नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक तस्वीर में पेड़ से लटके हुए किसी व्यक्ति के शव को देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि यह घटना पश्चिम बंगाल की है, जहां तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने राजनीतिक दुश्मनी की वजह से इस व्यक्ति की हत्या कर दी, क्योंकि वह भारतीय जनता पार्टी का समर्थक था। वायरल पोस्ट को चार अक्टूबर को शेयर किया गया है, जिससे इस घटना के हालिया होने का भान होता है।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा भ्रामक निकला। वास्तव में यह तस्वीर 2018 में हुई पुरानी घटना की है, जिसे हाल का बताकर वायरल किया जा रहा है।
सोशल मीडिया यूजर ‘Bihari’ ने वायरल तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”ये पश्चिम बंगाल का एक 18 साल का लड़का त्रिलोचन महतो है। जिसका TMC कार्यकर्ताओं ने हत्या कर दी और उसके टीशर्ट पर लिख दिया ‘ये भाजपा में शामिल होने का सज़ा है।’
और आज TMC सांसद डेरेक ओ ब्रायन यूपी गए है कानून व्यवस्था पर ज्ञान छिलने। घिनौनी राजनीति देख रहे हो इनके?”
सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को हाल की घटना का मानते हुए उसे समान दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल हो रही तस्वीर के साथ किए गए दावे की सत्यता जांचने के लिए हमने गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद ली। सर्च में हमें यह तस्वीर dnaindia.com की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट में मिली।
24 जून 2018 को प्रकाशित इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, ‘पश्चिम बंगाल सीआईडी ने रविवार को पुरुलिया जिले से त्रिलोचन महतो की हत्या के एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया। बीजेपी ने महतो को अपनी पार्टी का सदस्य बताया है।’
रिपोर्ट में अधिकारी के हवाले से बताया गया है, ‘इस मामले में पुलिस ने पंजाबी महतो को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया है। त्रिलोचन का शव 30 मई को बलरामपुर लिमिट्स में पेड़ से लटका हुआ पाया गया था।’
पुलिस को शव के पास से एक अहस्ताक्षरित नोट भी मिला, जिसमें लिखा हुआ था कि हाल ही में हुए स्थानीय चुनाव में ‘बीजेपी के लिए काम करने के कारण उसे यह सजा दी गई है।’
सोशल मीडिया सर्च में हमें यह तस्वीर गृह मंत्री अमित शाह के ट्विटर प्रोफाइल पर भी मिली। तस्वीर के साथ शव के पास से बरामद नोट की तस्वीर को शेयर करते हुए उन्होंने लिखा है, ‘पश्चिम बंगाल के बलरामपुर में हमारे युवा कार्यकर्ता त्रिलोचन महतो की हत्या से बहुत दुखी हूं। राज्य के संरक्षण में जोश और संभावनाओं से भरे एक युवा की जिंदगी छीन ली गई। उसे इसलिए मार कर लटका दिया गया क्योंकि उसके विचार राज्य समर्थित गुंडों से भिन्न थे।’
हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के बंगाल ब्यूरो चीफ जे के वाजपेयी ने पुष्टि करते हुए बताया, ‘यह 2018 की घटना से संबंधित तस्वीर है।’
वायरल तस्वीर को शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल को करीब तीन सौ से अधिक लोग फॉलो करते हैं। यह पेज जुलाई 2020 से फेसबुक पर सक्रिय है।
निष्कर्ष: सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे बीजेपी कार्यकर्ता के शव की तस्वीर पुरानी घटना से संबंधित है, जिसे हाल का बताकर भ्रामक दावे के साथ साझा किया जा रहा है।
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