Fact Check: यह तस्वीर अविभाजित आंध्र प्रदेश के खम्मम जिले में हुई पुलिसिया गोलीबारी की है, गलत दावे के साथ हो रही वायरल

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन जारी है। इसी संदर्भ में सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि 12 जनवरी 1998 को किसानों ने अपनी खराब स्थिति को लेकर आंदोलन किया था और बदले में सरकार की तरफ से प्रदर्शनकारी किसानों पर 300 राउंड फायरिंग की गई, जिसमें 27 किसानों की मौत हुई थी।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। उपरोक्त दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीर 28 जुलाई 2007 को आंध्र प्रदेश (अविभाजित) के खम्मम जिले में हुई फायरिंग की घटना से संबंधित है, जिसमें छह लोगों की मौत हुई थी।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ‘Arun Bhatia’ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”सोचा कि आपको याद दिला दु कि कांग्रेस कितनी किसानों के साथ है।।”

सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने इन तस्वीरों को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल पोस्ट में शामिल तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें यह तस्वीर कई पुरानी न्यूज रिपोर्ट में लगी मिली।  virup.wordpress.com की वेबसाइट पर 28 जुलाई 2007 को प्रकाशित रिपोर्ट में इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है।


virup.wordpress.com की वेबसाइट पर 2007 में प्रकाशित रिपोर्ट में इस्तेमाल की गई तस्वीर

रिपोर्ट के मुताबिक, यह तस्वीर आंध्र प्रदेश के खम्मम जिले के मुडिगोडा गांव में पुलिसिया गाोलीबारी में मारे गए सीपीआई-एम के कार्यकर्ताओं की है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस फायरिंग में छह लोग मारे गए थे। अन्य रिपोर्ट से इस दावे की पुष्टि होती है।


outlookindia.com की वेबसाइट पर 29 जुलाई 2007 को प्रकाशित रिपोर्ट

outlookindia.com की वेबसाइट पर 29 जुलाई 2007 को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, ‘आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री (तत्कालीन) वाई एस राजशेखर रेड्डी ने खम्मम जिले में पुलिस फायरिंग में हुई वामपंथी कार्यकर्ताओं की मौत को दुखद घटना बताते हुए राजनीतिक दलों से आंदोलन के नाम पर लोगों को तकलीफ नहीं पहुंचाने का आग्रह किया।’ रिपोर्ट के मुताबिक, ‘मुडिगोंडा में भूमि सुधार की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे वामपंथी दलों के कार्यकर्ताओं पर पुलिस की गोलीबारी में छह लोगों की मौत हो गई।’

यहां से मिले की-वर्ड के आधार पर सर्च करने पर हमें ‘Chandram Writes’ नाम से बने यूट्यूब चैनल पर ईटीवी तेलुगू चैनल का वीडियो फुटेज (आर्काइव लिंक) मिला, जिसमें वायरल हो रही तस्वीर और फायरिंग की पूरी घटना को देखा जा सकता है।

वीडियो बुलेटिन के साथ दी गई जानकारी में भी उपरोक्त घटना को आंध्र प्रदेश के खम्मम जिले के मुडिगोंडा में हुई पुलिस फायरिंग की घटना का जिक्र है। इसे लेकर हमने हैदराबाद में टीवी-9 के क्राइम रिपोर्टर नूर मोहम्मद से संपर्क किया। उन्होंने बताया, ‘यह बेहद पुरानी घटना का वीडियो है। अविभाजित आंध्र प्रदेश में खम्मम जिले में वर्ष 2007 में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाई थी, जिसमें कई लोग मारे गए थे।’

यानी वायरल हो रही तस्वीर 2007 में अविभाजित आंध्र प्रदेश के खम्मम जिले में प्रदर्शनकारियों पर चलाई गई गोलीबारी की घटना से संबंधित है, जिसमें वामपंथी दलों के छह कार्यकर्ताओं की मौत हुई थी, जिसे 1998 में हुई किसी गोलीबारी की घटना में मारे गए 27 किसानों की मौत के नाम पर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

वायरल तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर ने अपनी प्रोफाइल को लॉक कर रखा है।

निष्कर्ष: 2007 में आंध्र प्रदेश (अविभाजित) के खम्मम जिले में हुई पुलिसिया गोलीबारी की घटना में मारे गए लोगों की तस्वीर को सोशल मीडिया पर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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