Fact Check : पीएम मोदी और सचिन तेंदुलकर की मुलाकात की पुरानी तस्वीर को एडिट करके किया गया वायरल

हमारी जांच में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। पीएम मोदी और सचिन की मुलाकात की एक पुरानी तस्वीर को एडिट करके फर्जी दावे के साथ वायरल किया गया।

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। सोशल मीडिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर की एक तस्‍वीर वायरल हो रही है। इस तस्‍वीर में सचिन के पीछे दीवार पर कथितरूप से मुकेश और नीता अंबानी की तस्‍वीर को देखा सकता है। यूजर्स दावा कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री के ऑफिस में मुकेश और नीता अंबानी की तस्‍वीर लगी हुई है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। हमें पता चला कि ओरिजनल तस्‍वीर को एडिट करके अलग से उस पर अंबानी परिवार की इमेज चिपकाई गई है। वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर सुमित वाल्मीकि ने 5 मार्च को एक तस्‍वीर को अपलोड करते हुए लिखा : ‘लिजिए मालिक की फोटो ऑफिस मे अब और क्या सबूत चाहिए अंधभक्तो गुलामी का।’

फेसबुक पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देख सकते हैं।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने पीएम मोदी और सचिन की वायरल तस्वीर को सबसे पहले गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल में अपलोड करके सर्च किया। हमें ओरिजनल तस्‍वीर कई वेबसाइट पर मिली। हमें 19 मई 2017 को बिजनेस स्‍टैंडर्ड की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट में ओरिजनल तस्वीर मिली। यह रिपोर्ट यहां क्लिक कर पढ़ी जा सकती है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, सचिन तेंदुलकर ने अपनी फिल्‍म ‘सचिन एक बिलियन ड्रिम्‍स’ को लेकर प्रधानमंत्री से मुलाकात की।

पड़ताल के दौरान हमें एक्‍सप्रेस स्पोर्ट्स के ट्विटर हैंडल पर भी यह तस्‍वीर मिली। 19 मई 2017 को पोस्‍ट की गई इस तस्‍वीर को लेकर कहा गया कि सचिन तेंदुलकर अपनी फिल्‍म को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने भाजपा नेता राकेश त्रिपाठी से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि प्रधानमंत्री की यह वायरल तस्‍वीर एडिटेड है।

तहकीकात के अंतिम दौर में फर्जी तस्‍वीर को पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच करने की बारी थी। हमें जांच में पता चला कि फेसबुक यूजर सुमित वाल्मीकि दिल्‍ली में रहता है।

निष्कर्ष: हमारी जांच में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। पीएम मोदी और सचिन की मुलाकात की एक पुरानी तस्वीर को एडिट करके फर्जी दावे के साथ वायरल किया गया।

False
Symbols that define nature of fake news
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