मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में देह व्यापार में संलिप्त युवाओं की गिरफ्तारी की पुरानी घटना की तस्वीर को इलाहाबाद विश्वविद्यालय के गिरफ्तार छात्रों का बताकर भ्रामक दावे से वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक तस्वीर में किसी पुलिस स्टेशन के बाहर कई युवाओं को गिरफ्तार देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रावास में बम बनाते हुए पकड़े गए 25 छात्रों की तस्वीर है, जिसे मीडिया छिपाने की कोशिश कर रहा है।
विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा भ्रामक निकला। वायरल पोस्ट में नजर आ रही तस्वीर वास्तव में मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में देह व्यापार में संलिप्त नौ लड़कियों समेत 15 लोगों के गिरफ्तार होने की है, जिसे इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों के नाम से भ्रामक दावे से वायरल किया जा रहा है।
फेसबुक यूजर ‘Abid Hussain’ ने वायरल इन्फोग्राफिक्स को शेयर किया है, जिस पर लिखा हुआ है, ”आतंकवाद का नया अड्डा इलाहाबाद विश्वविद्यालय। हॉस्टर 25 छात्र बम बनाते पकड़े…58 कमरे सील मीडिया खामोश, क्योंकि एक भी मुस्लिम नाम नहीं।”
कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल पोस्ट में इस्तेमाल की गई तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर कई पुरानी रिपोर्ट्स मिली, जिसमें इसी तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है।
पत्रिका डॉट कॉम की वेबसाइट पर 15 जुलाई 2019 को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, ‘रतलाम के लेबड़-नयागांव फोरलेन पर बसे रेड एरिया में शामिल ग्राम परवलिया स्थित बाछड़ा डेरों पर रविवार को पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दबिश दी। जिसमें देह व्यापार में संलिप्त करीब 9 युवतियों सहित 15 युवकों को गिरफ्तार किया गया।’ रिपोर्ट में गिरफ्तार सभी लोगों के नाम और उनकी जाति का भी उल्लेख है। गिरफ्तार लोगों में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग शामिल थे।
स्पष्ट है कि वायरल हो रही तस्वीर मध्य प्रदेश के रतलाम में देह व्यापार में संलिप्त लोगों की गिरफ्तारी का है, जिसे इलाहाबाद विश्वविद्यालय के गिरफ्तार छात्रों का बताकर वायरल किया जा रहा है।
रतलाम में हमारे सहयोगी नईदुनिया के संवाददाता नरेंद्र जोशी ने पुष्टि करते हुए बताया कि वायरल हो रही तस्वीर रतलाम जिले में देह व्यापार में संलिप्त युवाओं की गिरफ्तारी की है।
न्यूज सर्च में ऐसी कई पुरानी रिपोर्ट्स मिली, जिसमें इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रावास में छापेमारी का जिक्र है। 17 अप्रैल 2019 की आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद विश्वविद्यालय के ताराचंद छात्रावास में छापेमारी के दौरान पुलिस ने बम और असलहे बनाने के उपकरण बरामद किए हैं. पुलिस की छापेमारी में 58 कमरों को सील किया गया है और कई गाड़ियां भी बरामद की गई हैं।’
पुलिस की इस कार्रवाई पर समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता रिचा सिंह ने सवाल उठाए थे। उन्होंने प्रशासन पर छात्रों के उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाए थे।
वायरल पोस्ट में यह दावा किया गया है कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय में हुई छापेमारी की घटना को मीडिया ने दबाने का प्रयास किया, जो गलत है। न्यूज सर्च में हमें इस घटना की रिपोर्ट मुख्य धारा की लगभग सभी न्यूज वेबसाइट और चैनलों पर लगी मिली। सभी चैनलों और वेबसाइट्स पर इस घटना को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया है।
वायरल तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर 2600 लोग फॉलो करते हैं। यह प्रोफाइल विचारधारा विशेष से प्रेरित है।
निष्कर्ष: मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में देह व्यापार में शामिल आरोपियों की गिरफ्तारी की पुरानी घटना की तस्वीर को इलाहाबाद विश्वविद्यालय के गिरफ्तार छात्रों का बताकर भ्रामक दावे से वायरल किया जा रहा है।
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