मोरक्को-स्पेन की सीमा पर प्रवासियों और पुलिस के बीच हुई झड़प से संबंधित तस्वीर को रूस-यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में यूक्रेन में अश्वेतों पर हुए हिंसक अत्याचार का बताकर भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान यूक्रेन से संबंधित है, जहां अश्वेत लोगों के साथ दोयम दर्जे का बर्ताव किया जा रहा है। वायरल पोस्ट में दावा किया गया है कि जहां यूक्रेन के श्वेत लोग पोलैंड में जाकर रह रहे हैं, वहीं अश्वेत लोगों के साथ यूक्रेन में हिंसक बर्ताव किया जा रहा है।
विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। वायरल हो रही तस्वीर स्पेन मोरक्को सीमा पर हुए झड़प की है, जब मोरक्को से कई लोगों ने अवैध तरीके से स्पेन की सीमा में प्रवेश करने की कोशिश की थी। इस तस्वीर का रूस-यूक्रेन युद्ध से कोई संबंध नहीं है।
फेसबुक यूजर ने वायरल तस्वीरों (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”This is #ukrainwar .Black peoples are treated like this.Whites are already in Poland peacefully. Some African leaders are still saying we are with Ukraine . No one cares for you if you are black.Look in to yourself !Bentiu record. (”यह यूक्रेन युद्ध है। अश्वेत लोगों के साथ इस तरह का बर्ताव किया जा रहा है। श्वेत पहले से ही पोलैंड में शांतिपूर्वक रह रहे हैं। कुछ अफ्रीकी नेता अभी भी कह रहे हैं कि वे यूक्रेन के साथ हैं। अगर आप अश्वेत हैं तो कोई आपकी परवाह नहीं करता है। अपना ध्यान स्वयं रखें।”)
कई अन्य यूजर्स ने इन तस्वीरों को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल पोस्ट में तीन तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया है। गूगल रिवर्स इमेज सर्च में ये तस्वीरें गेट्टी इमेजेज की वेबसाइट पर मिलीं।
दूसरी तस्वीर भी गेट्टी इमेजेज पर लगी मिली, जो समान घटना और समान तारीख (दो मार्च 2022) संबंधित है।
तीसरी तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर irishtimes.com की वेबसाइट पर तीन मार्च 2022 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली, जिसके मुताबिक करीब 2,500 से अधिक प्रवासियों ने मेलिला (स्पेन का इलाका) में प्रवेश करने की कोशिश की, जो उत्तर अफ्रीकी देश मोरक्को की सीमा से लगता है। 2014 के बाद यह शहर में अवैध तरीके से प्रवेश करने की दूसरी बड़ी कोशिश है।
इसी दौरान प्रवासियों की पुलिस से झड़प हुई, जिसमें पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ प्रवासियों को भी चोटें आईं। हमारी पड़ताल से स्पष्ट है कि वायरल हो रही तस्वीरें यूक्रेन में अश्वेत मूल के लोगों के साथ हुए हिंसक बर्ताव से संबंधित नहीं है, बल्कि स्पेन-मोरक्को सीमा पर अवैध तरीके से प्रवासियों के स्पेन की सीमा में घुसने से संबंधित है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के शुरू होने के बाद से सोशल मीडिया पर कई तस्वीर और वीडियो को गलत और भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जाता रहा है और इससे संबंधित अन्य फैक्ट चेक रिपोर्ट को पढ़ने के लिए यहां क्लिक कर सकते हैं। अतिरिक्त पुष्टि के लिए विश्वाास न्यूज ने इस मामले को लेकर यूक्रेन के फैक्ट चेकर्स को ईमेल किया हुआ है। जवाब मिलने पर इस स्टोरी को अपडेट किया जाएगा।
निष्कर्ष: मोरक्को-स्पेन की सीमा पर प्रवासियों और पुलिस के बीच हुई झड़प से संबंधित तस्वीर को रूस-यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में यूक्रेन में अश्वेतों पर हुए हिंसक अत्याचार का बताकर भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
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