Fact Check: यह तस्वीर बिहार के पूर्णिया जिले में हुई 2017 की घटना की है, उत्तर प्रदेश के नाम पर गलत दावे से हो रहा वायरल

बिहार के पूर्णिया जिले के सदर अस्पताल में 2017 में एक महिला की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन की तरफ से एंबुलेंस मुहैया नहीं कराए जाने की वजह से शव को मृतक महिला के स्वजन मोटरसाइकिल पर रखकर ले गए थे। इसी घटना की तस्वीर को उत्तर प्रदेश के नाम पर फेक दावे से वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक तस्वीर को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह उत्तर प्रदेश की है, जहां एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिलने के कारण एक पिता-पुत्र को शव को मोटरसाइकिल से लेकर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वायरल हो रही तस्वीर वास्तव में बिहार के पूर्णिया जिले में 2017 की घटना से संबंधित है, जहां एक व्यक्ति को उसकी पत्नी के शव को अंतिम संस्कार के लिए मोटरसाइकिल पर लेकर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा था, क्योंकि उन्हें सरकारी अस्पताल से इसके लिए एंबुलेंस की सुविधा नहीं दी गई।

क्या है वायरल?

फेसुबक यूजर ‘Virendra Prajapati’ ने वायरल तस्वीर को शेयर किया है, जिस पर लिखा हुआ है, ”योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश में, एंबुलेंस न मिलने के कारण शव को मोटरसाइकिल पर ले जाते हुए पित्रा पुत्र।”

सोशल मीडिया पर गलत दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीर

सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल तस्वीर में मोटरसाइकिल पर दो पुरुषों को एक महिला का शव थामे हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर उत्तर प्रदेश की है। गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें यह तस्वीर कई न्यूज रिपोर्ट्स में लगी मिली। दैनिक जागरण की वेबसाइट पर चार जून 2017 को प्रकाशित रिपोर्ट में इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है।

दैनिक जागरण की वेबसाइट पर चार जून 2017 को प्रकाशित रिपोर्ट में इस्तेमाल की गई पूर्णिया की घटना की तस्वीर

टाइम्स ऑफ इंडिया के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी इस तस्वीर को चार जून 2017 को साझा किया गया है। ट्वीट के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, यह तस्वीर बिहार के पूर्णिया जिले की है, जहां सरकारी अस्पताल की तरफ से शव वाहन मुहैया नहीं कराए जाने के कारण एक व्यक्ति को अपनी पत्नी के शव को अंतिम संस्कार के लिए मोटरसाइकिल से ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।

एक अन्य न्यूज रिपोर्ट में भी इस घटना का जिक्र है। रिपोर्ट के मुताबिक, मामले की तस्वीर सामने आने के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बिहार सरकार को नोटिस भी जारी किया था।

रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, मृतका का नाम सुशीला देवी था, जिसकी मृत्यु दो जून 2017 को पूर्णिया के सदर अस्पताल में हुई थी। जब मृतका के पति शंकर शाह ने शव को ले जाने के लिए वाहन की मांग की थी तो अस्पताल के कर्मचारियों ने उन्हें स्वंय ही इसका इंतजाम करने के लिए कहा।

विश्वास न्यूज ने इस तस्वीर को लेकर पूर्णिया के सिविल सर्जन एस के वर्मा से संपर्क किया। उन्होंने कहा, ‘यह तस्वीर साल 2017 की पूर्णिया सदर अस्पताल की है। पूर्णिया के श्रीनगर के एक मरीज की अस्पताल में मौत हो गई थी। मौत के बाद एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण स्वाजन शव को मोटरसाइकिल से ले गए थे। मामला सामने आने के बाद जांच में दोषी पाए गए सदर अस्पताल के दो कर्मियों को निलंबित कर दिया गया था।’

वायरल तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर ने अपनी फेसबुक प्रोफाइल में स्वयं को मेरठ का रहने वाला बताया है।

निष्कर्ष: बिहार के पूर्णिया जिले के सदर अस्पताल में 2017 में एक महिला की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन की तरफ से एंबुलेंस मुहैया नहीं कराए जाने की वजह से शव को मृतक महिला के स्वजन मोटरसाइकिल पर रखकर ले गए थे। इसी घटना की तस्वीर को उत्तर प्रदेश के नाम पर फेक दावे से वायरल किया जा रहा है।

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