ‘बैलेट पेपर अब इतिहास हो चुका है और अब इससे चुनाव कराना संभव नहीं है। ईवीएम के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। यह किसी अन्य मशीन की तरह खराब हो सकती है, लेकिन इसमें छेड़छाड़ नहीं किया जा सकता। यह एक स्टैंडअलोन मशीन है।’

गौरतलब है कि पिछले आम चुनाव के दौरान देश में ईवीएम की बजाए बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने की मांग की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।

इकोनॉमिक टाइम्स में 22 नवंबर 2018 को प्रकाशित खबर के मुताबिक, ‘सुप्रीम कोर्ट ने आगामी विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में ईवीएम के बदले बैलेट पेपर का इस्तेमाल किए जाने की याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि कोई भी सिस्टम परफेक्ट नहीं होता। एनजीओ न्याय भूमि की तरफ से ए सुब्बा राव ने यह जनहित याचिका कोर्ट में दायर की थी। उन्होंने कहा था कि ईवीएम का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है और इसलिए इसका इस्तेमाल चुनावों के दौरान नहीं किया जाना चाहिए।’

सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद 2019 का आम चुनाव ईवीएम से ही हुआ था। चुनाव आयोग की प्रवक्ता शेफाली शरण ने विश्वास न्यूज से बातचीत में कहा, ‘बैलेट पेपर से चुनाव कराने का सवाल ही नहीं होता है। इस बारे में मुख्य चुनाव आयुक्त मुंबई में हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्थिति स्पष्ट कर चुके हैं।’

निष्कर्ष: राज्यों के विधानसभा चुनाव में ईवीएम की बजाए बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने के दावे के साथ वायरल हो रही खबर फर्जी है। निर्वाचन आयोग यह साफ कर चुका है कि राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में भी ईवीएम का ही इस्तेमाल किया जाएगा।

False
Symbols that define nature of fake news
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