2017 में मध्य प्रदेश के भिंड जिले की अटेर विधानसभा में होने वाले उपचुनाव के लिए परीक्षण के दौरान ईवीएम में हुई गड़बड़ी के विवाद से संबंधित वीडियो को हालिया विधानसभा चुनाव से जोड़कर भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के तहत आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पहले चरण का मतदान हो रहा है। इस चुनाव से पहले सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि ईवीएम में बटन दबाने पर केवल बीजेपी की ही पर्ची निकल रही है। वायरल वीडियो को शेयर किए जाने के समय यह प्रतीत हो रहा है कि यह पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से संबंधित घटना है।
विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा भ्रामक निकला। वायरल हो रहा वीडियो 2017 में मध्य प्रदेश की भिंड विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव से संबंधित है और इस मामले में आयोग ने कार्रवाई करते हुए भिंड के तत्कालीन कलेक्टर और एसपी का ट्रांसफर कर दिया था। इसी पुराने वीडियो को उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़कर भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
सोशल मीडिया यूजर ‘Shivashish Patel’ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, ”#Big_Breaking
लो जी कर दिया बीजेपी ने खेला वोटिंग मशीन द्वारा बीजेपी की ही पर्ची निकालने पर हुआ बवाल अब छल करके जीतना चाहती है बीजेपी सरकार l वीडियोशेयरजरूर_करें…!”
अन्य यूजर ‘Vishal Mathur’ ने भी वायरल वीडियो को समान दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल वीडियो को शेयर किए जाने के समय से प्रतीत हो रहा है कि यह हालिया पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से संबंधित घटना है और इसके साथ हिंदी न्यूज चैनल एबीपी के एक वीडियो बुलेटिन को शेयर किया गया है।
हालांकि, बुलेटिन में मध्य प्रदेश के भिंड में हुए ईवीएम विवाद का जिक्र है, जिस पर कार्रवाई करते हुए चुनाव आयोग ने भिंड के कलेक्टर और एसपी को हटा दिया था। बुलेटिन में दी गई जानकारी के आधार पर की-वर्ड सर्च के दौरान हमें एबीपी न्यूज के वेरिफाइड यूट्यूब चैनल पर एक अप्रैल 2017 को अपलोड किया हुआ ओरिजिनल बुलेटिन मिला।
बुलेटिन में दी गई जानकारी के मुताबिक, मध्य प्रदेश के भिंड जिले की एक विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के दौरान सामने आए ईवीएम विवाद में कार्रवाई करते हुए चुनाव आयोग ने जिले के तत्कालीन एसपी और कलेक्टर को हटा दिया था। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने इस मामले को लेकर चुनाव आयोग में शिकायत की थी और इसी शिकायत पर कार्रवाई करते हुए आयोग ने 19 अफसरों को चुनाव कार्य से हटा दिया था। चुनाव के पहले जांच के दौरान ईवीएम से बटन दबाए जाने पर बीजेपी की पर्ची निकलने का आरोप था और आप एवं कांग्रेस ने इसकी शिकायत आयोग से की थी।
गूगल न्यूज सर्च में हमें कई पुरानी रिपोर्ट्स मिली, जिसमें इस विवाद का जिक्र है। नईदुनिया की वेबसाइट पर तीन अप्रैल 2017 को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, ‘भिंड जिले की अटेर विधानसभा मे होने वाले उपचुनाव के लिए परीक्षण के दौरान ईवीएम में कथित गड़बड़ी सामने आने का मामला गहरा गया है। इस मामले में भिंड कलेक्टर और एसपी सहित एक दर्जन से अधिक अधिकारियों को हटाने के निर्देश दिए गए हैं। उल्लेखनीय है कि कल परीक्षण के दौरान ईवीएम में से कमल की पर्ची निकलने के बाद विवाद पैदा हो गया है।’
अब तक की पड़ताल से स्पष्ट है कि ईवीए में गड़बड़ी के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से संबंधित नहीं है, बल्कि मध्य प्रदेश के भिंड जिले की अटेर विधानसभा में होने वाले उपचुनाव से संबंधित पांच साल पुरानी घटना से संबंधित है।
हमारे सहयोगी नईदुनिया के भिंड ब्यूरो चीफ अब्बास अहमद ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि यह घटना 2017 की है, जिसमें विवाद के बाद आयोग को जिले के कलेक्टर और एसपी को हटाना पड़ा था।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के तहत 10 फरवरी को उत्तर प्रदेश में 11 जिलों की 58 सीटों पर पहले चरण का मतदान हुआ था। न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में ईवीएम में गड़बड़ी की वजह से मतदान प्रभावित हुआ था।
एक अन्य रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी बी डी राम तिवारी का बयान है, जिसमें उन्होंने कहा कि कुछ जगहों पर ईवीएम खराब होने की खबर मिली थी, लेकिन उनको बदलकर मतदान प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है।
वायरल वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल से विचारधारा विशेष से प्रभावित सामग्री को शेयर किया जाता है।
निष्कर्ष: साल 2017 में मध्य प्रदेश के भिंड जिले की अटेर विधानसभा में होने वाले उपचुनाव के लिए परीक्षण के दौरान ईवीएम में हुई गड़बड़ी के विवाद से संबंधित वीडियो को हालिया विधानसभा चुनाव से जोड़कर भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
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