नई दिल्ली (विश्वास टीम)।केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें उन्हें संसद में आंख बंद कर बैठे हुए देखा जा सकता है। इस पोस्ट में राहुल गाँधी के राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान फ़ोन इस्तेमाल किये जाने का ज़िक्र करते हुए भाजपा समर्थकों के दोहरे मानदंड पर पाखंड बताया गया है। हमारी पड़ताल में हमने पाया कि यह दावा गलत है। यह तस्वीर जनवरी में हुए पार्लियामेंट के विंटर सेशन की है और सेशन का पूरा फुटेज देखने पर मालूम होता है कि अमित शाह सो नहीं रहे थे।
CLAIM
वायरल पोस्ट में एक फोटोग्राफ है जो कि संसद के एक सेशन के स्क्रीनशॉट का है। फोटो में शाह की आँखें बंद हैं, जबकि साथ में खड़े रविशंकर प्रसाद संसद को सम्बोधित कर रहे हैं। पोस्ट के साथ लिखे डिस्क्रिप्शन से लगता है जैसे इस तस्वीर को अभी का बताया जा रहा हो। पोस्ट में लिखा है “राहुल जी मोबाइल चलाते दिखे। तो मीडिया वाले चूड़ियां तोड़ने लगे, अब संसद में अमित शाह सोते हुए पाए गए तो सन्नाटा पसर गया, मुँह में बर्फ जम गया है।
चमचागिरी की भी हद होती है ।।#GODI_MEDIA
FACT CHECK
हमने अपनी पड़ताल को शुरू करने के लिए इस तस्वीर को ठीक से देखा। इस तस्वीर को देख कर ही साफ़ हो जाता है कि यह इस पार्लियामेंट सेशन की नहीं हो सकती, क्योंकि इस तस्वीर में रविशंकर प्रसाद और अमित शाह दोनों ने सर्दियों के कपडे पहने हैं, जबकि अभी दिल्ली में गर्मियां चल रहीं हैं।
हमने पड़ताल की तो पाया कि यह तस्वीर जनवरी में हुए शीतकालीन सत्र की है। हमने इस सेशन के उस सत्र का वीडियो ढूंढा जब विशंकर प्रसाद संसद को सम्बोधित कर रहे थे। इस पूरे वीडियो को देखने पर पता चलता है कि पूरे भाषण में अमित शाह चौकन्ने थे और कहीं नहीं सोते दिखे। शाह के “सोते हुए” की तस्वीर वास्तव में उस पल की है जब वह पालक झपक रहे थे और नीचे देख रहे थे जिससे ऐसा लगता है जैसे वह सो रहे हों।
हमने इस विषय में बीजेपी के स्पोक्सपर्सन अमित मालवीय से बात की जिन्होंने इस पोस्ट को सिरे से नकारा और कहा कि यह शीतकालीन सत्र का एक फोटो है और अमित शाह सो नहीं रहे थे। “यह स्पष्ट रूप से फर्जी खबरों का सहारा लेकर राहुल गांधी की विफलताओं और राष्ट्रपति के संबोधन के दौरान सेंट्रल हॉल में गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार को ढकने का एक कुत्सित प्रयास है।”
हमने राहुल गाँधी के राष्ट्रपति सम्बोधन के दौरान फ़ोन इस्तेमाल किए जाने की भी पड़ताल की तो हमें दैनिक जागरण के सहयोगी अख़बार नईदुनिया की एक खबर मिली जिसमें यह बताया गया है कि सच में राहुल गाँधी सम्बोधन के दौरान मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल कर रहे थे। हालांकि, इस दृश्य के चर्चा में आने के बाद कांग्रेस ने सफाई दी और कहा , “इनमें कुछ भी गलत नहीं है। वह मोबाइल पर काम करने के दौरान भी अभिभाषण को सुन रहे थे। भाजपा इसे गलत तरीके से पेश कर रही है।”
इस पोस्ट को Dr Ashok Kumar नाम की एक फेसबुक पेज द्वारा शेयर किया गया था। इस पेज के कुल 4,244 फॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में हमने पाया कि यह दावा गलत है। यह तस्वीर जनवरी में हुए पार्लियामेंट के विंटर सेशन की है और सेशन का पूरा फुटेज देखने पर मालूम होता है कि अमित शाह सो नहीं रहे थे।
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