नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल के कोलकाता में वहां के मेयर फिरहाद हाकिम ने इस्लामिया अस्पताल का निर्माण करवाया है, जहां सिर्फ मु्स्लिमों का इलाज होगा। पोस्ट में लिखा गया है कि ‘किसी हिंदू महापौर (मेयर) ने हिंदू अस्पताल बनाने के बारे में नहीं सोचा लेकिन फिरहाद हाकिम ने इस्लामिक अस्पताल बनवाया’।
विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा भ्रामक निकला। वायरल हो रही तस्वीर इस्लामिया अस्पताल की है, जिसे दोबारा से तैयार कर खोला गया है। अस्पताल के नवनिर्मित होने और इसमें केवल मुस्लिमों के इलाज होने का दावा बेबुनियाद है।
सोशल मीडिया यूजर ‘Amrita Roy’ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”आप मुसलमानों के साथ कभी तालमेल नहीं रख सकते । आप साथ रहने की कितनी भी कोशिश कर लें यह कभी संभव नहीं है । भारत के कोलकाता में सैकड़ों हिंदू महापौरों का राज समाप्त हो चुका है, फिर भी किसी हिंदू महापौर ने हिंदू अस्पताल बनाने की सोची नहीं । हिन्दुओ ने बनवाया सेकुलर अस्पताल सेक्युलर अस्पताल में इलाज के बाद फिरहाद हाकिम ने इस्लामिक अस्पताल बनवाया । 2 में मेयर चुने जाने के बाद फिरहाद हाकिम ने इस्लामिया अस्पताल का उद्घाटन किया । जब भी मुसलमान संख्या में अधिक होते हैं, जब वे सत्ता खोते हैं, तो उन्हें इस्लामिक बैंक, इस्लामिक अस्पताल, इस्लामिक बीमा, इस्लामिक देश, इस्लामिक शासन की आवश्यकता होती है । अगर तृणमूल के कार्यकर्ता इनको नहीं समझे तो कहने को कुछ नहीं है ।”
अन्य सोशल मीडिया यूजर ने वायरल तस्वीरों को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल पोस्ट में इस्तेमाल की गई तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च करने पर हमें यह फोटो आनंद बाजार डॉट कॉम की वेबसाइट पर 30 मई 2021 को प्रकाशित रिपोर्ट में लगी मिली।
दी गई जानकारी के मुताबिक, यह तस्वीर इस्लामिया हॉस्पिटल के नए भवन की है, जिसका इस्तेमाल कुछ समय के लिए कोविड-19 के मरीजों के लिए किया जाएगा। राज्य मंत्री फिरहाद हाकिम ने इस नए भवन का उदघाटन किया। खबर के मुताबिक, ‘अस्पताल के पुराने भवन को जर्जर होने की वजह से गिरा दिया गया था और इस वजह से यहां कई सालों तक मरीजों का इलाज नहीं हो पाया। हाल ही में इस जगह पर नए भवन का निर्माण किया गया है, जिसका उदघाटन कोलकाता के पूर्व मेयर फिरहाद ने किया।’
फिरहाद हाकिम ने अपने वेरिफाइड ट्विटर प्रोफाइल से भी अस्पताल के नए भवन के उद्घाटन की तस्वीरों को साझा किया है।
‘Islamia Hospital’ की-वर्ड से सर्च करने पर हमें टेलिग्राफ इंडिया डॉट कॉम की वेबसाइट पर लगी रिपोर्ट मिली, जिसमें इस्लामिया अस्पताल में कोविड-19 केंद्र की शुरुआत किए जाने का जिक्र है। रिपोर्ट में कोलकाता नगर निगम के बोर्ड ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स के सदस्य और अस्पताल के महासचिव अमीरुद्दीन ने कहा, ‘योजना G+9 भवन बनाने की थी, लेकिन पांच मंजिल ही तैयार हो पाई। हमने इसे कोविड संकट की स्थिति में खोलने का फैसला लिया है जहां जाति, धर्म और वर्ग से परे सभी कोविड-19 मरीजों का इलाज होगा।’
रिपोर्ट के मुताबिक, इस्लामिया अस्पताल की स्थापना 1926 में हुई थी। चूंकि भवन जर्जर हो चुके थे इसलिए इसे गिराकर इसकी जगह पिछले पांच सालों में नए भवन को तैयार किया गया है।
इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए हमने हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के कोलकाता ब्यूरो चीफ जे के वाजपेयी से संपर्क किया। उन्होंने कहा, ‘यह अस्पताल काफी पुराना है और इसकी बिल्डिंग पुरानी हो गई थी, जिसे गिराकर नए भवन का निर्माण किया गया और इसी के उद्घाटन वाली तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। इस अस्पताल में केवल मुस्लिमों के इलाज किए जाने का दावा भी झूठ है।’
निष्कर्ष: कोलकाता में इस्लामिया अस्पताल के निर्माण के दावे के साथ वायरल हो रहा दावा गलत है। अस्पताल के नवनिर्मित होने और इसमें केवल मुस्लिमों के इलाज होने का दावा बेबुनियाद है।
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