Fact Check: मुंबई का करीब डेढ़ महीने पुराना वीडियो अहमदाबाद की मस्जिद में लॉकडाउन के हालिया उल्लंघन के दावे के साथ वायरल

मस्जिद से बाहर निकलते लोगों के जिस वीडियो को लॉकडाउन के हालिया उल्लंघन का मामला बताकर अहमदाबाद के नाम से वायरल किया जा रहा है, वह मुंबई की एक मस्जिद का महीने भर पुराना वीडियो है।

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर मस्जिद से बाहर निकल रहे नमाजियों का एक वीडियो वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो गुजरात के अहमदाबाद के जमालपुर की एक मस्जिद का है, जहां लॉकडाउन को तोड़ते हुए मुस्लिमों ने मस्जिद में जाकर नमाज अदा किया।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा भ्रामक निकला। अहमदाबाद की मस्जिद में लॉकडाउन के हालिया उल्लंघन के दावे के साथ जिस वीडियो को वायरल किया जा रहा है, वह मुंबई में हुई करीब डेढ़ महीने पुरानी घटना का वीडियो है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ‘Rudra Sandesh news’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए (गुजराती भाषा) में लिखा है, ”અમદાવાદ ના જમાલપુર નો દ્રશ્ય આ પરિસ્થિતિમાં 3 May શુ દિવાળી સુધી પણ લોકડાઉન નહીં ખુલે આ સ્થિતિ માં કોરોના કાબુ મા કેમ આવે 👇🏻😢”

हिंदी में इसे ऐसे पढ़ा जा सकता है, ”जमालपुर, अहमदाबाद का दृश्य। ऐसी स्थिति में 3 मई तो क्या दिवाली तक लॉकडाउन नहीं खुलेगा। ऐसे में कोरोना पर नियंत्रण कैसे हो पाएगा।”

सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

वीडियो के की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज किए जाने पर कई ट्वीट मिले, जिसमें इस वीडियो का इस्तेमाल किया गया है। ‘मुंबई मिरर’ के ट्विटर हैंडल से इस वीडियो को 23 मार्च को शाम 6 बजकर 36 मिनट पर ट्वीट किया गया है। ट्वीट के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, ‘मुंबई पुलिस ने डोंगरी के तेमकर मोहल्ला में मौजूद मस्जिद को खाली कराया।’

न्यूज एजेंसी पीटीआई के हवाले से ‘मुंबई मिरर’ की वेबसाइट पर 24 मार्च को प्रकाशित खबर में इस घटना का विवरण है।

मुंबई मिरर में 24 मार्च को प्रकाशित खबर

रिपोर्ट के मुताबिक, ‘कोरोना वायरस की वजह से धारा 144 लागू होने के बावजूद सोमवार दोपहर बाद पुलिस को 100-150 लोगों के मस्जिद में जमा होने की खबर मिली। सूचना मिलने के तुरंत बाद एसीपी अविनाश धर्माधिकारी मस्जिद पहुंचे और उन्होंने लोगों को वहां से जाने के लिए कहा।’ पुलिस इस मामले में मस्जिद के ट्रस्टी के खिलाफ आईपीसी की धारा 188, 269 और महाराष्ट्र पुलिस एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा भी दर्ज कर चुकी है।

विश्वास न्यूज ने इस वीडियो को लेकर अविनाश धर्माधिकारी से संपर्क किया। उन्होंने कहा, ‘यह घटना 23 मार्च की है, जब देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा नहीं हुई थी, लेकिन पूरे महाराष्ट्र में निषेधाज्ञा की घोषणा हो चुकी थी।’ उन्होंने कहा, ‘वीडियो में दिख रहे अधिकारी वहीं हैं। मस्जिद में लोगों के जमा होने की सूचना के बाद वह मौके पर पहुंचे और उन्होंने वहां मौजूद लोगों को घर जाने के लिए कहा। पुलिस ने इस मामले में मस्जिद के ट्रस्टी के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया जो सरकारी आदेश के उल्लंघन से संबंधित था।’

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में निषेधाज्ञा के उल्लंघन की कई घटनाओं के सामने आने के बाद राज्य सरकार ने कर्फ्यू का ऐलान किया था। न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, ‘लोगों के बार-बार निषेधाज्ञा का उल्लंघन किए जाने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जनता कर्फ्यू (22 मार्च) के अगले दिन (23 मार्च) राज्य भर में कर्फ्यू लगाए जाने की घोषणा की।’


मुंबई मिरर में 23 मार्च को प्रकाशित खबर

वायरल वीडियो शेयर करने वाले पेज को फेसबुक पर करीब 250 से अधिक लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: मस्जिद से बाहर निकलते लोगों के जिस वीडियो को लॉकडाउन के हालिया उल्लंघन का मामला बताकर अहमदाबाद के नाम से वायरल किया जा रहा है, वह मुंबई की एक मस्जिद का महीने भर पुराना वीडियो है।

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