Fact Check: बुलंदशहर में मंदिर में तोड़फोड़ की घटना के वीडियो को सांप्रदायिक दावे के साथ किया जा रहा वायरल
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में मंदिरों में तोड़फोड़ की घटना के वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर भड़काऊ दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। इस मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपी का नाम हरीश उर्फ ईलू है। इसके अलावा तीन अन्य आरोपी भी हिंदू हैं।
- By: Abhishek Parashar
- Published: Jun 14, 2023 at 03:31 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया यूजर्स एक वीडियो को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि यह उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में मंदिरों पर हुए हमले की तस्वीर है, जिसे मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अंजाम दिया। सोशल मीडिया यूजर्स के अलावा कई अन्य वेरिफाइड यूजर्स ने भी इस घटना की तस्वीरों और वीडियो को समान दावे के साथ शेयर किया है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में दावे को गलत और सांप्रदायिक रूप से भड़काऊ पाया। संबंधित घटना में पुलिस ने मूर्तियों को तोड़ने वाले आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और ये सभी हिंदू हैं। बुलंदशहर पुलिस के मुताबिक, इस मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों का नाम हरीश, शिवम, केशव और अजय है।
क्या है वायरल?
सोशल मीडिया यूजर (आर्काइव लिंक) ‘हम लोग We The People’ ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, “बीती रात बुलंदशहर के चार मंदिरों पर हमला किया गया और मूर्तियों को तोड़ा गया। गिरजाघरों/मस्जिदों पर हमले की झूठी खबरें अंतरराष्ट्रीय समाचार बन जाती हैं, वे हिंदुओं को असहिष्णु कहने लगते हैं। हमारे मंदिरों पर किए जा रहे हमलों पर कब खबर बनेंगी ??”
इसी हैंडल ने एक अन्य वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा है, “यूपी के बुलंदशहर में जिहादियों का नंगा नाच, 5 मंदिरों की मुर्तियां सहित शिवलिंग को तोड़ा। बड़ा सवाल, आखिर हिंदुस्थान में कब बंद होगा हिंदू मंदिरों पर तालिबानी आतंक!”
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर भी कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
पड़ताल
न्यूज सर्च में कई रिपोर्ट्स में इस घटना का जिक्र है। न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक, बुलंदशहर के मंदिरों में तोड़फोड़ के मामले में हरीश समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किए जाने का जिक्र है। पुलिस के मुताबिक, घटना के दिन आरोपी शराब के नशे में थे।
रिपोर्ट के मुताबिक, “बुलंदशहर के गुलावठी थाना क्षेत्र में 31 मई की रात अज्ञात लोगों ने चार मंदिरों में मूर्तियों के साथ तोड़फोड़ कर प्रदेश में सनसनी फैला दी।” मामला सामने आने के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए चार आरोपियों और इस घटना में इस्तेमाल किया गया सब्बल (लोहे की छड़) को भी बरामद कर लिया।
कई अन्य रिपोर्ट्स से भी इसकी पुष्टि होती है।
बुलंदशहर पुलिस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस मामले में की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी दी है। आठ जून को दी गई जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनके नाम हरीश, अजय, शिवम और केशव हैं। साथ ही पुलिस ने इस मामले में लोहे के सब्बल को बरामद किया है।
पुलिस की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, “गिरफ्तार आरोपी प्रतिदिन अभियुक्त हरीश उर्फ ईलू के घर में बैठकर शराब पीते थे। घटना वाली रात में भी अभियुक्त द्वारा हरीश उर्फ ईलू के घर में शराब पी और उसके बाद नशे में हरीफ उर्फ ईलू के कहने पर अभियुक्तों द्वारा मूर्तियां खंडित की गई।”
बुलंदशहर पुलिस के ट्विटर हैंडल से जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का बयान भी जारी किया गया है, जिसके मुताबिक इस मामले में कुल चार आरोपी को गिरफ्तार किया गया है और इसमें मुख्य आरोपी का नाम हरीश उर्फ ईलू है, जो बराल गांव का ही रहने वाला है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के मुताबिक, सीसीटीवी और अन्य साक्ष्यों के आधार पर गिरफ्तार किए गए आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा जा चुका है। उन्होंने कहा कि इस मामले में अन्य लोगों के भी नाम आए हैं। मामले की जांच जारी है और आगे की कार्रवाई उसी के मुताबिक होगी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से यह सवाल पूछा गया कि क्या घटना के पीछे की मंशा भावनाओं को भड़काने का था, जिसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “….देखिए जैसा मैंने बताया कि ये शराब के नशे में की गई घटना है। इन लोगों ने शराब पी और उसके बाद उठ कर जाकर घटना की।”
पुलिस के बयान और अन्य किसी भी रिपोर्ट्स में हमें मामले में हिंदू-मुस्लिम वाली बात नहीं मिली। विश्वास न्यूज ने वायरल दावे को लेकर बुलंदशहर जिले के एसपी सिटी सुरेंद्र नाथ तिवारी से संपर्क किया।
मामले में अभी तक चार आरोपियों की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए उन्होंने कहा, “इस मामले में अभी तक गिरफ्तार सभी आरोपी हिंदू हैं।”
तिवारी ने बताया, “इस मामले में कोई सांप्रदायिक पहलू शामिल नहीं है। मामले में मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है।” उन्होंने बताया कि मामले की जांच जारी है और आगे की कार्रवाई उसी के मुताबिक की जाएगी।
वायरल पोस्ट को सांप्रदायिक रंग देकर शेयर करने वाले यूजर को ट्विटर पर करीब 60 हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं। इससे पहले उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती में नाबालिग की रेप के बाद हत्या के मामले को भी सांप्रदायिक रंग देकर शेयर किया था, जिसकी जांच विश्वास न्यूज ने की थी। हमारी फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में मंदिरों में तोड़फोड़ की घटना के वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर भड़काऊ दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। इस मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपी का नाम हरीश उर्फ ईलू है। इसके अलावा तीन अन्य आरोपी भी हिंदू हैं।
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