Fact Check: सोशल मीडिया पर फर्जी आईडी के जरिए भड़काऊ टिप्पणी करने की पुरानी घटना गलत तस्वीर के साथ भ्रामक दावे से वायरल

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक तस्वीर को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह मोहम्मद अहमद नाम के व्यक्ति की है, जिसे हिमाचल पुलिस ने फेसबुक पर फर्जी आईडी बनाकर जातीय वैमनस्य फैलाने के मामले में गिरफ्तार किया है।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा भ्रामक निकला। जिस व्यक्ति की तस्वीर को मोहम्मद अहमद का बताकर वायरल किया जा रहा है, वह अमेरिका में काम करने वाले डेटा वैज्ञानिक हैं। वहीं, फेसबुक पर फर्जी आईडी बनाकर जातीय विद्वेष को फैलाने के मामले में मोहम्मद अहमद नाम के व्यक्ति की गिरफ्तारी उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में वर्ष 2017 में हुई थी।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ‘Akhilesh Kumar‎’ ने वायरल ग्राफिक्स को शेयर किया है, जिसमें एक व्यक्ति की तस्वीर के साथ लिखा हुआ है, ”यादव की आईडी बनाकर ब्राह्मण को गाली…ब्राह्मण की आईडी बनाकर दलित को गाली…असल में निकला मोहम्मद अहमद। कांग्रेस का नया पैंतरा…साईबर जेहाद हिंदुओँ में फूट डालो। हिमाचल पुलिस ने किया मोहम्मद अहमद को गिरफ्तार। फेसबुक पर हिंदू नाम से आईडी बनाकर गीता को गालियां….एक जाति की आईडी बनाकर दूसरी जाति वालों को देता था गालियां…पुलिस ने पकड़ा तो निकला मोहम्मद।”

सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स इस ग्राफिक्स को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल ग्राफिक्स में दी गई तस्वीर के साथ किए गए दावे की सच्चाई को जांचने के लिए हमने गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद ली। सर्च में हमें यह तस्वीर एक फेसबुक प्रोफाइल पर लगी मिली। दी गई जानकारी के मुताबिक, यह प्रोफाइल जीशान उल हसन उस्मानी का है और फ्रीलांस डेटा साइंटिस्ट, ब्लॉकचेन और एआई कंसल्टेंट हैं।

जीशान उल हसन उस्मानी का फेसबुक प्रोफाइल और उनकी इसी तस्वीर को वायरल पोस्ट में गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है

उन्होंने अपनी प्रोफाइल पर अपनी वेबसाइट का भी लिंक दिया हुआ है, जहां पर उन्होंने अपने काम के बारे में विस्तार से जानकारी दी है।

अब तक की ऑनलाइन जांच से यह स्पष्ट है कि जिस व्यक्ति को जातीय वैमनस्य फैलाने के मामले में हिमाचल प्रदेश में गिरफ्तार मोहम्मद अहमद का बताकर साझा किया जा रहा है, वह अमेरिका में रहने वाले डेटा साइंटिस्ट और कंसल्टेंट जीशान उस्मानी है।

जीशान उस्मानी का लिंक्डइन प्रोफाइल

इसके बाद हमने न्यूज सर्च की मदद ली। संबंधित की-वर्ड्स से सर्च करने पर हमें एक हिंदी न्यूज वेबसाइट पर 27 तिसंबर 2017 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली। इसके मुताबिक, ‘उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में सोशल मीडिया पर धार्मिक रूप से भड़काऊ टिप्पणी करने के मामले में पुलिस ने हुसैनगंज निवासी मोहम्मद अहमद को गिरफ्तार किया था।’

ट्विटर पर हमीरपुर पुलिस के आधिकारिक हैंडल से इस मामले की विस्तृत जानकारी और गिरफ्तार आरोपी की भी तस्वीर को साझा किया गया है।

दी गई जानकारी के मुताबिक, ‘उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में फेसबुक पर फर्जी आईडी बनाकर अश्लील टिप्पणी करने के मामले में अभियुक्त मोहम्मद अहमद को 27 सितंबर 2019 को गिरफ्तार किया गया।’

मामले की पुष्टि के लिए हमने हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के हमीरपुर ब्यूरो चीफ राजीव त्रिवेदी से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि यह घटना 28 सितंबर 2017 की है और हमीरपुर जिले से संबंधित है।

यह ग्राफिक्स पहले भी सोशल मीडिया पर लगभग समान दावे के साथ वायरल हो चुका है, जिसकी विस्तृत फैक्ट चेक रिपोर्ट को विश्वास न्यूज की वेबसाइट पर पढ़ा जा सकता है।

निष्कर्ष: मोहम्मद अहमद नाम के जिस व्यक्ति को फेसबुक पर फर्जी आईडी बनाकर भड़काऊ टिप्पणी करने के मामले में हिमाचल प्रदेश में गिरफ्तार किए जाने का दावा किया जा रहा है, वह वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले का मामला है और इस दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीर अमेरिका में रहने वाले डेटा साइंटिस्ट जीशान उस्मानी की है, जिनका इस घटना से कोई संबंध नहीं है।

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