Fact Check: भारत में मदरसों पर प्रतिबंध लगाने को लेकर नहीं दिया था एपीजे अब्दुल कलाम ने कोई बयान

विश्वास न्यूज़ अपनी पड़ताल में पाया कि एपीजे अब्दुल कलाम ने ऐसा कोई बयान कभी नहीं दिया। यह एक फ़र्ज़ी स्टेटमेंट है, जिसे उनके नाम से वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)- सोशल मीडिया पर एक अखबार की कटिंग वायरल हो रही है, जिसमें भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की फोटो बनी है और साथ में उनके हवाले से एक बयान लिखा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि एपीजे अब्दुल कलाम ने मुसलमानों के बारे में कहा है, ‘मुसलमान पैदाइशी आतंकवादी नहीं होते बल्कि उन्हें मदरसों में ट्रेनिंग दी जाती है और भारत के सभी मदरसों पर प्रतिबन्ध लगाना बेहद ज़रूरी है।’ जब विश्वास न्यूज़ ने इस बयान की पड़ताल की तो हमने पाया कि एपीजे अब्दुल कलाम ने ऐसा कोई बयान कभी नहीं दिया। यह एक फ़र्ज़ी स्टेटमेंट है, जिसे उनके नाम से वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर ने न्यूज़पेपर जैसी नज़र आने वाली कटिंग को शेयर किया, जिसमें कलाम की फोटो बनी है और साथ में लिखा है, ‘मुसलमान पैदाइशी आतंकवादी नहीं होते। उन्हें मदरसों में क़ुरान पढाई जाती है, जिसके अनुसार ये हिन्दू, बौद्ध, सिख, ईसाई, यहूदी और दूसरे गैर-मुसलमानों को चुन-चुन कर मारते हैं। आतंकवाद पर नियंत्रण के लिए भारत में चल रहे हज़ारों मदरसों पर प्रतिबंद लगाना बेहद जरुरी है’: डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम।”

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहाँ देखें।

पड़ताल

अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने वायरल पोस्ट के कीवर्ड को गूगल न्यूज़ सर्च के ज़रिये खोजना शुरू किया। सर्च में हमें ऐसा कोई बयान नहीं मिला, जिसको कलाम के नाम से वायरल किया जा रहा है। अगर एपीजे अब्दुल कलाम ने ऐसा कोई भी विवादास्पद बयान दिया होता तो यह ख़बरों में ज़रूर मौजूद होता।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने वायरल न्यूज़पेपर की क्लिप को सर्च करना शुरू किया। सर्च में किसी भी विश्वसनीय वेबसाइट पर हमें यह क्लिप नहीं मिली।

विश्वास न्यूज़ ने वायरल बयान से जुडी पुष्टि के लिए डॉ एपीजे अब्दुल कलाम फाउंडेशन के मैनेजिंग ट्रस्टी और अब्दुल कलाम के परपोते शेख दाऊद से व्हाट्सप्प के ज़रिये संपर्क किया और वायरल पोस्ट्स उनके साथ शेयर की। उन्होंने हमें बताया, ‘यह बयान पूरी तरह फ़र्ज़ी है। डॉ कलाम धर्म के मामले में इतनी बात कभी नहीं करते थे। यह साफ़ तौर पर फेक है।”

अब बारी थी इस फेक पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर राजेन्द्र ठक्कर की सोशल स्कैनिंग करने की। हमने पाया कि महाराष्ट्र के मुंबई का रहने वाला है यह यूजर इससे पहले भी फर्जी पोस्ट शेयर कर चुका है। और 1179 फेसबुक फ्रेंड्ज़ हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ अपनी पड़ताल में पाया कि एपीजे अब्दुल कलाम ने ऐसा कोई बयान कभी नहीं दिया। यह एक फ़र्ज़ी स्टेटमेंट है, जिसे उनके नाम से वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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