Fact Check: यमन में हूती विद्रोहियों की रैली की तस्वीर काबुल में एयरपोर्ट के बाहर की तस्वीर के दावे के साथ वायरल

यमन में हूती विद्रोहियों की रैली की तस्वीर को अफगानिस्तान में एयरपोर्ट के बाहर की सुरक्षा जांच की तस्वीर के दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां से कई देश अपने-अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने में लगे हैं और यह बचाव अभियान काबुल एयरपोर्ट से संचालित हो रहा है, जिस पर अभी तक तालिबान का कब्जा नहीं हुआ है। इसी संदर्भ में वायरल हो रही एक तस्वीर को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह अफगानिस्तान एयरपोर्ट के बाहर हो रही सुरक्षा जांच की है। तस्वीर में एक बंदूकधारी व्यक्ति को दूसरे बंदूकधारी व्यक्ति की सुरक्षा जांच करते हुए देखा जा सकता है।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। वायरल हो रही तस्वीर का अफगानिस्तान से कोई संबंध नहीं है। यह यमन की पुरानी तस्वीर है, जिसे गलत दावे के साथ अफगानिस्तान के नाम पर वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ‘Maleeha Jutt’ ने वायरल तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”Security check at Afghanistan airport.” (अफगानिस्तान एयरपोर्ट पर जारी सुरक्षा जांच।)

काबुल एयरपोर्ट पर सुरक्षा दावे के साथ वायरल हो रही पोस्ट

सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

फेसबुक पर समान दावे के साथ वायरल पोस्ट

ट्विटर पर भी कई यूजर्स ने इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

काबुल पर कब्जे के बाद वहां स्थित हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट की कमान अमेरिकी सुरक्षा बलों के हाथों में है। न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक, एयरपोर्ट की कमान अभी तक तालिबान के हाथों में नहीं गई है और इसी वजह से वहां से कई देश अपने-अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के अभियान का संचालन कर रहे हैं। एयरपोर्ट के सुरक्षित संचालन के लिए अमेरिका और ब्रिटेन समेत कई पश्चिमी देशों ने हजारों सैनिकों को काबुल स्थित इस एयरपोर्ट पर तैनात किया है।

जबकि वायरल हो रही तस्वीर में सुरक्षा जांच करने वाले और जिनकी सुरक्षा जांच की जा रही है, दोनों के पास हथियार नजर आ रहे हैं। वायरल हो रही तस्वीर के साथ किए गए दावे की सत्यता को जांचने के लिए हमने गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद ली। सर्च में हमें यह तस्वीर ट्विटर यूजर ‘yemenfelix1’ की प्रोफाइल पर लगी मिली।

प्रोफाइल में दी गई जानकारी के मुताबिक, यह हैंडल CBS न्यूज मिडल-ईस्ट प्रोड्यूसर का है। उन्होंने अपनी प्रोफाइल से इस तस्वीर को एक जुलाई 2015 को शेयर करते हुए इसे यमन का बताया है, जहां हूती विद्रोही एक रैली में शामिल होने वाले लोगों की सुरक्षा जांच कर रहे थे और इस रैली में शामिल होने वाले लोगों को चाकू, कटार और मशीन गन ले जाने तक की अनुमति थी।

इसके बाद की-वर्ड्स सर्च करने पर हमें ‘CBS Evening News’ के वेरिफाइड यू-ट्यूब चैनल पर 16 जून 2015 को अपलोड किया गया वीडियो बुलेटिन मिला, जिसमें वायरल हो रही तस्वीर 1.22 मिनट के फ्रेम में देखा जा सकता है।

वायरल हो रही तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर ने अपनी प्रोफाइल में खुद को छात्र बताया है और उनकी प्रोफाइल से सक्रिय रूप से पोस्ट किए जाते हैं।

निष्कर्ष: यमन में हूती विद्रोहियों की रैली की तस्वीर को अफगानिस्तान में एयरपोर्ट के बाहर की सुरक्षा जांच की तस्वीर के दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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