Fact Check : बदायूं एनकाउंटर में मारे गए साजिद के जनाजे के नाम पर वायरल की गई पुरानी तस्वीर

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। यह फर्जी साबित हुई। तस्‍वीर 9 साल से याकूब मेमन के जनाजे के नाम से इंटरनेट पर मौजूद है।

Fact Check : बदायूं एनकाउंटर में मारे गए साजिद के जनाजे के नाम पर वायरल की गई पुरानी तस्वीर

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। यूपी के बदायूं में दो मासूमों की हत्‍या के आरोपी के एनकाउंटर के बाद अब एक तस्‍वीर वायरल की जा रही है। इसमें काफी तादाद में भीड़ को देखा जा सकता है। तस्‍वीर को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि मोहम्मद साजिद के जनाजे में तीस हजार से ज्‍यादा लोग जुटे। तस्‍वीर को सच मानकर दूसरे यूजर्स भी झूठ फैला रहे हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। यह फर्जी साबित हुई। तस्‍वीर 9 साल से याकूब मेमन के जनाजे के नाम से इंटरनेट पर मौजूद है। हमारी जांच में वायरल पोस्‍ट गलत साबित हुई। विश्‍वास न्‍यूज स्‍वतंत्र रूप से यह पुष्टि नहीं करता है कि तस्‍वीर याकूब के जनाजे की है। हालांकि, यह कन्‍फर्म है कि इस तस्‍वीर का बदायूं में एनकाउंटर में मारे गए साजिद के जनाजे से कोई संबंध नहीं है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर Ashok Naiko ने 23 मार्च को एक पोस्‍ट करते हुए लिखा, “समझदार को इशारा काफ़ी!”

तस्‍वीर में दावा किया गया कि बदायूं में दो मासूम बच्‍चों की हत्‍या करने वाले साजिद के जनाजे में तीस हजार से ज्‍यादा लोग जुटे। इसके अलावा कई आपत्तिजनक और सांप्रदायिक बातें भी इस तस्‍वीर के साथ लिखी गईं।

पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों ही लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी पोस्‍ट को शेयर कर रहे हैं। इसका आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने साजिद के जनाजे के नाम से वायरल तस्‍वीर की पड़ताल के लिए सबसे पहले गूगल लेंस टूल का इस्‍तेमाल किया । सर्च करने पर यही तस्‍वीर हमें imgur नाम की एक वेबसाइट पर मिली। इसे 30 जुलाई 2015 को पोस्‍ट किया गया था। इसे आप यहां क्लिक करके देख सकते हैं।

सर्च के दौरान यही तस्वीर प्रभात खबर अखबार की वेबसाइट पर मिली। 31 जुलाई 2015 को इस्‍तेमाल करते हुए इसे याकूब मेमन के जनाजे के दौरान की बताया गया। इस तस्‍वीर को यहां देखा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच के अगले चारण में दैनिक जागरण, बदायूं के ब्‍यूरो चीफ कमलेश शर्मा से संपर्क किया। उन्‍होंने जानकारी देते हुए बताया कि वायरल तस्‍वीर बदायूं की नहीं है। वायरल पोस्‍ट गलत है।

क्‍या है बदायूं कांड

यूपी के बदायूं में 19 मार्च 2024 को साजिद नाम के व्‍यक्ति ने दो बच्‍चों की बेरहमी से हत्‍या कर दी थी। इसके बाद पुलिस एनकाउंटर में साजिद मारा गया। घटना के दो दिन बाद 21 मार्च को मोहम्मद साजिद के भाई जावेद को भी अरेस्‍ट कर‍ लिया गया।

पड़ताल के अंत में फर्जी और सांप्रदायिक पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की गई। फेसबुक यूजर Ashok Naiko गुजरात के सूरत का रहने वाला है। इसके अकाउंट पर छह सौ से ज्‍यादा फ्रेंड हैं।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट गलत साबित हुई। 2015 से इंटरनेट पर मौजूद तस्‍वीर को कुछ लोग बदायूं एनकाउंटर में मारे गए साजिद के जनाजे की बताकर झूठ फैला रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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