Fact Check: सिलीगुड़ी के काली मंदिर की मूर्ति चोरी के दौरान टूटी थी, न कि किसी सांप्रदायिक उपद्रव में
पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी की काली मंदिर की तस्वीरों को सांप्रदायिक नजरिए से वायरल किया जा रहा है। वास्तव में यह मामला मंदिर में हुई तोड़फोड़ से संबंधित नहीं है, बल्कि चोरी से जुड़ा हुआ मामला है।
- By: Abhishek Parashar
- Published: Jan 24, 2020 at 05:41 PM
- Updated: Jan 28, 2020 at 11:12 AM
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक मंदिर और टूटी हुई प्रतिमा की तस्वीर वायरल हो रही है, जिसे सांप्रदायिक दावे से पेश किया जा रहा है।
विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। जिन तस्वीरों को सांप्रदायिक नजरिए से वायरल किया जा रहा है वह मंदिर में हुई तोड़फोड़ से संबंधित नहीं है, बल्कि चोरी से जुड़ा मामला है।
क्या है वायरल पोस्ट में?
फेसबुक यूजर ने मंदिर और देवी की प्रतिमा की तस्वीरों को शेयर करते हुए लिखा है, ”दुखद कहानी। बंगाल में मेरे कौमी (कम्युनिस्ट) दोस्त इसे देखकर गर्व कर रहे होंगे।”
(फेसबुक पोस्ट का आर्काइव लिंक)
कई अन्य सोशल मीडिया यूजर्स ने इन तस्वीरों को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
पड़ताल
दैनिक जागरण के सिलीगुड़ी संस्करण में हमें यह खबर मिली। 22 जनवरी को अखबार में छपी खबर के मुताबिक, सिलीगुड़ी के नगर निगम के 33 नंबर वार्ड के सुकांत पल्ली स्थित शिव शक्ति काली मंदिर में आठवीं बार चोरी की घटना हुई।
खबर के मुताबिक, ‘चोरी की घटना से इस इलाके में सनसनी मची हुई है। इस बार तो बदमाशों ने जेवर चुराने के चक्कर में मां काली की प्रतिमा को भी तहस-नहस कर दिया है। जानकारी मिलते ही न्यू जलपाईगुड़ी थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस को लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। इससे पहले सात बार चोरी की घटना के बाद भी किसी की गिरफ्तारी नहीं होने से लोग पुलिस से नाराज हैं। पुलिस की भूमिका पर इलाकाई लोगों ने सवाल खड़ा किया है।‘
जागरण की खबर के मुताबिक, ‘मंगलवार सुबह जब स्थानीय लोग रोजाना की तरह मां के दर्शन के लिए मंदिर पहुंचे तो प्रतिमा को मुंह के बल गिरा हुआ देखकर दंग रह गए। मंदिर के पास ही कुछ बांस पड़ा हुआ था। लोहे का पाइप भी पड़ा मिला। मंदिर की स्थिति देखकर समझते देरी नहीं लगी कि चोरों ने यहां तांडव मचाया है। मंदिर में फिर से चोरी की खबर आग की तरह इलाके में फैल गई। देखते ही देखते काफी लोग मौके पर जमा हो गए।
मंदिर प्रबंधन की ओर से बताया कि यहां आठवीं बार चोरी की घटना हुई है। बांस व लोहे के पाइप से प्रतिमा से जेवरात उतारने की कोशिश की गई होगी, जिसमें प्रमिता गिर कर टूट गई है। इसके पहले हुई घटना की शिकायत पुलिस थाने में दर्ज कराई गई है। उसके बाद भी आजतक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। अबतक मंदिर से चोरी सामान भी बरामद नहीं हुआ है।’
वायरल हो रही तस्वीरों को गूगल रिवर्स इमेज किए जाने पर हमें ‘हिंदुस्तान टाइम्स बांग्ला’ की एक खबर का लिंक मिला। इसके मुताबिक, सिलीगुड़ी के काली मंदिर में बदमाशों ने आभूषण चुराने की कोशिश की और इस क्रम में देवी काली की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाया।
विश्वास न्यूज के पास इस घटना को लेकर पुलिस के पास दर्ज हुई FIR की प्रति है, जिसमें घटना की तारीख और अन्य विवरण को देखा जा सकता है।
हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के सिलीगुड़ी ब्यूरो ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया, ‘यह सांप्रदायिक मामला नहीं है। इस मंदिर में पहले भी सात बार चोरी की कोशिश हो चुकी है।’ इस घटना को कवर करने वाले हमारे सिलीगुड़ी के रिपोर्टर मोहन झा ने बताया, ‘इस मामले में पुलिस ने एक युवक राजू दास को गिरफ्तार किया है, जो न्यू जलपाईगुड़ी थाना क्षेत्र के ममता पाड़ा इलाके का निवासी है।’ उन्होंने बताया कि पुलिस से प्राप्त जानकारी के मुताबिक बांस से काली की प्रतिमा के गले से जेवरात उतारने के क्रम में प्रतिमा गिरकर खंडित हो गई।’
विश्वास न्यूज ने उस इलाके के पुलिस थाने से भी संपर्क किया। थाने में तैनात असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर मजूमदार ने भी मंदिर में प्रतिमा के साथ हुई तोड़फोड़ के मामले में किसी सांप्रदायिक नजरिए का खंडन किया। उन्होंने कहा, ‘यह मामला चोरी का है, जिसे लेकर जांच की जा रही है।’
डिस्क्लेमर: पुलिस जांच के दौरान हुई गिरफ्तारी की सूचना संबंधित तथ्यों के साथ इस स्टोरी को 28 जनवरी को अपडेट किया गया है। पूर्व की स्टोरी में किसी व्यक्ति के गिरफ्तार किए जाने की सूचना नहीं थी।
निष्कर्ष: पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी की काली मंदिर की तस्वीरों को सांप्रदायिक नजरिए से वायरल किया जा रहा है। वास्तव में यह मामला मंदिर में हुई तोड़फोड़ से संबंधित नहीं है, बल्कि चोरी से जुड़ा हुआ मामला है।
- Claim Review : बंगाल के सिलीगुड़ी में काली मंदिर में तोड़-फोड़
- Claimed By : FB User-Guruprasad Karur Natarajan
- Fact Check : भ्रामक
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