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Fact Check : अरविंद केजरीवाल के इंटरव्‍यू की क्लिप से की गई छेड़छाड़, यूजर्स सच मान कर रहे हैं शेयर

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में अरविन्द केजरीवाल का वायरल वीडियो फर्जी साबित हुआ। वायरल वीडियो को एडिट करके इसमें छेड़छाड़ की गई है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल का एक एडिटेड वीडियो वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्लेटफार्म पर वायरल इस वीडियो में अरविन्द केजरीवाल को एक इंटरव्यू में बातचीत करते हुए देखा जा सकता हैं। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है, “अरविन्द केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और आप विधायक भ्रष्टाचार का पैसा लेते हैं। विश्वास न्यूज़ ने वायरल वीडियो की जांच की। जिसमें यह वीडियो एडिटेड निकली। वायरल वीडियो का वह हिस्सा जहां केजरीवाल ‘नहीं’ कह रहा है, उसे एडिट करके जोड़ा गया है, ताकि लोगों को ऐसा लगे कि अरविन्द केजरीवाल भ्रष्टाचार को स्वीकार कर सकें। पड़ताल में पता चला कि वायरल वीडियो में जहां केजरीवाल ने ‘नहीं’ शब्‍द का यूज किया था, उसे एडिट करके हटा दिया। जिसके कारण पूरे वीडियो का अर्थ ही बदल गया। वायरल वीडियो में दाएं साइड सटायर भी लिखा है। इसके बावजूद लोग इसे सच समझकर वायरल कर रहे हैं।

पड़ताल

फेसबुक यूजर Manoj Gupta ने 7 अप्रैल को एक वीडियो अपलोड करते हुए लिखा : “आखिरकार अरविन्द केजरीवाल ने सच बोल ही दिया…”

वायरल वीडियो में अरविन्द केजरीवाल को कथित रूप से यह बोलते हुए देखा जा सकता है, “पहले पैसे मुख्यमंत्री तक पहुंचता था। तो फिर नीचे सारा, पूरा सिस्टम ऐसा बनाया जाता था, तो किसी को कुछ फैसिलिटेट करना है, नीचे पैसे लेने हो। तो सारा इस डिपार्टमेंट से भी, उस डिपार्टमेंट से भी, पुलिस से भी, तहसीलदार से भी, इससे भी। सारा पैसा इकट्ठा करके ऊपर तक जाता था। अब हमारे भगवंत मान भी पैसे लेते। मैं भी लेता, मंत्री भी लेते, एम.एल.ए भी लेते। वहां पर तहसीलदारों की मीटिंग हुई है पंजाब में, उन्होंने कहा कि भाई अब नीचे से भी लेने और ऊपर भी पंहुचाना।”

फैक्ट चेक के उद्देश्य से पोस्ट में लिखी गई बातों को यहां ज्यों का त्यों पेश किया गया है। इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर भी कई अन्य यूजर्स ने इसे समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो का सच जानने के लिए सबसे पहले वीडियो को ध्यान से देखा। वीडियो में इंडिया टीवी का लोगो और पत्रकार सौरभ शर्मा दिख रहे थे। इसलिए हमने संबंधित कीवर्ड की सहायता से वायरल वीडियो को ढूंढना शुरू किया। इस दौरान हमें आम आदमी पार्टी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो 4 अप्रैल 2022 को अपलोडेड मिला। वीडियो में 4:36 मिनट से लेकर 4:59 मिनट तक केजरीवाल को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “पहले पैसे मुख्यमंत्री तक पहुंचता था। तो फिर नीचे सारा, पूरा सिस्टम ऐसा बनाया जाता था, तो किसी को कुछ फैसिलिटेट करना है, नीचे पैसे लेने दो। तो सारा इस डिपार्टमेंट से भी, उस डिपार्टमेंट से भी, पुलिस से भी, तहसीलदार से भी, इससे भी। सारा पैसा इकट्ठा करके ऊपर तक जाता था। अब हमारे भगवंत मान भी पैसे नहीं लेते। मैं भी नहीं लेता, मंत्री भी नहीं लेते, एम.एल.ए भी नहीं लेते। वहां पर तहसीलदारों की मीटिंग हुई है पंजाब में, उन्होंने कहा कि भाई अब नीचे से भी पैसे नहीं लेने और ऊपर भी नहीं पंहुचाना।” पूरा वीडियो यहां देखें।

पड़ताल के दौरान इंडिया टीवी के यूट्यूब चैनल पर भी हमें ओरिजनल वीडियो मिला। चैनल ने 4 अप्रैल 2022 को केजरीवाल के इंटरव्यू का पूरा वीडियो अपलोड किया था। इसमें भी उन्‍हें साफतौर पर नहीं बोलते हुए देखा जा सकता है। अपलोड वीडियो के 6:53 मिनट से लेकर 7:27 मिनट के बीच ओरिजनल हिस्‍सा देखा जा सकता है। वीडियो यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल के दौरान विश्‍वास न्‍यूज ने इंडिया टीवी के एक सीनियर संपादक से संपर्क किया। उन्‍होंने भी वायरल वीडियो को एडिटेड बताया।

अधिक जानकारी के लिए विश्वास न्यूज ने पंजाब आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता मनजीत सिद्धू से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “अरविन्द केजरीवाल ने ऐसा कभी नहीं कहा है। आम आदमी पार्टी की पंजाब में सरकार बनने के बाद विरोधी दल उन्हें नीचा दिखाने के लिए इस तरह की हरकतें कर रहे हैं।”

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल के अंत में अरविंद केजरीवाल के एडिटेड वीडियो को शेयर करने वाले यूजर की जांच की। फेसबुक यूजर मनोज गुप्‍ता की सोशल स्‍कैनिंग में पता चला कि इन्‍हें 482 लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में अरविन्द केजरीवाल का वायरल वीडियो फर्जी साबित हुआ। वायरल वीडियो को एडिट करके इसमें छेड़छाड़ की गई है।

  • Claim Review : केजरीवाल ने माना कि वे भ्रष्‍टाचार करते हैं।
  • Claimed By : फेसबुक यूजर मनोज गुप्‍ता
  • Fact Check : भ्रामक
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