Fact Check: असम में मंदिर के पुजारियों को प्रति माह 15 हजार रुपये वेतन दिए जाने के दावे के साथ वायरल पोस्ट भ्रामक

कोविड-19 आपदा के कारण उत्पन्न आर्थिक कठिनाई को ध्यान में रखते हुए असम सरकार नमघरिया और मंदिरों के पुजारियों को एकमुश्त सहायता के तौर पर 15,000 रुपये देने का फैसला किया है, न कि मासिक वेतन के तौर पर।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर धड़ल्ले से शेयर हो रहे एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि असम की सरकार ने मंदिर के पुजारियों को 15 हजार रुपये प्रति महीना वेतन देने का फैसला लिया है। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर अनगिनत यूजर्स इस दावे को सच मानते हुए शेयर कर रहे हैं।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा भ्रामक निकला। कोरोना महामारी की वजह से अन्य क्षेत्रों की तरह मंदिरों में होने वाली गतिविधियों को भी बंद करना पड़ा था, जिससे मंदिरों की आय में कमी आई और पुजारियों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा। इसे देखते हुए असम सरकार ने राज्य के पुजारियों को एकमुश्त सहायता के रूप में 15 हजार रुपये की सहायता राशि देने का फैसला था, न कि सरकार ने हर महीने पुजारियों को वेतन देने की घोषणा की थी।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ‘राजेश यदुवंशी’ ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा है, ”असम सरकार अब मंदिर के पुजारियों को देगी प्रति माह 15000/ महीना..सभी सनातनियो को बधाई!! 🙏
चमचे तो वैसे ही जल भुन गए जायेंगे सुन के ही।”

सोशल मीडिया पर अनगिनत यूजर्स ने इस पोस्ट को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। कई यूजर्स इस पोस्ट को शेयर करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर सियासी निशाना साध रहे हैं।

सोशल मीडिया पर भ्रामक दावे के साथ वायरल पोस्ट

पड़ताल


वायरल दावे के आधार पर कीवर्ड सर्च करने पर हमें दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 25 अगस्त 2021 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली, जिसके मुताबिक असम सरकार ने मंदिर के पुजारियों को 15,000 रुपये की आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘कोरोना महामारी के कारण विगत डेढ वर्ष से सबकुछ लगभग ठप हो गया था। अनेकों ने अपने रोजगार गंवा दिए। सभी क्षेत्रों की आय घट गई है, जिसमें मंदिरों का भी समावेश है। कोरोना के कारण मंदिर में आनेवाले श्रद्धालुओं की संख्या अत्यल्प हो जाने के कारण मंदिर की आय भी अत्यल्प हो गई है। इस कारण अनेक मंदिरों से पुजारियों को निलंबित करना पड़ा। इसलिए मंदिरों पर निर्भर पुजारियों को बड़े आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे समय में पुजारियों को 15 हजार रुपये की सहायता करने से कुछ मात्रा में संबल मिलेगा।’

दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 25 अगस्त 2021 को प्रकाशित रिपोर्ट

रिपोर्ट में आगे लिखा गया है, ‘हिंदू जनजागृति समिति का कहना है कि एक बार आर्थिक सहायता देने से काम नहीं चलेगा। मदरसों-मस्जिदों की तरह पुजारियों को भी नियमित मासिक भत्ता या मानदेय मिलना चाहिए।’

इससे स्पष्ट है कि असम सरकार की तरफ से लिया गया यह फैसला एकमुश्त सहायता राशि के तौर पर 15,000 रुपये देने का था, न कि हर महीने 15,000 रुपये वेतन के तौर पर देने का।

चार नवंबर को हुई कैबिनेट की बैठक में असम सरकार ने यह फैसला लिया था। कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री केशब महंता ने बताया था कि कोविड-19 आपदा के कारण उत्पन्न आर्थिक कठिनाई को ध्यान में रखते हुए असम सरकार नमघरिया और मंदिरों के पुजारियों को एकमुश्त सहायता के तौर पर 15,000 रुपये की मदद देगी। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने यह बिल्कुल नहीं कहा कि सरकार प्रति महीने पुजारियों को 15 हजार रुपये का वेतन देगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस के वीडियो में इस घोषणा को 0.41 सेकेंड से 0.59 सेकेंड के फ्रेम में सुना और देखा जा सकता है।

इस बात की जानकारी चार नवंबर को असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा के वेरिफाइड फेसबुक पेज से साझा की गई है, जिसके मुताबिक नमघरिया और मंदिर के पुजारियों को 15,000 रुपये की एकमुश्त सहायता राशि दी जाएगी।

https://www.facebook.com/himantabiswasarma/photos/pcb.10158842044373983/10158842043888983

अन्य न्यूज रिपोर्ट में असम सरकार की इस घोषणा का जिक्र किया गया है। विश्वास न्यूज ने इस मामले को लेकर असम के स्थानीय अखबार से संबंधित पत्रकार जयंत कालिटा से संपर्क किया। उन्होंने कहा, ‘वायरल हो रहा पोस्ट भ्रामक है। किसी ने नहीं कहा कि नमघरिया और मंदिर के पुजारियों को हर महीने 15,000 रुपये का वेतन दिया जाएगा। हां, राज्य सरकार ने उन्हें 15,000 रुपये देने का फैसला किया है, लेकिन यह राशि एकमुश्त सहायता के रूप में दी जाएगी न कि मासिक वेतन के तौर पर।’

वायरल पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब 10 हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: असम में मंदिर के पुजारियों को हर महीने 15 हजार रुपये का वेतन दिए जाने के दावे के साथ वायरल पोस्ट भ्रामक है। कोविड-19 आपदा के कारण उत्पन्न आर्थिक कठिनाई को ध्यान में रखते हुए असम सरकार नमघरिया और मंदिरों के पुजारियों को एकमुश्त सहायता के तौर पर 15,000 रुपये देने का फैसला किया है, न कि मासिक वेतन के तौर पर।

False
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