Fact Check: परीक्षा में नकल कराए जाने की यह तस्वीर बिहार के वैशाली जिले की है, भ्रामक दावे से हो रहा वायरल

गुजरात में परीक्षा के दौरान बड़े पैमाने पर नकल कराए जाने के दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीर वास्तव में बिहार के वैशाली जिले से संबंधित है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक तस्वीर में लोगों को दीवार पर चढ़कर परीक्षार्थियों को नकल कराते हुए देखा जा सकता है। तस्वीर को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि शिक्षा व्यवस्था की बदहाली की बानगी बयां करती यह तस्वीर गुजरात राज्य से संबंधित है, जहां बड़े पैमाने पर परीक्षा के दौरान नकल कराने का मामला सामने आया है।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा भ्रामक निकला। वायरल हो रही तस्वीर वास्तव में बिहार से संबंधित है, जहां साल 2015 में जिले के महनार स्थित एक स्कूल में बड़े पैमाने पर नकल कराए जाने का मामला सामने आया था, जिसे भ्रामक दावे के साथ गुजरात के नाम पर वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल?

फेसबुक यूजर ‘S K Chauhan’ ने वायरल तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”ये है गुजरात की शिक्षा व्यवस्था,
ऐसे में नीरव मोदी , मेहुल चौकसी ……. जैसे लोग ही बनेंगे न।”

कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल तस्वीर में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के एक ट्वीट का स्क्रीनशॉट नजर आ रहा है, जिसमें उन्होंने डॉ. भारत कनाबर नाम के यूजर के ट्वीट को शेयर करते हुए लिखा है, ‘भाजपा के लोग भी गुजरात की चरमराती शिक्षा पर प्रश्न उठा रहे। पार्टी लाइन से ऊपर उठकर गुजरात में अच्छी शिक्षा के लिए आवाज़ उठने लगी है। 27 साल में भाजपा अच्छी शिक्षा नहीं दे पायी। गुजरात के लोगों और सभी पार्टियों को साथ लेकर ”आप” सरकार गुजरात में भी दिल्ली की तरह अच्छी शिक्षा देगी।’

डॉ. कनाबर ने अपने ट्वीट में वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए गुजरात की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए थे, हालांकि, अब इस ट्वीट को डिलीट किया जा चुका है।

डॉ. कनाबर ने अपने हैंडल से ट्वीट को डिलीट किए जाने के कारणों का जिक्र करते हुए एक और ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने गुजराती भाषा में लिखा है, ‘મારી ટવીટમાં આપેલ ફોટોગ્રાફ બિહારનો છે. મૂળ મુદ્દો શિક્ષણ ક્ષેત્રમાં પ્રવેશેલ બદીઓ અંગેનો છે.
આમાં કોંગ્રેસ કે આપ વાળા હરખાવા જેવું કઈં નથી.
૩૫ વર્ષથી ભાજપનો સક્રિય કાર્યકર્તા છું અને રાષ્ટ્રવાદની વિચારધારા નસ નસમાં છે એટલે ઊંઘમાંથી ઉઠાડીને પૂછો તો પણ “ક” કમળનો “ક” જ બોલાય જાય.’

हिंदी में इसे ऐसे पढ़ा जा सकता है, ‘मेरे ट्वीट की तस्वीर बिहार की है। मुख्य मुद्दा शिक्षा क्षेत्र में प्रवेश करने वाले खलनायकों को लेकर है। कांग्रेस या आप में हरखवा जैसी कोई बात नहीं है। मैं 3 साल से बीजेपी का सक्रिय कार्यकर्ता हूं और राष्ट्रवाद की विचारधारा मेरी रगों में है, इसलिए अगर आप आप मुझसे पूछते हैं कि मैं कब जगा, तो मेरी वफादारी हमेशा कमल के ‘के’ के प्रति ही होगी।’

स्पष्ट है कि वायरल हो रही तस्वीर बिहार की है, जिसे गुजरात की बदहाल शिक्षा व्यवस्था का बताकर डॉ. भारत कनाबर की प्रोफाइल से शेयर किया और बाद में चूक को स्वीकार करते हुए इसे डिलीट कर दिया गया। हालांकि, डिलीट किए जाने से पहले इस ट्वीट को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रिट्वीट करते हुए बीजेपी पर निशाना साध डाला।

इसी रिट्वीट के स्क्रीनशॉट को सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर अब भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है है, जिससे यह प्रतीत हो रहा है कि परीक्षा में नकल कराए जाने की वायरल तस्वीर गुजरात की है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल दावे को लेकर अहमदाबाद स्थित दैनिक जागरण के वरिष्ठ संवाददाता शत्रुघ्न शर्मा से संपर्क किया। उन्होंने कहा कि इस साल के अंत तक राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं और आम आदमी पार्टी अपने शिक्षा और स्वास्थ्य के मॉडल को गुजरात में मुद्दा बनाना चाहती है।

उन्होंने इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी के गुजरात के संयोजक गोपाल इटालिया से संपर्क किया। इटालिया ने कहा, ‘बीजेपी के 27 सालों के शासनकाल में शिक्षा व्यवस्था का स्तर गिरा है और राज्य के शिक्षा मंत्री शिक्षा व्यवस्था पर शर्म करने की बजाए अभिभावकों को खुलेआम धमकी दे रहे हैं कि चाहे तो वह दिल्ली जा सकते हैं। आम आदमी पार्टी राज्य में शिक्षा व्यवस्था की दयनीय हालत का मुद्दा उठा रही है।’

फोटो के ओरिजिनल सोर्स को खोजने के लिए हमने गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद ली और सर्च में हमें यह तस्वीर अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस की वेबसाइट पर 23 मार्च 2015 को प्रकाशित रिपोर्ट में लगी मिली।

इंडियन एक्सप्रेस की वेबसाइट पर 23 मार्च 2014 को प्रकाशित रिपोर्ट

रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, परीक्षा में नकल कराए जाने की यह तस्वीर वैशाली जिले के महनार स्थित विद्या निकेतन स्कूल की है, जहां बड़े पैमाने पर परीक्षार्थियों को नकल कराए जाने का मामला सामने आया था।

अतिरिक्त पुष्टि के लिए हमने दैनिक जागरण के पटना के डिजिटल प्रभारी अमित आलोक से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया, ‘यह बेहद पुरानी तस्वीर बिहार के वैशाली जिले में एक स्कूल में नकल कराए जाने की घटना से संबंधित है।’

वायरल तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल फेसबुक पर जनवरी 2018 से सक्रिय है। उन्होंने स्वयं को आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता बताया है।

निष्कर्ष: गुजरात में परीक्षा के दौरान बड़े पैमाने पर नकल कराए जाने के दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीर वास्तव में बिहार के वैशाली जिले से संबंधित है।

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