नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। हरियाणा में विधानसभा चुनाव की दस्तक के साथ ही सोशल मीडिया में फर्जी पोस्ट वायरल होना शुरू हो चुकी है। हरियाणा के विधायक महिपाल ढांडा को लेकर एक बोर्ड वायरल हो रहा है। इसमें दावा किया जा रहा है कि पानीपत के बिंझौल गांव के लोगों ने विधायक का विरोध करते हुए गांव के बाहर एक बोर्ड लगवाया है। विश्वास टीम की पड़ताल में वायरल बोर्ड की तस्वीर फर्जी साबित हुई। दरअसल अक्टूबर 2018 में यूपी के अमरोहा जिले के रसूलपुर माफी के किसानों ने भाजपा के खिलाफ एक बोर्ड लगाया था। अब उसी बोर्ड को फोटोशॉप्ड करके हरियाणा के विधायक के नाम पर वायरल किया जा रहा है।
फेसबुक यूजर सुरेंद्र सिंह ने 5 अक्टूबर को एक फोटोशॉप्ड बोर्ड की तस्वीर को अपलोड करते हुए लिखा : ‘‘कल गाँव बिन्जोल वालों ने महिपाल डाडा का विरोध किया।’’
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल बोर्ड को ध्यान से देखा। बोर्ड को देखकर ही हमें अंदाजा हो गया कि कहीं न कहीं ओरिजनल बोर्ड से छेड़छाड़ करके यह बोर्ड बनाया गया है।
पड़ताल के अगले चरण में जाने के लिए हमने गूगल रिवर्स इमेज में बोर्ड की तस्वीर को अपलोड करके सर्च किया। लेकिन हमें निराशा हाथ लगी। इसके बाद हमने Yandex टूल की मदद से ओरिजनल बोर्ड को सर्च करना शुरू किया। आखिरकार हमें ओरिजनल बोर्ड मिल ही गया। इस बोर्ड को कई टवीटर यूजर्स ने शेयर किया था। कुछ देर के सर्च के बाद हमें agrination.org की वेबसाइट पर एक खबर मिली। इस खबर में भी बोर्ड का इस्तेमाल किया गया था। खबर में बताया गया कि अमरोहा के रसूलपूर माफी गांव के लोगों ने गांव के अंदर यह बोर्ड लगाया था।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हम गूगल सर्च पर गए। वहां हमने ‘‘अमरोहा किसानों ने लगाया बोर्ड’’ कीवर्ड टाइप करके सर्च किया तो हमें कई वेबसाइट पर इससे जुड़ी खबर मिली। Jagran.com पर 7 अक्टूबर 2018 को पब्लिश एक खबर में बताया गया कि गुस्साए किसानों ने गांव के बाहर एक बोर्ड लगाया। इस पर लिखा था कि भाजपा के लोगों का गांव में आना सख्त मना है।
अब हमने वायरल बोर्ड और अमरोहा के ओरिजनल बोर्ड की तुलना की। हमें दो चीजें इसमें एक जैसी लगीं। बोर्ड के नीचे यदि छाया तो देखा जाए तो दोनों बोर्ड में वे एक जैसी हैं। इसके अलावा बोर्ड के बाएं तरफ की पत्तियां भी एक ही जैसी हैं।
इसके बाद विश्वास न्यूज ने हरियाणा के पानीपत ग्रामीण के भाजपा विधायक महिपाल ढांडा से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि कुछ लोग हैं, जिन्होंने ऐसी फर्जी पोस्ट सोशल मीडिया में वायरल की है। इसकी जानकारी उन्हें भी है। गांव में ऐसा कोई विरोध नहीं है। अभी तक वहां वे गए भी नहीं हैं। वायरल बोर्ड एकदम फर्जी है।
अंत में विश्वास न्यूज ने फर्जी पोस्ट अपलोड करने वाले फेसबुक यूजर सुरेंद्र सिंह के अकाउंट की सोशल स्कैनिंग की। हमें पता लगा कि यूजर पानीपत का ही रहने वाला है।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि पानीपत विधायक के विरोध के नाम पर वायरल बोर्ड फर्जी है। इसे अमरोहा के एक पुराने बोर्ड से छेड़छाड़ के बना कर वायरल किया गया।
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