Fact Check : उत्तराखंड के सरकारी स्‍कूल की पुरानी तस्‍वीर गुजरात के नाम पर हुई वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में गुजरात के सरकारी स्‍कूल के नाम पर वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। जिस तस्‍वीर को गुजरात की बताते हुए पीएम मोदी पर तंज कसा जा रहा है, दरअसल वह उत्तराखंड के अल्‍मोड़ा के एक स्‍कूल की पुरानी तस्‍वीर है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफॉर्म पर एक तस्‍वीर वायरल की जा रही है। इसमें एक स्‍कूल के कमरे को दिखाया गया है, जिसकी छत टूटी हुई है। इस तस्‍वीर को कुछ लोग गुजरात के सरकारी स्‍कूल की बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कस रहे हैं। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल तस्‍वीर की विस्‍तार से जांच की तो सच सामने आ गया। दरअसल उत्तराखंड के एक सरकारी स्‍कूल की पुरानी तस्‍वीर को कुछ लोग गुजरात की तस्‍वीर बताकर वायरल कर रहे हैं। विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई।

क्‍या हो रहा है वायरल

ट्विटर हैंडल लिटिल केजरीवाल ने 22 नवंबर को एक तस्‍वीर को अपने अकाउंट से अपलोड करते हुए अंग्रेजी में तंजात्‍मक लहजे में लिखा : ‘Gujarat government just opened new Solar Power⚡ School. Thanks Modiji.’

इसका हिंदी अनुवाद कुछ यूं होगा : ‘गुजरात सरकार ने हाल ही में नया सोलर पावर स्‍कूल खोला है। शुक्रिया मोदीजी।’

पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसके आकाईव्‍ड वर्जन को यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी पड़ताल की शुरुआत ऑनलाइन टूल गूगल रिवर्स इमेज और यान्‍डेक्‍स से की। सर्च के दौरान हमें कई ऐसी पुरानी पोस्‍ट मिलीं, जिसमें वायरल तस्‍वीर को उत्तराखंड का बताया गया था। खोज के दौरान हमें न्‍यूजव्‍यूजनेटवर्क डॉट कॉम की वेबसाइट पर चार साल पुराना एक लेख मिला। इसमें उत्तराखंड की शिक्षा व्‍यवस्‍था की बदहाली की बात करते हुए वायरल तस्‍वीर का इस्‍तेमाल किया गया था। इसे यहां क्लिक करके देखा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने संबंधित कीवर्ड के जरिए अपनी पड़ताल जारी रखी। ओरिजनल तस्‍वीर हमें जागरण डॉट कॉम की एक खबर पर भी मिली। 10 मार्च 2018 को पब्लिश इस तस्‍वीर को अल्‍मोड़ा के राजकीय प्राथमिक विद्यालय खटोली की बताया गया। खबर में बताया गया, ‘हम बात कर रहे हैं जिले के तल्ला सल्ट स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय खटोली की। इस प्राथमिक विद्यालय में 36 छात्र- छात्राएं शिक्षा प्राप्त करते हैं। बच्चों के अध्ययन कार्य के लिए यहां दो कक्षा कक्ष बनाए गए थे। जो पिछले कई सालों से जीर्णशीर्ण अवस्था में हैं। कक्षा कक्षों की छत कुछ समय पहले बुरी तरह टूट चुकी है, जबकि खंडहर में तब्दील हो चुकी कक्षाएं कभी भी नीचे गिर सकती हैं।’ पूरी खबर यहां पढ़ें।

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण, अल्‍मोड़ा के प्रभारी चन्द्रशेखर द्विवेदी से संपर्क किया। उन्‍होंने हमें बताया कि वायरल तस्‍वीर अल्‍मोड़ा के ही एक गांव की है। इससे संबंधित खबर वर्ष 2018 में दैनिक जागरण में पब्लिश की गई थी। तस्‍वीर का गुजरात से कोई संबंध नहीं है।

पड़ताल के अंत में विश्‍वास न्‍यूज ने फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की। सोशल स्‍कैनिंग में पता चला कि ट्विटर हैंडल लिटिल केजरीवाल एक राजनीतिक दल से जुड़े हुए हैं। उनके हैंडल को 2753 लोग फॉलो करते हैं। यह ट्विटर हैंडल दिसंबर 2020 को बनाया गया था।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में गुजरात के सरकारी स्‍कूल के नाम पर वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। जिस तस्‍वीर को गुजरात की बताते हुए पीएम मोदी पर तंज कसा जा रहा है, दरअसल वह उत्तराखंड के अल्‍मोड़ा के एक स्‍कूल की पुरानी तस्‍वीर है।

False
Symbols that define nature of fake news
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