Fact Check: चुनाव आयोग के आदेश पर अमेठी से सुल्तानपुर ले जाए जा रहे थे रिजर्व EVMs

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक ट्रक में ईवीएम (ईलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) की लोडिंग की जा रही है। वीडियो बनाने वाले व्यक्ति का दावा है कि उत्तर प्रदेश के अमेठी के स्ट्रॉन्ग रूम से ईवीएम को संदेहास्पद रूप से बाहर निकाला जा रहा है। उनका दावा है कि उम्मीदवार को बताए बिना स्ट्रॉन्ग रूम को खोला गया और इस बारे में प्रशासन को बार-बार सूचना दिए जाने के बाद भी कोई अधिकारी मौके पर नहीं आया।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में अमेठी के स्ट्रॉन्ग रूम से ईवीएम को संदिग्ध तरीके से स्थानांतरित करने का दावा गलत साबित होता है।

पड़ताल

ईवीएम से जुड़ा यह वीडियो फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सऐप पर तेजी से वायरल हो रहा है। झारखंड कांग्रेस के स्टेट को-ऑर्डिनेटर होने का दावा करने वाले संजय श्रीवास्तव में इस वीडियो को अपने हैंडल पर यह कहते हुए शेयर किया है, ‘अमेठी में EVM की चोरी पकड़ी गई। स्ट्रांग रूम से निकालकर ट्रक में लाद कर ले जा रहे थे EVM @INCIndia कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पकड़ा ट्रक।’

उन्होंने यह वीडियो 8 मई 2019 को शेयर किया, जिसे पड़ताल किए जाने तक 1300 बार रिट्वीट किया जा चुका है, जबकि उसे 1900 लोग लाइक्स कर चुके हैं।

फेसबुक पर भी इसे कल लोगों ने शेयर किया है। खालिद सलमानी की वॉल से इस वीडियो को यह कहते हुए शेयर किया गया है,

‘अमेठी में बिना किसी को सूचना दिए स्ट्रांग रूम का ताला खोलकर ले जाई जा रही है EVM और VVPAT मशीने, बीजेपी प्रत्याशी को जिताने काप्रयास, प्रशासन जबाब नही दे रहा है। 👇वीडियो देखें’

उन्होंने यह वीडियो 9 मई को शेयर किया है। पड़ताल किए जाने तक उनके प्रोफाइल से इस  वीडियो को करीब 8500 बार देखा जा चुका है और उनकी पोस्ट को 229 बार शेयर किया जा चुका है।

इसे लेकर जब हमने अमेठी की एडीएम वंदिता श्रीवास्तव से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के आदेश के मुताबिक ”कैटेगरी डी” (अनयूज्ड रिजर्व) वाले ईवीएम को अमेठी से सुल्तानपुर भेजा गया। उन्होंने बताया कि पिछले चुनाव के अनुभव को देखते हुए रिजर्व ईवीएम की संख्या में इजाफा किया गया है, ताकि ईवीएम के खराब निकलने की स्थिति में उसे समय रहते बदला जा सके।

उन्होंने कहा कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है, जो हर चुनाव में होता है। उन्होंने कहा, ‘चौथे चरण के चुनाव के बाद अमेठी को भी उन्नाव से 100 कंट्रोल यूनिट और 200 वीवीपैट मिले थे।’

श्रीवास्तव ने कहा, ‘सभी ईवीएम को जनपद सुल्तानपुर भेजने हेतु EVM/VVPAT के स्थानांतरण का कार्य ECI द्वारा तय की गई प्रक्रिया के अनुसार EMS और मोबाइल एप के माध्यम से किया जाना था। इस हेतु कैटेगरी D के स्ट्रॉन्ग रूम से संबंधित तहसीलदार की उपस्थिति में मशीन को वेयर हाउस लाया गया, जहां से उनकी जांच के बाद सुल्तानपुर भेजा गया।’ सुल्तानपुर में छठे चरण के तहत 12 मई को मतदान होना है।

चुनाव आयोग के सर्कुलर के मुताबिक चुनाव में चार तरह के ईवीएम का इस्तेमाल किया जाता है।

पहली कैटेगरी A में वह ईवीएम शामिल हैं, जिनसे चुनाव कराया जा चुका है। दूसरी कैटेगरी B में वह मशीनें शामिल होती हैं, जिनसे मतदान हो चुका होता है लेकिन वह खराब पाई गईं। कैटेगरी C में उन मशीनों को रखा जाता है, जो खराब हैं और मतदान में जिनका इस्तेमाल नहीं किया गया है, जबकि कैटेगरी D में वह मशीनें होती हैं, जो ठीक होती हैं और जिन्हें रिजर्व में रखा जाता है।

आयोग के दिशानिर्देशों के मुताबिक कैटेगरी डी की मशीनों को स्ट्रॉन्ग रूम से अलग रखा जाता है, ताकि जरूरत पड़ने पर अगले चुनाव में उनका तत्काल इस्तेमाल किया जा सके।

श्रीवास्तव ने कहा, ‘जिन ईवीएम को बाहर निकाला गया, वह कैटेगरी डी की मशीनें थीं और उन्हें स्ट्रॉन्ग रूम में नहीं रखा गया था।’

मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए हमने अमेठी के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (डीएम) के आधिकारिक नंबर पर फोन लगाया। फोन उठाने वाले व्यक्ति ने अपनी पहचान मुख्य विकास अधिकारी (CDO) की बताई। उन्होंने अपना नाम प्रभुनाथ बताया और बताया कि डीएम अभी अवकाश पर हैं।

विश्वास न्यूज ने जब उनसे ईवीएम से जुड़े वीडियो की सत्यता के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि वायरल हो रहा वीडियो अमेठी का ही है, लेकिन उसके साथ किया जा रहा दावा पूरी तरह से गलत है। उन्होंने बताया कि संबंधित वीडियो 8 मई 2019 का है।

सीडीओ ने कहा कि जिन ईवीएम को ट्रकों में डालते हुए देखा जा रहा है, वह बिना इस्तेमाल वाले ईवीएम (कैटेगरी डी) थे, जिन्हें चुनाव के अगले दिन सुल्तानपुर जनपद भेजा रहा था।

प्रत्येक चुनाव में ईवीएम को रिजर्व में रखा जाता है और जिन ईवीएम को ट्रक में डाला जा रहा है, वह उन्हीं रिजर्व ईवीएम का हिस्सा थे। उन्होंने बताया कि ईवीएम को आवंटित किए जाने का आदेश चुनाव आयोग की तरफ से आता है और इसी के मुताबिक, इस्तेमाल में नहीं आए ईवीएम को बाहर भेजा जा रहा था।

उन्होंने कहा, ‘आवंटन 200 VVPAT और 100 कंट्रोल यूनिट का था, जिसे ट्रक में डाला जा रहा है। प्रोटोकॉल के मुताबिक, ऐसे अनयूज्ड मशीनों (कैटेगरी D) को चुनाव के अगले दिन मूव करना होता है और ऐसा ही किया गया।’

उन्होंने कहा कि अमेठी में चुनाव के बाद 7 मई को कांग्रेस, बीजेपी समेत सभी दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में स्ट्रॉन्ग रूम को सील किया गया। इसके बाद लखनऊ निर्वाचन अधिकारी के आवंटन आदेश के मुताबिक, ईवीएम को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया 8 मई 2019 को शुरू की गई।

चुनाव आयोग की अधिसूचना के मुताबिक, छठे चरण में उत्तर प्रदेश की 14 सीटों पर चुनाव होना है, जिसमें सुल्तानपुर लोकसभा सीट भी शामिल है। पांचवें चरण के तहत अमेठी समेत उत्तर प्रदेश की 14 लोकसभा सीटों पर 6 मई को चुनाव हो चुका है।

वीडियो में दूसरा दावा प्रत्याशियों को सूचना दिए बिना स्ट्रॉन्ग रूम को खोलने का है। सीडीओ ने इसका खंडन करते हुए कहा कि जिन ईवीएम को बाहर निकाला गया, वह एक ही परिसर में मौजूद दूसरे कमरे में रखे गए थे, न कि चुनाव वाले ईवीएम के साथ स्ट्रॉन्ग रूम में। एडीएम श्रीवास्तव के मुताबिक ”कैटेगरी D” वाले ईवीएम के मूवमेंट की सूचना प्रत्याशियों को थी।

प्रभुनाथ ने कहा, ‘मशीनों को चुनाव वाले ईवीएम (Polled EVM) के स्ट्रॉन्ग रूम में नहीं रखा गया था, बल्कि उन्हें Unused Resrved EVM (Category D) के लिए निर्दिष्ट स्थान में रखा गया था।’

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में उत्तर प्रदेश के अमेठी के स्ट्रॉन्ग रूम से ईवीएम को संदिग्ध तरीके से मूव किए जाने का दावा गलत साबित होता है। जिन ईवीएम को ट्रक में लादते हुए देखा जा रहा है, वह अनयूज्ड ईवीएम थे, जिन्हें आयोग के आदेश पर अमेठी से सुल्तानपुर भेजा जा रहा था।

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