विश्वास न्यूज की जांच में सोमनाथ भारती के नाम पर वायरल तस्वीरें फर्जी साबित हुईं। दिसंबर 2019 की पुरानी तस्वीरों को एडिट करके अब वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (Vishvas News)। आम आदमी पार्टी के विधायक सोमनाथ भारती के नाम से सोशल मीडिया में दो तस्वीर वायरल हो रही हैं। यूजर्स दावा कर रहे हैं कि सोमनाथ भारती की यह हालत यूपी पुलिस ने की है। एक तस्वीर में पुलिस को एक शख्स को पकड़कर ले जाते हुए देखा जा सकता है, जबकि दूसरी तस्वीर में एक शख्स जमीन पर गिरा हुआ है।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। हमें पता चला कि लखनऊ की पुरानी तस्वीर पर सोमनाथ भारती के चेहरे को चिपकाकर झूठे दावों के साथ इसे वायरल किया जा रहा है। दरअसल ओरिजनल तस्वीर लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए आंदोलन के बाद हुई हिंसा से जुड़ी हुई है। ओरिजनल तस्वीर दिसंबर 2019 की हैं, जबकि सोमनाथ भारती के ऊपर जनवरी 2021 को स्याही फेंकी गई थी। हमारी जांच में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई।
फेसबुक यूजर देवेंद्र ने 16 जनवरी को दो तस्वीरों को अपलोड करते हुए इसे आम आदमी पार्टी के विधायक सोमनाथ भारती का बताया। फोटो को अपलोड करते हुए यूजर ने दावा किया : ‘ई देखिये सोमनाथ भारती का क्या हाल कर दिया है, पुलिस वालों ने सोमनाथ भारती कहा था, वर्दी उतरवा देगा, पुलिस वालों ने ये बताना भूल गये थे, की हम तुम्हारे पैजामा में उतरवा देंगे. बाबा जी की जय हो, और किसी अपिया को जाना हो UP मे तो देखा ले, फीर सोचे.’
फेसबुक पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखें।
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल हो रही तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च करना शुरू किया। खोज के दौरान ओरिजनल तस्वीर हमें कुछ ट्विटर हैंडल और अमर उजाला की वेबसाइट पर मौजूद एक खबर में मिली।
ट्विटर पर 8 जनवरी 2020 को मौजूद ओरिजनल फोटो में एक दूसरा ही शख्स नजर आया, जिसे पुलिस पकड़ कर ले जा रही है।
पड़ताल के दौरान हमें अमर उजाला की वेबसाइट पर 22 दिसंबर 2019 को पोस्ट की गई एक खबर में इस शख्स को लखनऊ हिंसा का गुनहगार बताते हुए इसी तस्वीर का इस्तेमाल किया गया। खबर में बताया गया कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन में आगजनी और पत्थरबाजी वाले लोगों को हिरासत में लिया गया।
अब हमें जानना था कि आम आदमी पार्टी के विधायक सोमनाथ भारती के साथ यूपी में क्या हुआ था। गूगल सर्च से हमें पता चला कि 11 जनवरी को सोमनाथ भारती रायबरेली गए थे। वहां एक शख्स ने उनके ऊपर काली स्याहीं फेंकी। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, यह घटना रायबरेली के गेस्ट हाउस में 11 जनवरी को हुई। बाद में उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और यूपी के अस्पतालों के खिलाफ अभ्रद बयान देने के आरोप में अरेस्ट कर लिया गया। पूरी खबर को आप यहां पढ़ सकते हैं।
इसी तरह हमें यूट्यूब पर कई वीडियो मिले, जिसमें सोमनाथ भारती पर स्याही फेंकते हुए देखा जा सकता है। एएनआई की रिपोर्ट यहां देखें।
पड़ताल के दौरान हमें एबीपी न्यूज के यूट्यूब चैनल पर एक खबर मिली। 11 जनवरी 2021 को अपलोड इस न्यूज में बताया गया कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ विवादित बयान देने के मामले में सोमनाथ भारती के खिलाफ केस दर्ज हुआ। उन्हें जेल भेज दिया गया।
पड़ताल के दौरान हमें जागरण डॉट कॉम पर एक खबर मिली। 19 जनवरी को पब्लिश इस खबर के अनुसार, सोमनाथ भारती को रिहा कर दिया गया है।
विश्वास न्यूज ने सोमनाथ भारती के नाम पर वायरल तस्वीर और ओरिजनल तस्वीर की तुलना भी की। हमने पाया कि एक पुरानी तस्वीर के ऊपर सोमनाथ भारती का चेहरा चिपकाया गया। इतना ही नहीं, यदि सोमनाथ भारती के साथ घटी घटना की खबर या वीडियो देखेंगे तो उन्होंने हाफ ब्लैक जैकेट पहना हुआ है, जबकि उनके नाम पर वायरल तस्वीर में शख्स को ग्रे कलर की फुल जैकेट पहने हुए देखा जा सकता है।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्वास न्यूज ने उस दूसरी तस्वीर को खोजना शुरू किया, जिसमें एक शख्स को जमीन पर गिरा हुआ दिखाया गया है। यह तस्वीर हमें पुरानी तारीखों में कई ट्वीट के रिप्लाई में मिली। वायरल पोस्ट की दोनों तस्वीरों के अलावा दो अन्य तस्वीरों को शलभ मणि त्रिपाठी ने भी 26 दिसंबर 2019 को ट्वीट किया था। शलभ यूपी के मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार हैं। इनकी ट्वीट नीचे देखें।
पड़ताल के अंतिम चरण में विश्वास न्यूज ने रायबरेली के वरिष्ठ पत्रकार शैलेंद्र कुमार से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि रायबरेली में सोमनाथ भारती के ऊपर काली स्याही फेंकी गई थी, लेकिन पुलिस दवारा घसीटकर ले जाने जैसी कोई घटना यहां नहीं हुई थी। दूसरी ओर, वायरल तस्वीर में जो कपड़े दिख रहे हैं, सोमनाथ भारती ने ऐसा कुछ नहीं पहना था।
अब बारी थी उस यूजर के अकाउंट की जांच करने की, जिसने फर्जी पोस्ट की। हमें पता चला कि फेसबुक यूजर देवेंद्र जयपुर का रहने वाला है। इसके अकाउंट को चार सौ से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की जांच में सोमनाथ भारती के नाम पर वायरल तस्वीरें फर्जी साबित हुईं। दिसंबर 2019 की पुरानी तस्वीरों को एडिट करके अब वायरल किया जा रहा है।
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