Fact Check : हरियाणा के भिवानी में अप्रैल में हुई आत्‍महत्‍या का नहीं है अग्निपथ योजना के आंदोलन से कोई संबंध

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में आत्‍महत्‍या से जुड़ी वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। अप्रैल 2022 की घटना को कुछ लोग अग्निपथ योजना के खिलाफ हो रहे आंदोलन से जोड़ते हुए गलत संदर्भ के साथ वायरल कर रहे हैं।

Fact Check : हरियाणा के भिवानी में अप्रैल में हुई आत्‍महत्‍या का नहीं है अग्निपथ योजना के आंदोलन से कोई संबंध

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ कई राज्‍यों में जनता सड़क पर उतरी हुई है। इन सबके बीच एक अखबार की क्लिप वायरल हो रही है। इसमें एक युवक को फांसी पर लटके हुए देखा जा सकता है। सोशल मीडिया यूजर्स इस खबर को अग्निपथ योजना से जोड़कर वायरल कर रहे हैं। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की विस्‍तार से जांच की तो पता चला कि यह भ्रामक है। दरअसल वायरल खबर अग्निपथ योजना की घोषणा से पहले की है। अप्रैल 2022 में एक युवक ने हरियाणा के भिवानी में आत्‍महत्‍या कर ली थी। अब उसी से जुड़ी खबर को गलत संदर्भ के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर अभिषेक कुमार ने 17 जून को अखबार की एक क्लिप को पोस्‍ट करते हुए अग्निपथ और अग्निवीर जैसे हैशटैग का इस्‍तेमाल किया।

पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी शेयर कर रहे हैं। पोस्‍ट का आकाईव वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की सच्‍चाई जानने के लिए सबसे पहले अखबार की खबर में इस्‍तेमाल की गई हेडिंग को कीवर्ड बनाकर गूगल में सर्च करना शुरू किया। बापू इस जन्‍म में फौजी नहीं बन पाया, अगले जन्‍म में जरूर बनूंगा, कीवर्ड से सर्च करने पर हमें कई जगह संबंधित खबर मिलीं। न्‍यूज 18 की वेबसाइट पर पब्लिश एक खबर में बताया गया कि भिवानी के तालु गांव में 22 साल के पवन ने आत्‍महत्‍या कर ली। तीन साल से सेना में भर्ती न होने से युवक ओवरएज हो गया था। यह खबर 30 अप्रैल 2022 को पब्लिश की गई थी। पूरी खबर यहां पढ़ें।

सर्च के दौरान टुडे हरियाणा नाम की एक वेबसाइट पर भी संबंधित खबर मिली। इसे 29 अप्रैल 2022 को प्रकाशित किया गया था। खबर में बताया गया कि भिवानी के तालू का पवन 10 साल की उम्र से फौजी बनने का सपना देख रहा था। तीन साल से भर्ती नही हुई, अब उम्र 23 साल हुई तो उसका फौजी बनने का सपना टूट गया। इस बात से निराश होकर पवन ने सरकारी स्कूल के मैदान में पेड़ से फंदा लगाकर जान दे दी। पास ही टैंक पर लिखा था बापू इस जन्म में फौजी नही बन पाया, लेकिन अगले जन्म में फौजी जरूर बनूंगा। वायरल पोस्‍ट में इस्‍तेमाल की गई अखबार की कटिंग भी हमें इस खबर के अंदर मिली। पूरी खबर यहां पढ़ें।

तहकीकात को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण, भिवानी के चीफ रिपोर्टर अमित धवन से संपर्क किया गया। उन्‍होंने बताया कि वायरल पोस्‍ट वाली घटना अप्रैल 2022 की है। उस वक्‍त अग्निपथ योजना का कोई जिक्र नहीं था। वायरल पोस्‍ट फेक है।

अब बारी थी उस पेज के बारे में जानकारी जुटाने की, जिसने अप्रैल की खबर को अग्निपथ योजना से जोड़ते हुए गलत संदर्भ के साथ वायरल किया। फेसबुक पेज अभिषेक कुमार को 1.72 लाख लोग फॉलो करते हैं। यूजर एक राजनीतिक दल से जुड़ा हुआ है।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में आत्‍महत्‍या से जुड़ी वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। अप्रैल 2022 की घटना को कुछ लोग अग्निपथ योजना के खिलाफ हो रहे आंदोलन से जोड़ते हुए गलत संदर्भ के साथ वायरल कर रहे हैं।

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Symbols that define nature of fake news
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