अफगानिस्तान की महिला पायलट साफिया फिरोजी की हत्या के दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीर काबुल में वर्ष 2015 में ईशनिंदा के आरोप में हुई मॉब लिचिंग की घटना की है, जिसमें 27 वर्षीय मुस्लिम युवती फरखुंदा मलिकजादा की उन्मादी भीड़ ने पीट पीटकर हत्या कर दी थी।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद सोशल मीडिया पर लगातार ऐसे कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जो हालिया घटनाक्रम से संबंधित नहीं हैं। ऐसे ही वायरल हो रहे एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान की महिला पायलट साफिया फिरोजी की पत्थर मारकर हत्या कर दी गई है। दावा किया जा रहा है कि तालिबानियों ने महिला होने की वजह से उन्हें सार्वजनिक रूप से पत्थरों से पीटकर मार डाला।
विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। वायरल हो रहा वीडियो अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हुई मॉब लिचिंग की पुरानी घटना का है, जब उन्मादी भीड़ ने 19 मार्च 2015 को ईशनिंदा के अफवाह में 27 वर्षीय मुस्लिम महिला फरखुंदा मलिकजादा की निर्ममतापूर्वक हत्या कर दी थी।
फेसबुक यूजर ‘Verma Kultej’ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”O god if you are there, where r u? How can such an atrocity happen in your world. Shame on whole world; shame on whole humanity; shame on ourselves.”
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स (आर्काइव लिंक)ने इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। ट्विटर पर भी कई अन्य यूजर्स (आर्काइव लिंक) ने इसे शेयर किया है।
वायरल हो रहे वीडियो में नजर आ रही तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें ‘Murder of Farkhunda Malikzada’ के नाम से मौजूद विकीपीडिया पेज मिला, जिसमें वही तस्वीर लगी हुई है, जो वायरल वीडियो के थंबनेल और अन्य सोशल मीडिया पोस्ट में नजर आ रही है।
दी गई जानकारी के मुताबिक, यह तस्वीर फरखुंदा मलिकजादा की तस्वीर है, जिनकी ईशनिंदा के अफवाह में काबुल में उन्मादी भीड़ ने पीटकर हत्या कर दी थी। इन कीवर्डस् से सर्च करने पर हमें कई रिपोर्ट्स मिली, जिसमें इस निर्मम हत्याकांड की जानकारी दी गई है। हमें न्यूयॉर्क टाइम्स की वेबसाइट पर 26 दिसंबर 2015 को ‘The Killing of Farkhunda’ शीर्षक से प्रकाशित वीडियो रिपोर्ट मिली, जिसमें इस निर्मम मॉब लिंचिंग की घटना की जानकारी है।
6 मिनट 27 सेकेंड के इस वीडियो में वह फ्रेम भी नजर आया है, जिसकी तस्वीर को सोशल मीडिया पर साफिया फिरोजी की हत्या का बताकर शेयर किया जा रहा है। पाठकों को यह बताना जरूरी है कि इस वीडियो में कई विचलित कर देने वाले दृश्य हैं। हालांकि, इस फैक्ट चेक स्टोरी के लिए वीडियो के कुछ स्क्रीनशॉट का इस्तेमाल जरूरी था, इसलिए हमने इसे ब्लर कर प्रदर्शित किया है।
सर्च के दौरान हमें cnn.com की वेबसाइट पर 23 मार्च 2015 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली, जिसमें इस हत्याकांड के 26 आरोपियों को गिरफ्तार किए जाने की सूचना है। इस रिपोर्ट में भी घटनाकांड के वीडियो को देखा जा सकता है।
news.com.au की वेबसाइट पर 25 मार्च 2015 को प्रकाशित रिपोर्ट में भी इस घटना का विवरण दिया गया है। रिपोर्ट में इस्तेमाल की गई तस्वीर में महिलाओं को मृतक के घायल चेहरे का मास्क पहनकर विरोध प्रदर्शन करते हुए देखा जा सकता है।
हमारी जांच से यह साबित होता है कि अफगानिस्तान की महिला पायलट साफिया फिरोज की हत्या के दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीर और वीडियो अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में वर्ष 2015 में ईशनिंदा के अफवाह में 27 वर्षीय मुस्लिम युवती फरखुंदा मलिकजादा की उन्मादी भीड़ के हाथों हुई निर्मम हत्या की है।
इंडिया टाइम्स डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, साफिया फिरोजी का परिवार 1990 में काबुल छोड़कर पाकिस्तान चला गया था और तालिबान के पतन के बाद वह वापस अफगानिस्तान लौटी। फिरोजी अफगानिस्तान की एयर फोर्स में शामिल दो महिला पायलटों में से एक हैं।
”साफिया फिरोजी (Safia Firozi)” कीवर्ड्स के साथ न्यूज सर्च करने पर हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिसमें तालिबान के द्वारा उनकी हत्या किए जाने का जिक्र हो। deathmilitia.com वेबसाइट पर 19 अगस्त 2021 को प्रकाशित रिपोर्ट में उनकी हत्या की खबर दी गई है, लेकिन हमें किसी अन्य विश्वस्त न्यूज वेबसाइट पर ऐसी खबर नहीं मिली। इसी रिपोर्ट के बाद सोशल मीडिया पर उनकी हत्या की खबर के वायरल होने का अनुमान है।
विश्वास न्यूज साफिया फिरोजी की हत्या या उनके जीवित होने की खबरों की पुष्टि नहीं करता है, लेकिन उनकी हत्या के दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीर काबुल में हुई मॉब लिंचिंग की पुरानी घटना का है।
वायरल वीडियो को शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल से सक्रिय रूप से पोस्ट साझा किया जाता है।
निष्कर्ष: अफगानिस्तान की महिला पायलट साफिया फिरोजी की हत्या के दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीर काबुल में वर्ष 2015 में ईशनिंदा के आरोप में हुई मॉब लिचिंग की घटना की है, जिसमें 27 वर्षीय मुस्लिम युवती फरखुंदा मलिकजादा की उन्मादी भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।
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