गुजरात के कांडला से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के बीच 10,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाई जाने वाली 2,757 किलोमीटर लंबी गैस पाइपलाइन का दावा सही है, लेकिन इसके साथ इस्तेमाल की गई तस्वीर जर्मनी में बिछाई जा रही पाइपलाइन का है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर एक गैस पाइपलाइन की तस्वीर को धड़ल्ले से शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह कांडला-गोरखपुर गैस पाइपलाइन की है। 2757 किलोमीटर लंबी इस पाइपलाइन का काम अभी निर्माणाधीन है और इसके निर्माण पर 10,000 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है।
हमने अपनी पड़ताल में पाया कि कांडला-गोरखपुर एलपीजी पाइपलाइन निर्माण के बाद दुनिया की सबसे लंबी गैस पाइपलाइन होगी, जो तीन राज्यों गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से होकर गुजरेगी। हालांकि, इस दावे के साथ साझा की जा रही तस्वीर इस पाइपलाइन की न हो होकर जर्मनी में बिछाई जा रही पाइपलान की तस्वीर है, जिसे भ्रामक दावे के साथ सोशल मीडिया पर कांडला-गोरखपुर गैस पाइपलान की तस्वीर बताकर शेयर किया जा रहा है।
ट्विटर यूजर ‘Avinash Srivastava’ ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, ”’Kandla Gorakhpur Gas Pipeline’This 2757 kms long under construction LPG pipeline is world’s longest gas pipeline. Total cost ~ ₹10,000 crores..Scheduled to be commissioned by mid 2023, this will ensure supply of 25% of total cooking gas demand in India.ModiHaiToMumkinHai”
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर भी कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान दावे के साथ शेयर किया है। फेसबुक पर कई यूजर्स ने इस तस्वीर को समान दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल पोस्ट में दावा किया गया है कि गुजरात के कांडला से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के बीच 10,000 करोड़ रुपये की लागत वाली 2757 किलोमीटर लंबी गैस पाइपलाइन का काम जारी है, जिसे 2023 में पूरा कर लिया जाएगा। इस दावे के साथ ही गैस पाइपलाइन की तस्वीर को भी साझा किया जा रहा है। पोस्ट में किए गए दावे की सच्चाई का पता लगाने के लिए हमने न्यूज सर्च की मदद ली।
न्यूज सर्च में हमें हिंदू बिजनस लाइन डॉट कॉम की वेबसाइट पर चार जून 2019 को इससे संबंधित प्रकाशित रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘इंडियन ऑयल, बीपीसीएल और एचपीसीएल कांडला (गुजरात) से गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) के बीच दुनिया की सबसे लंबी एलपीजी पाइपलाइन बिछा रहे हैं। इंडियन ऑयल की तरफ से जारी बयान के मुताबिक 2,757 किलोमीटर लंबी यह पाइपलाइन गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच मौजूद होगी और इसे लेकर तीनों कंपनियों के बीच संयुक्त वेंचर पर हस्ताक्षर हो चुका है। इस पाइपलाइन की निर्माण लागत 10,000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। इसी रिपोर्ट में हमें तीनों राज्यों से होकर गुजरने वाली पाइपलाइन का ग्राफिक्स भी मिला, जिसे वायरल पोस्ट में इस्तेमाल किया है।
हमारी अब तक की जांच से यह स्पष्ट है कि कांडला से गोरखपुर के बीच बनने वाली गैस पाइपलाइन की लंबाई 2,757 किलोमीटर होगी और इसकी लागत करीब 10,000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। पोस्ट के साथ इस पाइपलाइन की तस्वीर को साझा किया गया है। रिवर्स इमेज सर्च में हमें यह तस्वीर न्यूयॉर्क टाइम्स की वेबसाइट पर आठ अप्रैल 2010 को प्रकाशित रिपोर्ट में लगी मिली।
रिपोर्ट के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, यह तस्वीर जर्मनी के लूबमिन में बिछाई जा रही गैस पाइपलाइन की तस्वीर है। गेट्टी इमेजेज की वेबसाइट पर हमें यह ओरिजनल तस्वीर भी मिली। दी गई जानकारी वही है, जो न्यूयॉर्क टाइम्स की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट में दी गई है। यह गैस पाइपलान रूस से जर्मनी और अन्य यूरोपीय देशों में बिछाई जा रही है।
यह स्पष्ट है कि गुजरात के कांडला से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के बीच लगाई जाने वाली गैस पाइपलाइन के नाम पर वायरल हो रही तस्वीर जर्मनी की है। हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के गोरखपुर के स्थानीय संपादक मदन मोहन ने भी इस इसकी पुष्टि करते हुए बताया, ‘वायरल हो रही तस्वीर गोरखपुर से संबंधित नहीं है।’
वायरल तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल को ट्विटर पर करीब 16 हजार लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: गुजरात के कांडला से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के बीच 10,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाई जाने वाली 2,757 किलोमीटर लंबी गैस पाइपलाइन का दावा सही है, लेकिन इसके साथ इस्तेमाल की गई तस्वीर जर्मनी में बिछाई जा रही पाइपलाइन का है।
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