Fact Check : पटना में नहीं मिली सम्राट अशोक की मूर्ति, वायरल तस्‍वीर पाकिस्‍तान की है

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। पाकिस्‍तान के कराची में मौजूद बुद्ध की पुरानी तस्‍वीर को अब कुछ लोग पटना के नाम पर वायरल कर रहे हैं।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर एक मूर्ति की तस्‍वीर वायरल हो रही है। इसके बारे में दावा किया जा रहा है कि पटना में सम्राट अशोक की यह मूर्ति मिली है। विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। पाकिस्‍तान के कराची में मौजूद बुद्ध की पुरानी तस्‍वीर को अब कुछ लोग पटना के नाम पर वायरल कर रहे हैं।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर गजेंद्र मूलनिवासी ने 7 जून को एक तस्‍वीर को अपलोड करते हुए दावा किया : ‘पाटलिपुत्र के पटना में #सम्राटअशोक की मूर्ति मिली #ये सबूत है कि #हमारे इतिहास को कितनी_दरिंदगी से दफनाया गया था’

इस पोस्‍ट को सच मानकर कई यूजर्स इसे वायरल कर रहे हैं।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल हो रही तस्‍वीर को गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च किया। हमें पता चला कि ओरिजनल तस्‍वीर भारत की नहीं, बल्कि पाकिस्‍तान की है। हमें ओरिजनल तस्‍वीर पाकिस्‍तान की न्‍यूज वेबसाइट tribune.com.pk पर मिली। इस तस्‍वीर को अख्‍तर खान नाम के फोटोग्राफर ने क्लिक की थी। 17 नवंबर 2017 को पब्लिश इस खबर के अनुसार, कराची के नेशनल म्‍यूजियम के कूड़े में स्‍लीपिंग बुद्धा की मूर्तियां पड़ी हुईं मिली थी।

खबर के अनुसार, यह मूर्ति 2012 में कोरांगी की आवामी कॉलोनी में मिली थी। इसे अन्‍य कीमती सामान के साथ गैरकानूनी ढंग से ले जाया जा रहा था। यह मूर्ति कम से कम 15 सौ साल पुरानी है।

पूरी खबर आप यहां पढ़ सकते हैं।

अधिक जानकारी के लिए हमने Jagran.com के बिहार डिजिटल डेस्‍क प्रभारी अमित आलोक से संपर्क किया। उन्‍होंने हमें बताया कि सम्राट अशोक की मूर्ति ऐसी हालत में पटना में नहीं मिली है। इतिहास के साथ दरिंदगी की यह बात निराधार है। इस मूर्ति का पटना से कोई संबंध नहीं है।

वायरल पोस्‍ट को लेकर पटना म्यूजियम के संग्रह अध्‍यक्ष शंकर सुमन ने बताया कि इस तरह की मूर्ति की पटना म्यूजियम या बिहार म्यूजियम को जानकारी नहीं है।

अंत में हमने पाकिस्‍तान की तस्‍वीर पटना के नाम से वायरल करने वाले फेसबुक यूजर की जांच की। हमें पता चला कि गजेंद्र मूलनिवासी नाम के इस अकाउंट को जुलाई 2018 में बनाया गया था।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। पाकिस्‍तान के कराची में मौजूद बुद्ध की पुरानी तस्‍वीर को अब कुछ लोग पटना के नाम पर वायरल कर रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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