Fact Check: ‘अग्निपथ’ के खिलाफ प्रदर्शन को काबू में करने के लिए सेना के इस्तेमाल का दावा गलत

विश्वास न्यूज की पड़ताल में आर्मी के जवानों को लेकर किया जा रहा दावा गलत निकला। आर्मी पीआरओ के मुताबिक जवानों को न ही बुलाया गया था और न ही उन्होंने इस तरह का कोई बयान दिया है। 

Fact Check: ‘अग्निपथ’ के खिलाफ प्रदर्शन को काबू में करने के लिए सेना के इस्तेमाल का दावा गलत

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना को लेकर देश के कई हिस्सों से उग्र प्रदर्शन की तस्वीरें सामने आ रही हैं। इसी से जोड़कर एक पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर की जा रहा है। पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि आर्मी के जवानों ने अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज करने से मना कर दिया है। विश्वास न्यूज ने वायरल दावे की पड़ताल की और पाया कि वायरल दावा गलत है। आर्मी पीआरओ के मुताबिक, जवानों को न ही बुलाया गया था और न ही उन्होंने इस तरह का कोई बयान दिया है। 

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर सच्चाई की आवाज ने 19 जून 2022 को वायरल वीडियो को शेयर किया है। वीडियो पर लिखा हुआ है, “इंडियन आर्मी के 5 ट्रक जवानों ने लाठीचार्ज करने से मना किया..चाहे नौकरी से निकाल दो -पर अपने भाइयों पे जुल्म नहीं”..!!

पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी शेयर कर रहे हैं। पोस्‍ट का आकाईव वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल 

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर कई कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया, लेकिन हमें वायरल दावे से जुड़ी कोई विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुआ। हमें जो मीडिया रिपोर्ट्स प्राप्त हुई उसके मुताबिक, अभी तक विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए सेना को तैनात नहीं किया गया है। अभी तक अग्निपथ योजना के प्रदर्शनों को रोकने के लिए पुलिसकर्मी ही काम कर रहे हैं।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने आर्मी पीआरओ सुधीर कुमार से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया वायरल दावा गलत है। जवानों को न ही बुलाया गया था और न ही उन्होंने इस तरह का कोई बयान दिया है। 

अब बारी थी वीडियो की सच्चाई जानने की। वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने वीडियो के कई ग्रैब्स निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान असली वीडियो  नामक Jodhpuri Safa sherwani house khoor rajasthan एक यूट्यूब चैनल पर 17 जून 2022 को अपलोड मिला। असली वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ युवा एक रैली निकाल रहे होते हैं, इतने में आर्मी का काफिला वहां से गुजरता है। तो वो आर्मी के ट्रक को रोक कर जवानों से हाथ मिलाने लग जाते हैं और उन्हें सैल्यूट करने लगते हैं। 

https://www.youtube.com/watch?v=NpQXAbIqWwk

अग्निपथ योजना के विरोध में गुस्साए छात्रों ने देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया है। प्रदर्शनकारियों द्वारा सार्वजनिक संपत्तियों में तोड़फोड़ करने की कई घटनाएं भी सामने आई हैं। हालांकि, अभी राज्यों की पुलिस ही इन प्रदर्शनकारियों को कंट्रोल करने की कोशिश कर रही है। 

पड़ताल के अंत में हमने वायरल वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर की जांच की। हमें पता चला यूजर सच्चाई की आवाज को फेसबुक पर 3969  लोग फॉलो करते हैं। 

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में आर्मी के जवानों को लेकर किया जा रहा दावा गलत निकला। आर्मी पीआरओ के मुताबिक जवानों को न ही बुलाया गया था और न ही उन्होंने इस तरह का कोई बयान दिया है। 

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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