अमित शाह के भाषण का पुराना हिस्सा अब गलत संदर्भ के साथ वायरल करके झूठ फैलाने की कोशिश की जा रही है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। मुख्तार अंसारी की मौत के बाद से सोशल मीडिया पर कई प्रकार के अलग-अलग वीडियो के जरिए झूठ फैलाने की कोशिश की जा रही है। अब इसी क्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का एक वीडियो वायरल किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि मुख्तार अंसारी की मौत के बाद अमित शाह ने अपने बयान में कहा है कि मुख्तार अंसारी से मुक्ति भारतीय जनता पार्टी ने दिलाई है।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। यह भ्रामक साबित हुई। अमित शाह के भाषण का पुराना हिस्सा अब गलत संदर्भ के साथ वायरल करके झूठ फैलाने की कोशिश की जा रही है। अमित शाह का वीडियो 2019 का है,जबकि मुख्तार की मौत 2024 में हुई है।
फेसबुक यूजर ‘Atiqullah Khan’ ने अमित शाह का 57 सेकंड का वीडियो अपने अकाउंट पर अपलोड करते हुए दावा किया, “अमित शाह कह रहे हैं कि मुख्तार अंसारी से मुक्ति भारतीय जनता पार्टी ने दिलाई। मतलब समझ रहें हैं कि वो हार्ट अटैक नहीं ह… थी।”
फेसबुक पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों ही लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच के लिए सबसे पहले इनविड टूल का इस्तेमाल किया। इसके माध्यम से कई कीफ्रेम्स निकाले। फिर इन्हें गूगल लेंस के जरिए खोजना शुरू किया। असली वीडियो हमें भाजपा के एक्स हैंडल पर मिला। इसे 10 अप्रैल 2019 को अपलोड करते हुए लिखा गया, “भाजपा ने यूपी को निजाम से मुक्ति दिलाई है। निजाम का मतलब है- नसीमुद्दीन सिद्दीकी से मुक्ति। इमरान मसूद से मुक्ति। आजम खान से मुक्ति। अतीक अहमद से मुक्ति और मुख्तार अंसारी से मुक्ति : श्री अमित शाह।”
पूरे वीडियो को नीचे देखा जा सकता है।
यह वीडियो हमें अमित शाह के फेसबुक पेज (आर्काइव) पर भी मिला। इसे भी यहां 10 अप्रैल 2019 को अपलोड किया गया था।
गूगल ओपन सर्च टूल से खोजने पर कई मीडिया रिपोर्ट मिलीं। नवभारत टाइम्स ने 10 अप्रैल 2019 को पब्लिश एक खबर में लिखा, “यूपी के कासगंज में जनसभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि बीजेपी सरकार ने ‘निजाम’ से मुक्ति दिलाई है। निजाम का मतलब है- नसीमुद्दीन सिद्दीकी से मुक्ति, इमरान मसूद से मुक्ति, आजम खान से मुक्ति, अतीक अहमद से मुक्ति और मुख्तार अंसारी से मुक्ति। बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, ‘एसपी-बीएसपी और कांग्रेस वोटबैंक की राजनीति करते हैं, इसीलिए बहन मायावती कहती हैं कि हमें तो बस एक समुदाय विशेष के वोट मिल जाएं।” पूरी खबर यहां पढ़ा जा सकता है।
कासगंज से जुड़ी जनसभा की खबर पत्रिका डॉट कॉम पर भी मिली। इसे यहां पढ़ा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए यूपी भाजपा के प्रवक्ता अवनीश त्यागी से संपर्क किया। उन्होंने भी वायरल वीडियो को पुराना बताते हुए पोस्ट गलत बताया।
आपको बता दें कि कार्डियक अरेस्ट से मुख्तार अंसारी की 28 मार्च को मौत हो गई। मुख्तार अंसारी को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 30 मार्च 2024 को गाजीपुर के काली बाग कब्रिस्तान में दफनाया गया।
पड़ताल के अंत में अमित शाह के पुराने भाषण के वीडियो को गलत दावे के साथ वायरल करने वाले यूजर की जांच की। Atiqullah Khan नाम का यह यूजर एक राजनीतिक दल से जुड़े हुए हैं। यूपी के इटावा का यह यूजर फिलहाल दिल्ली में रहते हैं।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि अमित शाह के 2019 के भाषण के एक हिस्से को अभी गलत संदर्भ के साथ वायरल किया जा रहा है। अमित शाह ने मुख्तार अंसारी की मौत के बाद यह भाषण नहीं दिया।
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