Fact Check: बंगाल में 2010 में माओवादियों और पुलिस के बीच हुई मुठभेड़ की तस्वीर गलत दावे से वायरल
पश्चिम बंगाल के लालगढ़ के इलाके में साल 2010 में सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच हुई मुठभेड़ की तस्वीर को छत्तीसगढ़ का बताते हुए भ्रामक दावे से वायरल किया जा रहा है।
- By: Abhishek Parashar
- Published: Apr 5, 2022 at 12:47 PM
- Updated: Apr 5, 2022 at 12:57 PM
नई दिल्ली (विश्नास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक तस्वीर को लेकर दावा किया जा रहा है यह छत्तीसगढ़ से संबंधित है, जहां पुलिस नक्सलियों के नाम पर आम नागरिकों पर जुल्म ढा रही है। तस्वीर में सुरक्षा बलों को कई लोगों के शवों को ले जाते हुए देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। वायरल हो रही तस्वीर छत्तीसगढ़ से संबंधित नहीं है। यह तस्वीर पश्चिम बंगाल की बेहद पुरानी घटना से संबंधित है, जब माओवादियों का गढ़ माने जाने वाले लालगढ़ के पास माओवादियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई मुठभेड़ में तीन महिला माओवादी समेत आठ माओवादी मारे गए थे। 2010 की इस पुरानी तस्वीर को हाल का बताते हुए गलत संदर्भ में छत्तीसगढ़ के नाम पर वायरल किया जा रहा है।
क्या है वायरल?
फेसबुक यूजर ‘Abhishek Goutam’ ने वायरल तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”यह हाल है छत्तीसगढ़ का। नक्सल के नाम पर बेकसूर लोग मारे जा रहे हैं। इन बेकसूर लोगों का जिम्मेदार कौन होगा?”
कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ छत्तीसगढ़ का समझते हुए शेयर किया है।
पड़ताल
वायरल तस्वीर को लेकर किए गए दावे की जांच के लिए हमने गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद ली। सर्च में यह तस्वीर गेट्टी इमेजेज की वेबसाइट पर मिली।
दी गई जानकारी के मुताबिक, यह तस्वीर 16 जून 2010 को माओवादियों का गढ़ समझे जाने वाले लालगढ़ के पास रांझा जंगल में भारतीय सुरक्षा बलों ने सैन्य मुठभेड़ के दौरान आठ माओवादियों को मार गिराया था, जिसमें तीन महिला माओवादी भी शामिल थीं। इस मुठभेड़ के दौरान भारतीय सुरक्षा बलों ने भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद को भी जब्त किया था।
न्यूज सर्च में ऐसी कई पुरानी रिपोर्ट्स मिली, जिससे इस घटना की पुष्टि होती है। टाइम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर 17 जून 2010 को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक बंगाल में पुलिस मुठभेड़ में आठ माओवादी मारे गए, जिसमें तीन महिलाएं शामिल थीं। रिपोर्ट में सीपीआई (माओवादी) राज्य समित के प्रवक्ता खोकोन का बयान है, जिसमें उन्होंने स्वीकार करते हुए बताया है कि उनके पांच पीएलजीए काडर मुठभेड़ में मारे गए, जिसमें तीन महिलाएं शामिल थीं।
वायरल हो रही तस्वीर को लेकर विश्वास न्यूज ने अपने सहयोगी दैनिक जागरण के रायपुर ब्यूरो चीफ संजीत कुमार से संपर्क किया। उन्होंने कहा, ‘यह तस्वीर छत्तीसगढ़ की नहीं है और न ही हाल-फिलहाल यहां ऐसा कोई मुठभेड़ हुआ है।’
वायरल तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल से विचारधारा विशेष से प्रेरित सामग्री शेयर की जाती है।
निष्कर्ष: पश्चिम बंगाल के लालगढ़ के इलाके में साल 2010 में सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच हुई मुठभेड़ की तस्वीर को छत्तीसगढ़ का बताते हुए भ्रामक दावे से वायरल किया जा रहा है।
- Claim Review : छत्तीसगढ़ में नक्सल के नाम पर आम जनता पर हो रहा अत्याचार
- Claimed By : FB User-Abhishek Goutam
- Fact Check : झूठ
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