Fact Check: लॉकडाउन के दौरान मुरादाबाद में हुई गिरफ्तारी का वीडियो खरगोन हिंसा के नाम पर वायरल

वायरल हो रहा वीडियो मध्य प्रदेश के खरगौन जिले में हुई हिंसा या उसके बाद की घटना से संबंधित नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में कोविड-19 के दौरान लगे लॉकडाउन से संबंधित है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में रामनवमी के दौरान हुई हिंसा के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में पुलिस को कुछ महिलाओं को वाहन में बिठाते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि मध्य प्रदेश पुलिस ने खरगोन में हिंदुओं पर पत्थर चलाने वाली मुस्लिम महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया है और यह वीडियो उसी गिरफ्तारी से संबंधित है।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। वायरल हो रहे वीडियो का खरगोन हिंसा से कोई संबंध नहीं है। यह वीडियो उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद का है, जब अप्रैल 2020 में कोविड-19 के दौरान लगे लॉकडाउन के दौरान हुई हिंसा के मामले में महिलाओं समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

क्या है वायरल?

फेसबुक यूजर ‘दुर्गेश सिंह राष्ट्रवादी हूं’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”MP के खरगौन मे हिन्दुओं पर पत्थर और पेट्रोल बम चलाने वाली सलमा,रुकसाना को जेल भेजती पुलिस😁
बाबुल की दुवाये लेती जा…………😍👇
दुर्गेश सिंह राष्ट्रवादी।”

वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट

कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ खरगोन हिंसा के बाद हुई गिरफ्तारी का बताते हुए अपनी प्रोफाइल से शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल वीडियो के की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर 15 अप्रैल 2020 को ‘India Blooms News Service’ नामक यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया वीडियो मिला। एक मिनट नौ सेकेंड लंबे इस वीडियो में 0.24 सेकेंड के फ्रेम में उस दृश्य को देखा जा सकता है, जो वायरल वीडियो में नजर आ रहा है।

दी गई जानकारी के मुताबिक, यह उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की घटना से संबंधित वीडियो है, जब कोविड-19 के संदिग्ध मरीज को लेने के लिए डॉक्टर्स की टीम पर लोगों ने हमला कर दिया था। बाद में क्वारंटाइन सेंटर में इस मरीज की मौत हो गई थी।

कई अन्य मीडिया रिपोर्ट्स में भी इस घटना का जिक्र है। 16 अप्रैल 2020 को टाइम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस और डॉक्टर्स की टीम जब मुरादाबाद में कोविड-19 की वजह से मरे एक व्यक्ति के भाई को क्वारंटाइन केंद्र ले जाने के लिए आई, तो उन पर आक्रोशित भीड़ ने हमला कर दिया। इस घटना में दो डॉक्टर्स और चार पुलिस वालों को गंभीर चोटें भी आईं। रिपोर्ट के मुताबिक, लॉकडाउन को तोड़ते हुए करीब 100 लोगों ने एंबुलेंस और पुलिस वाहन को निशाना बनाया। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 10 महिलाओं समेत 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में रामनवमी के दौरान 10 अप्रैल को हुई हिंसा थी और रिपब्लिक वर्ल्ड डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में 44 एफआईआर दर्ज हुई हैं और कुल 148 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया गया है।

रिपब्लिक वर्ल्ड डॉट कॉम की वेबसाइट पर 16 अप्रैल को प्रकाशित रिपोर्ट

अतिरिक्त पुष्टि के लिए हमने हमारे सहयोगी नईदुनिया के खरगोन ब्यूरो प्रमुख विवेक पराशर से बात की। उन्होंने बताया, ‘इस वीडियो का खरगोन में हुई हिंसा या उसके बाद की घटना से कोई संबंध नहीं है।’ उन्होंने बताया, ‘इस मामले में अब कुल दर्ज एफआईआर की संख्या भी बढ़कर 48 हो गई है।’

वायरल वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब 600 लोग फॉलो करते हैं और यह प्रोफाइल कट्टर विचारधारा से प्रेरित है।

निष्कर्ष: हमारी जांच से यह स्पष्ट है कि वायरल हो रहा वीडियो मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में हुई हिंसा या उसके बाद की घटना से संबंधित नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में कोविड-19 के दौरान लगे लॉकडाउन से संबंधित है।

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