Fact Check : स्विट्जरलैंड का पुराना वीडियो अब कोलकाता का बताकर किया गया वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। स्विट्जरलैंड में हुई एक पुरानी घटना के वीडियो को कुछ लोग कोलकाता के नाम पर वायरल कर रहे हैं। यह दावा फेक है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। पश्चिम बंगाल के बीरभूम में हिंसा के बाद से सोशल मीडिया में एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें कुछ लोगों को गाड़ियों पर हमला करते हुए देखा जा सकता है। यूजर्स इस वीडियो को कोलकाता का बताकर फर्जी दावों के साथ वायरल कर रहे हैं। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। पता चला कि इस वीडियो का कोलकाता से कोई संबंध नहीं है। पड़ताल में पता चला कि स्विट्जरलैंड में हुए एक घटना के पुराने वीडियो को अब कुछ लोग पश्चिम बंगाल की हिंसा के नाम पर वायरल कर रहे हैं।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर अंश ने 23 मार्च को 1:38 मिनट का एक वीडियो अपलोड करते हुए दावा किया : ‘ये विडीयो कलकत्ता का है, बंगाल में हालात एकदम पाकिस्तान जैसे बने हुए हैं, और ये जो गाड़ियों के शीशे तोड़ रहे हैं वो मुल्ले हैं, क्यूं कि इनको सड़क पर बैठ कर रोजे खोलने हैं,एसा पूरे देश में होने में देर नहीं है .70वर्षो में हिन्दू 8 राज्यों में अल्पसंख्यक हो गये किसी को पता भी नहीं चला,,अब सोचना पड़ेगा नहीं………?????????’

फैक्ट चेक के उद्देश्य से पोस्ट में लिखी गई बातों को यहां ज्यों का त्यों पेश किया गया है। इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर भी कई अन्य यूजर्स ने इसे समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की सच्‍चाई जानने के लिए सबसे पहले ऑनलाइन टूल्‍स का इस्‍तेमाल किया। वायरल वीडियो से ग्रैब्‍स निकालने के लिए सबसे पहले InVID टूल का इस्‍तेमाल किया। वीडियो को इसमें अपलोड करके कई ग्रैब्‍स निकाले गए। फिर इन्‍हें गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च किया गया। वायरल वीडियो हमें 2018 में एक यूट्यूब चैनल में अपलोड मिला। Hooligans TV नाम के चैनल ने वायरल वीडियो को 21 मई 2018 को अपलोड करते हुए इसे स्विट्जरलैंड का बताया। वीडियो यहां देखें।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए कोलकाता स्‍थ‍ित पत्रकार Bijoy से संपर्क किया। उनके साथ वायरल पोस्‍ट को शेयर किया। उन्‍होंने बताया कि इस वीडियो का कोलकाता से कोई संबंध नहीं है।

अब बारी थी उस यूजर की जांच करने की, जिसने स्विट्जरलैंड के पुराने वीडियो को कोलकाता का बताकर वायरल किया। फेसबुक यूजर अंश यूपी के प्रयागराज के रहने वाले हैं। यूजर ने खुद को एक राजनीतिक दल का सदस्‍य बताया है। यह अकाउंट मई 2019 को बनाया गया।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। स्विट्जरलैंड में हुई एक पुरानी घटना के वीडियो को कुछ लोग कोलकाता के नाम पर वायरल कर रहे हैं। यह दावा फेक है।

False
Symbols that define nature of fake news
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