Fact Check: पूर्व सरकार की आबकारी नीति की आलोचना करते हुए शिवराज सिंह चौहान के पुराने वीडियो का एडिटेड अंश गलत दावे से वायरल

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का एक पुराना वीडियो गलत दावे से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह वीडियो तब का है, जब वह मध्यप्रदेश में नेता प्रतिपक्ष हुआ करते थे और इसी दौरान उन्होंने तत्कालीन (कांग्रेस) सरकार की आबकारी नीतियों की आलोचना की थी।

Fact Check: पूर्व सरकार की आबकारी नीति की आलोचना करते हुए शिवराज सिंह चौहान के पुराने वीडियो का एडिटेड अंश गलत दावे से वायरल

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उन्हें कुछ अधिकारियों से बात करते हुए सुना और देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश के आबकारी विभाग के अधिकारियों से कह रहे हैं कि प्रदेश में इतनी शराब फैला दो, ताकि लोग शराब के नशे में ही पड़े रहें। वीडियो को देखकर यह प्रतीत हो रहा है कि मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए शिवराज सिंह चौहान अपनी मशीनरी को शराब की बिक्री को बढ़ाने के लिए निर्देश दे रहे हैं।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत और शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ दु्ष्प्रचार साबित हुआ। यह वीडियो तब का है, जब शिवराज सिंह चौहान नेता प्रतिपक्ष हुआ करते थे और उन्होंने तत्कालीन सरकार की आबकारी नीतियों की आलोचना की थी। उनके इसी पुराने वीडियो को हाल का बताकर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ‘Yashpal Singh Patel Patel’ ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, ”आबकारी अमले पर भड़के शिवराज….कहा दारु इतनी फैला दो कि पीये पड़े रहें।”

पड़ताल किए जाने तक इस वीडियो को छह लाख से अधिक बार देखा जा चुका है। सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

10 सेकेंड के वायरल वीडियो में शिवराज सिंह चौहान को यह कहते हुए सुना जा सकता है, ”क्या कर रहा है ये आबकारी अमला…काहे के लिए बैठा है ये…दारू इतनी फैला दो कि पूरे प्रदेश में पिएं और पड़े रहें।”

वीडियो को देखने और सुनने से यह प्रतीत हो रहा है कि यह पूरी बातचीत नहीं, बल्कि उसका एक अंश है। सर्च में हमें मुख्यमंत्री कार्यालय के वेरिफाइड ट्विटर हैंडल से 12 जून 2020 को किया गया ट्वीट मिला, जिसमें पुराने और ऑरिजिनल वीडियो (12 जनवरी 2020) को साझा किया गया है।

वीडियो को साझा करते हुए लिखा गया है, ”कांग्रेस के डर्टी ट्रिक्स डिपार्टमेंट द्वारा जारी किए गए फेक वीडियो जो भी ट्वीट और वॉट्सऐप पर शेयर हो रहा है, उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जायेगी। यह ओरिजिनल वीडियो है। मध्य प्रदेश में ओछी राजनीति की कोई जगह नहीं!”

2:36 मिनट के इस ओरिजनल वीडियो को पूरा देखने से स्थिति स्पष्ट हो जाती है। शिवराज सिंह चौहान का यह वीडियो उस वक्त का है, जब वह सत्ता में नहीं थे। वीडियो में वह पत्रकारों से कैमरे के सामने राज्य की स्थिति को बयां कर रहे हैं। इसी क्रम में उन्हों ने नई आबकारी नीति का विरोध किया और तत्कालीन सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि तत्कालीन सरकार की शराब नीति से आम लोगों और राज्य को नुकसान हो रहा है।

इसी वीडियो से 10 सेकेंड के वीडियो को निकालकर गलत संदर्भ में वायरल किया जा रहा है, जिससे प्रतीत हो रहा है कि शिवराज सिंह चौहान राज्य में शराब की ब्रिकी को बढ़ाने की बात कर रहे हैं। जबकि वह तत्कालीन सरकार की आबकारी नीतियों की वजह से राज्य में शराब की सप्लाई और उसकी खपत की आलोचना कर रहे थे।

अब तक की पड़ताल से स्पष्ट है कि वायरल हो रहा वीडियो पुराना है, जिसे हाल का बताकर गलत दावे से शेयर किया जा रहा है। वायरल वीडियो को लेकर हमने हमारे सहयोगी नईदुनिया के संपादक सदगुरु शरण अवस्थी से संपर्क किया। उन्होंने बताया, ”ये वीडियो पुराना और ओरिजिनल वीडियो का एक हिस्सा है, जब कांग्रेस की सरकार थी और शिवराज सिंह चौहान नेता प्रतिपक्ष हुआ करते थे। इस वीडियो में वह तत्कालीन (कांग्रेस) सरकार की शराब नीति की आलोचना कर रहे हैं। इसी वीडियो के एक हिस्से को दुष्प्रचार की मंशा से वायरल किया जा रहा है, जिससे यह प्रतीत हो रहा है कि वह अपनी मशीनरी को निर्देश दे रहे हैं।”

वायरल वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर ने फेसबुक पर अपनी प्रोफाइल में वाराणसी का निवासी बताया है।

निष्कर्ष: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का एक पुराना वीडियो गलत दावे से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह वीडियो तब का है, जब वह मध्य प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष हुआ करते थे और इसी दौरान उन्होंने तत्कालीन (कांग्रेस) सरकार की आबकारी नीतियों की आलोचना की थी और उनके इसी बयान वाले वीडियो के एक अंश को इस तरह से शेयर किया जा रहा है, जिससे यह प्रतीत हो रहा है कि वह बतौर मुख्यमंत्री अपने अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं।

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