नूपुर शर्मा को फटकार लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जे बी पारदीवाला के कांग्रेस के टिकट से विधायक का चुनाव जीतने का दावा गलत और दुष्प्रचार है। इस दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीर में सोनिया गांधी के साथ नजर आ रहे व्यक्ति पारदीवाला नहीं बल्कि पूर्व सीजेआई बालाकृष्णन हैं।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। नूपुर शर्मा विवाद में सुप्रीम कोर्ट के बेंच की टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि इसमें काला कोट में नजर आ रहे व्यक्ति कोई और नहीं, बल्कि पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी के मामले में नूपुर शर्मा को कोर्ट की सुनवाई के दौरान फटकार लगाने सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जे बी पारदीवाला हैं, जो 1989-90 के बीच कांग्रेस पार्टी के टिकट से विधायक भी रह चुके हैं।
विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। वायरल हो रही तस्वीर पुरानी है, जिसमें सोनिया गांधी के साथ नजर आ रहे व्यक्ति जे बी पारदीवाला नहीं, बल्कि पूर्व सीजेआई के जी बालाकृष्णन हैं और यह तस्वीर 2007 की है, जब राष्ट्रपति भवन में के जी बालाकृष्णन ने देश के चीफ जस्टिस के पद की शपथ ली थी। पोस्ट में किया गया यह दावा भी गलत है कि जस्टिस जे बी पारदीवाला 1989-90 के बीच कांग्रेस के टिकट पर विधायक थे। पारदीवाला के पिता वकील होने के साथ ही 1989 से 1990 तक सातवीं गुजरात विधानसभा के स्पीकर रहे थे। जस्टिस जे बी पारदीवाला किसी भी पार्टी के टिकट से विधायक नहीं रहे हैं।
फेसबुक यूजर ‘Sushil Kumar Sharma’ ने वायरल तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”यह पादरी वाला सुप्रीम कोर्ट का जज कांग्रेस का एजेंट है इस पर महाभियोग लगाकर तुरंत से बर्खास्त किया जाए।”
कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर समान दावे के साथ सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर समान दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल तस्वीर में सोनिया गांधी के साथ नजर आ रहे व्यक्ति देश के पूर्व सीजेआई के जी बालाकृष्णन हैं। पुष्टि के लिए हमने उपयुक्त की-वर्ड के साथ इस तस्वीर को सर्च किया। सर्च में ओरिजिनल तस्वीर गेट्टी इमेजेज की वेबसाइट पर लगी मिली, जिसमें सोनिया गांधी, ए के एंटनी और राम विलास पासवान के साथ के जी बालाकृष्णन को देखा जा सकता है।
दी गई जानकारी के मुताबिक, यह तस्वीर राष्ट्रपति भवन की है, जब 14 जनवरी 2007 को देश का मुख्य न्यायाधीश चुने जाने पर तत्कालीन रक्षा मंत्री ए के एंटनी, यूपी चेयरपर्सन सोनिया गांधी और केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने बधाई दी थी।
कई अन्य पुरानी न्यूज रिपोर्ट में भी इस तस्वीर को देखा जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, के जी बालाकृष्णन 14 जनवरी 2007 को देश के मुख्य न्यायाधीश नियुक्ति किए गए थे। उनके बाद 2010 में जस्टिस एस एच कपाड़िया देश के सीजेआई बने थे।
अब तक की पड़ताल से स्पष्ट है कि जिस तस्वीर को देश के मौजूद जस्टिस जे बी पारदीवाला का बताकर वायरल किया जा रहा है, वह देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश के जी बालाकृष्णन की है। हमारे सहयोगी दैनिक जागरण की कानूनी संवाददाता माला दीक्षित ने भी इसकी पुष्टि करते हुए बताया, ‘वायरल तस्वीर में सोनिया गांधी ने साथ दिखाई दे रहे व्यक्ति जस्टिस जे बी पारदीवाला नहीं, बल्कि पूर्व मुख्य न्यायाधीश के जी बालाकृष्णन हैं।’
वायरल पोस्ट में एक और दावा किया गया है कि नूपुर शर्मा को फटकार लगाने वाले जस्टिस जे बी पारदीवाला कांग्रेस के टिकट से विधायक रह चुके हैं। हमने अपनी पड़ताल में भी इस दावे को गलत और दुष्प्रचार पाया।
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, पारदीवाला का जन्म एक वकील परिवार में हुआ और जिनका पैतृक शहर गुजरात का वलसाड है। उनके पिता बुरजोर कावसजी पारदीवाला वकील होने के साथ ही 7वें गुजरात विधानसभा (दिसंबर 1989 से मार्च 1990) के स्पीकर भी रहे थे।
चुनाव आयोग की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी से भी इस दावे की पुष्टि होती है।
सर्च में हमें ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली, जिससे यह साबित होता है कि जस्टिस पारदीवाला किसी पार्टी के टिकट से विधायक रह चुके हैं। विश्वास न्यूज ने इस दावे की विस्तृत पड़ताल की है, जिसकी फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, नूपुर शर्मा ने अपने खिलाफ अलग-अलग राज्यों में दर्ज एफआईआर के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए सभी मामलों को दिल्ली ट्रांसफर किए जाने की गुहार लगाई थी। इसी मामले की सुनवाई करते हुए दो जजों की बेंच (जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जे बी पारदीवाला) में से जस्टिस पारदीवाला ने नूपुर शर्मा को फटकार लगाई थी। उनकी इसी टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ दुष्प्रचार का सिलसिला शुरू हुआ।
वायरल तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल फेसबुक पर अख्टूबर 2011 से सक्रिय है। यह प्रोफाइल विशेष राजनीतिक विचारधारा से प्रेरित है।
निष्कर्ष: नूपुर शर्मा को फटकार लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जे बी पारदीवाला के कांग्रेस के टिकट से विधायक का चुनाव जीतने का दावा गलत और दुष्प्रचार है। जस्टिस पारदीवाला के पिता वकील होने के साथ गुजरात विधानसभा के स्पीकर रहे थे, लेकिन जस्टिस पारदीवाला किसी भी पार्टी के टिकट से विधायक नहीं रहे हैं। इस दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीर में सोनिया गांधी के साथ नजर आ रहे व्यक्ति पारदीवाला नहीं, बल्कि पूर्व सीजेआई बालाकृष्णन हैं।
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