हावड़ा से सिकंदराबाद जाने वाली फलकनुमा एक्सप्रेस के एक हिस्से में आग लगने के बाद पीछे के कोच को धक्का देकर अलग कर दिया गया था। घटना के बाद इंजन की प्रतीक्षा किए बिना आग फैलने से रोकने के लिए यह फैसला लिया गया था। इस वीडियो को भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। भारतीय रेलवे को लेकर पोस्ट कई बार वायरल होती रही हैं। इस बार ऐसे ही वायरल हुए एक वीडियो में सेना के जवानों, पुलिसकर्मियों और रेलवे के कर्मियों को ट्रेन में धक्का लगाते देखा जा सकता है। सोशल मीडिया पर इस वीडियो को शेयर कर यूजर्स दावा कर रहे हैं कि ट्रेन को स्टार्ट करने के लिए लोग धक्का लगा रहे हैं। इसके जरिए यूजर्स मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने इस दावे की पड़ताल की तो पता चला कि ट्रेन के कुछ हिस्से में आग लगने के बाद बाकी कोच को उससे बचाने के लिए लोगों ने धक्का देकर उनको ट्रेन से अलग किया था। यह हादसा 7 जुलाई 2023 का है। उस घटना के वीडियो को सोशल मीडिया यूजर्स भ्रामक दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।
फेसबुक यूजर ‘ब्लफमास्टर मोदी‘ (आर्काइव लिंक) ने 10 जुलाई 2023 को इस वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा,
’75 सालों में पहली बार…. New India में Train Start करने की Ninja Technique… Thank You Modi ji.’
यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी (आर्काइव लिंक) ने भी इस वीडियो को 10 जुलाई 2023 को अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए समान दावा किया है।
एबीपी लाइव की वेबसाइट पर 9 जुलाई 2023 को छपी न्यूज (आर्काइव लिंक) में भी दावा किया गया है कि सेना के जवानों ने ट्रेन को धक्का दिया, जिससे वह स्टार्ट हुई।
10 जुलाई 2023 को एशियानेट की वेबसाइट पर भी यह वीडियो न्यूज (आर्काइव लिंक) समान दावे के साथ अपलोड है।
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले वीडियो को ध्यान से देखा। इसमें रेल कर्मियों की जैकेट पर SCR लिखा हुआ है। इससे पता चलता है कि ट्रेन साउथ सेंट्रल रेलवे की है।
इसके बाद हमने कीवर्ड से इस बारे में गूगल पर सर्च किया। एनडीटीवी की वेबसाइट पर 10 जुलाई 2023 को इस बारे में खबर छपी है। इसके अनुसार, “7 जुलाई को हावड़ा से सिकंदराबाद जाने वाली फलकनुमा एक्सप्रेस के कुछ हिस्से में आग लग गई। रेलवे अधिकारियों ने पुष्टि की कि ट्रेन में आग लगने की एक घटना हुई थी, जिससे एस2 से एस6 कोचों को नुकसान पहुंचा है। आग को अन्य डिब्बों तक फैलने से रोकने के लिए 3 डिब्बों, एस 1 और 2 जनरल डिब्बों वाले पिछले हिस्से को अलग कर दिया गया। इसे रेलवे कर्मचारियों और स्थानीय पुलिस ने मैन्युअल रूप से दूर किया। रेलवे ने कहा कि नुकसान को कम करने और यात्रियों के सामान की सुरक्षा के लिए यह किया।”
8 जुलाई को टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर में लिखा है कि 7 जुलाई की सुबह फलकनुमा एक्सप्रेस की पांच बोगियों में आग लग गई। हादसे में कम से 100 लोगों की जान बच गई। हादसा तेलंगाना के यदादरी भुवनगिरी जिले के गांव पगिडीपल्ली के पास हुआ। आग से तीन स्लीपर डिब्बे जलकर राख हो गए, जबकि बगल की दो बोगियां आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गईं।
हमने इसकी जानकारी के लिए साउथ सेंट्रल रेलवे के आधिकारिक ट्विटर हैंडल को स्कैन किया। 10 जुलाई को इससे ट्वीट (आर्काइव लिंक) कर कहा गया है कि यह वीडियो 7 जुलाई को ट्रेन नंबर 12703 में हुई आग लगने के घटना के संबंध में है। घटना के बाद पीछे के डिब्बों को नुकसान से बचाने के लिए रेलवे कर्मियों और स्थानीय पुलिस ने यह फैसला लिया था। यह एक आपातकालीन कार्रवाई थी, जिसमें इंजन की प्रतीक्षा नहीं की जा सकती थी।
रेलवे के प्रवक्ता की तरफ से भी इस बारे में ट्वीट (आर्काइव लिंक) किया गया है। इसमें लिखा है कि वीडियो ट्रेन नंबर 12703 में आग लगने की घटना का है। उस खबर को सनसनीखेज और गैर-जिम्मेदाराना तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है। आग को फैलने से रोकने के लिए डिब्बों को अलग करने में मदद के लिए एक इंजन भेजा गया, लेकिन इंजन के आने का इंतजार करने के बजाय सतर्क रेलवे और स्थानीय पुलिस कर्मियों ने तत्काल कार्रवाई की। रेलवे कर्मियों और स्थानीय पुलिस ने पीछे के डिब्बों को अलग करने और आग को बढ़ने से रोकने के लिए हाथ मिलाया।
इस बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने साउथ सेंट्रल रेलवे के सीपीआरओ राकेश से बात की। उनका कहना है, “ट्रेन में आग लगने के बाद उसके पीछे के कोच को धक्का देकर हटाया गया था। इसके लिए इंजन की प्रतीक्षा नहीं की जा सकती थी। इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ था।”
पड़ताल के अंत में हमने भ्रामक पोस्ट करने वाले फेसबुक यूजर ‘ब्लफमास्टर मोदी‘ की प्रोफाइल को स्कैन किया। 16 मार्च 2013 को बने इस पेज को पांच लाख 69 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। यह पेज एक विचारधारा से प्रभावित है।
निष्कर्ष: हावड़ा से सिकंदराबाद जाने वाली फलकनुमा एक्सप्रेस के एक हिस्से में आग लगने के बाद पीछे के कोच को धक्का देकर अलग कर दिया गया था। घटना के बाद इंजन की प्रतीक्षा किए बिना आग फैलने से रोकने के लिए यह फैसला लिया गया था। इस वीडियो को भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
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