Fact Check: राजस्थान के करौली जिले में पुजारी की हत्या की पुरानी खबर को हाल का बताकर भ्रामक दावे से किया जा रहा वायरल
राजस्थान के करौली जिले में जमीन विवाद के मामले में पुजारी की हत्या से संबंधित खबर को हाल का बताकर भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
- By: Abhishek Parashar
- Published: Oct 7, 2021 at 12:52 PM
- Updated: Oct 7, 2021 at 01:06 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। लखीमपुरी हिंसा के बाद सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट के जरिए दावा किया जा रहा है कि राजस्थान में एक पुजारी को जिंदा जला दिया गया और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार होने की वजह से इस मामले को लेकर कहीं कोई आवाज नहीं उठाई जा रही है। वायरल पोस्ट को शेयर किए जाने के समय से ऐसा भान हो रहा है कि यह राजस्थान में घटित किसी हालिया घटना से संबंधित है।
विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा भ्रामक निकला। पिछले साल अक्टूबर में हुई घटना की तस्वीर को हाल का बताकर भ्रामक दावे से वायरल किया जा रहा है।
क्या है वायरल पोस्ट में?
फेसबुक यूजर ‘Vivek Jaiswal’ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) में एक इन्फोग्राफिक्स को शेयर किया है, जिसमें प्रियंका गांधी वाड्रा और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तस्वीर के साथ अखबार में प्रकाशित खबर की कतरन को देखा जा सकता है, जिसकी हेडलाइन है, ”तस्वीर भयावह है…लेकिन दरिंदगी का सबसे बड़ा सबूत।”
सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने इस इन्फोग्राफिक्स को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
पड़ताल
इन्फोग्राफिक्स को शेयर किए जाने के समय से यह प्रतीत हो रहा है कि इसमें जिस खबर का जिक्र किया गया है, वह राजस्थान में हाल में हुई किसी घटना से संबंधित है। ग्राफिक्स में अखबार की कतरन की तस्वीर में नजर आ रही हेडलाइन के की-वर्ड्स से सर्च करने पर दैनिक भास्कर के राष्ट्रीय संपादक एल पी पंत के वेरिफाइड ट्विटर प्रोफाइल से 10 अक्टूबर 2020 को शेयर किया गया ट्वीट मिली, जिसमें राजस्थान के करौली में मंदिर की जमीन कब्जाने के मामले में पुजारी को जिंदा जलाए जाने की घटना का जिक्र है।
इस ट्वीट में उन्होंने 10 अक्टूबर 2020 को दैनिक भास्कर के जयपुर संस्करण अखबार में छपी इस घटना की खबर के पीडीएफ को शेयर किया है, जिसमें नजर आ रही तस्वीर और हेडलाइन वही है, जिसे वायरल इन्फोग्राफिक्स में इस्तेमाल किया गया है।
न्यूज सर्च में भास्कर डॉटकॉम की वेबसाइट पर 10 अक्टूबर 2020 को प्रकाशित खबर मिली, जिसमें इस घटना का विवरण दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘राजस्थान के करौली जिले के सपोटरा इलाके में पुजारी बाबूलाल वैष्णव को कुछ लोगों ने बुधवार को पेट्रोल डालकर जला दिया। जयपुर के SMS अस्पताल में इलाज के दौरान गुरुवार को पुजारी की मौत हो गई। पुलिस ने मुख्य आरोपी कैलाश मीणा को गिरफ्तार कर लिया है। बाकी आरोपियों की तलाश जारी है।’
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी अपने ट्विटर हैंडल से 9 अक्टूबर 2020 को इस मामले को लेकर ट्वीट करते हुए आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया था।
मामले के बारे में अतिरिक्त जानकारी के लिए हमने करौली जिला पुलिस से संपर्क किया। करौली पुलिस स्टेशन के प्रभारी रामेश्वर दयाल ने बताया कि यह घटना सपोटरा थाना क्षेत्र से संबंधित है। सपोटरा थाना के स्टेशन हाउस ऑफिसर बनवारी लाल मीणा ने विश्वास न्यूज को बताया, ‘यह पिछले साल की घटना है, जिसमें जांच के बाद पुलिस ने चार्जशीट फाइल कर दी है। यह मामला सरकारी जमीन को कब्जाने का मामला था। तीन आरोपियों में से एक फिलहाल जेल में है, जबकि दो अन्य आरोपी जमानत पर बाहर हैं।’
वायरल पोस्ट को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर ने अपनी प्रोफाइल में खुद को वाराणसी का रहने वाला बताया है।
निष्कर्ष: राजस्थान के करौली जिले में जमीन विवाद के मामले में पुजारी की हत्या से संबंधित खबर को हाल का बताकर भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
- Claim Review : राजस्थान में जंगलराज
- Claimed By : FB User-Vivek Jaiswal
- Fact Check : भ्रामक
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