नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर इन दिनों हर जगह तेज़ी के साथ ऐसी बहुत सारी पोस्ट्स वायरल हो रही है जिसमें यह दावा किया जा रहा है कि 3 जून को एएन-32 विमान जो जोरहाट एयरबेस से उड़ान के दौरान गायब हो गया था उसको एलियन ले गए है| विश्वास न्यूज़ ने तमाम तथ्यों के आधार पर अपनी जांच-पड़ताल से इस दावे को एक सिरे से गलत साबित किया |
तारीख 10 जून 2019 को एक फेसबुक यूजर तनवीर सिंह ने एक डिस्क्रिप्शन पंजाबी भाषा में लिखा था – ( ਕਾਸ਼ ੲੇਲੀਅਨ ਫੌਜ ਦਾ ਜਹਾਜ ਲਿਜਾਣ ਦੀ ਵਜਾੲੇ ਪ੍ਰਧਾਨ ਮੰਤਰੀ ਦਾ ਜਹਾਜ ਲੈ ਜਾਂਦੇ ) “काश एलियन आर्मी का जहाज ले जाने की जगह प्रधानमंत्री का जहाज ले जाता” हिंदी अनुवाद| इस हेडर के साथ ज़ी हिंदुस्तान के इस शो का एक स्क्रीनशॉट शेयर किया जिसमें लिखा था, “एलियन ले गया विमान? “ इस वायरल पोस्ट के फ्लैशबैक में जाया जाए तो हुआ ये था कि 3 जून को भारतीय वायुसेना का विमान गायब होता है और एक टेलीविज़न शो ऑनएयर होता है जिसकी पंच लाइन होती है- “एलियन ले गया विमान” और उसके बाद सोशल मीडिया के मैदान पर इससे जुडी हुई खबरें वायरल होने लगती हैं|
मामला संवेदनशील था और मिथ्या जानकारियों से जुड़ा हुआ था और अजीब से अटपटे दावों की पैरवी कर रहा था। विश्वास टीम ने इस खबर को गंभीरता से उठाया और इसकी तहक़ीक़ात करने का फैसला लिया। सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म पर एक खबर सुर्खियां बटोरने लगी जहां पर यह दावे के साथ बोला गया कि वायुसेना के उक्त विमान को एलियन लेकर चले गए| दरअसल 3 जून की एएन-32 विमान अपनी उड़ान के दौरान अचानक से गायब हो गया और इसके साथ शुरू हो गया तरह-तरह की ख़बरों का बनकर निकलना उसमें से एक राष्ट्रीय स्तर के चैनल ने अपनी खबर में इस बात का दावा कर दिया कि जो विमान गायब हुआ है वो कोई और नहीं- “एलियन लेकर चले गए।”
उसी के बाद 10 जून 2019 को एक फेसबुक यूजर तनवीर सिंह ने एक डिस्क्रिप्शन जो की पंजाबी भाषा में था जिसमें लिखा था।” ( ਕਾਸ਼ ੲੇਲੀਅਨ ਫੌਜ ਦਾ ਜਹਾਜ ਲਿਜਾਣ ਦੀ ਵਜਾੲੇ ਪ੍ਰਧਾਨ ਮੰਤਰੀ ਦਾ ਜਹਾਜ ਲੈ ਜਾਂਦੇ ) “काश एलियन आर्मी का जहाज ले जाने की जगह प्रधानमंत्री का जहाज ले जाता” हिंदी अनुवाद| इस हेडर के साथ ज़ी हिंदुस्तान के इस शो का एक स्क्रीनशॉट शेयर किया जिसमें लिखा था “एलियन ले गया विमान?” ज़ी राजस्थान पर यह शो 8 जून को दिखाया गया और इस शो की शुरुआत कुछ इस तरह से हुई।
सबसे पहले हमने इसका स्क्रीनशॉट लेकर गूगल रिवर्स सर्च इमेज पर तलाशना शुरू किया तो हमारे आगे इस खबर से संबंधित तमाम लिंक खुल गए|
यूट्यूब पर हमने इस वीडियो को खोजा तो हमें ज़ी राजस्थान का वो शो वीडियो हाथ लग गया जो “एलियन ले गया विमान?” टाइटल के साथ था| हमने सबसे पहले इस वीडियो को शुरू से अंत तक फ्रेम दर फ्रेम देखना शुरू किया| यह वीडियो क्लिप 11 मिनट 7 सेकंड की थी जिसकी शुरुआत एंकर ओपनिंग के साथ होती है और एक शो ग्राफिक्स प्लेट आती है जिस पर लिखा होता है- “एलियन ले गया विमान?” और शो इन वाक्यों के साथ शुरू होता है,
“न आसमान ने विमान को निगला, न ही विमान धरती लील गई। न ही समंदर में समाया विमान। चार दिन से तलाश जारी, फिर भी हाथ खाली।” इस दावे की जांच-पड़ताल से पहले यह जानना ज़रूरी था की पूरे शो में क्या दिखाया और बताया गया? इंडियन एयरफोर्स 3 जून से ही लापता AN-32 विमान और उस पर सवार 13 लोगों की खोज में लगी ही थी उसी दौरान ज़ी राजस्थान 8 जून को एक कार्यक्रम दिखाता है: ‘क्या एलियन ले गए विमान?’ शो की शुरुआत में एक मोंटाज आता है उसमें भारतीय वायुसेना के अधिकारी और भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों की उड़ान के शॉट्स दिखाई देते हैं। उसके बाद एंकर एलियंस पर आरोप लगाते हुए कैसे भारतीय वायुसेना का विमान गायब हो गया है की पूरी कहानी सुनाता है|
वीडियो क्लिप 11 मिनट 7 सेकंड की है और इस दौरान करीब 20 बार इस दावे को किया गया कि एलियन विमान लेकर चले गए। रहस्यमयी तरीके से एक विमान के गायब होने की पूरी कहानी बताएंगे आपको हिंदुस्तान के साथ…एंकर कुछ इस अंदाज़ में शो ओपनिंग करता हैं और पूरे शो में ग्राफिक्स प्लेट्स के साथ कुछ सवाल बार-बार सामने लाये गए।
“कहीं एलियन तो नहीं ले गए विमान?” कहीं भारत-चीन सीमा पर एलियन तो नहीं रहते? क्या सबूत का न होना ही इसका सबूत नहीं कि विमान किसी उड़नतश्तरी के अंदर छिपा है? शायद उस विमान को एलियन ले गए हैं? इंसानों से लुकाछुपी खेल रहे हैं एलियंस? कहीं दूसरे ग्रह की तो नहीं है साज़िश ? कहीं चीन से सटी सीमा पर तो नहीं एलियंस? कहीं यूएफओ में तो नहीं छिपा विमान ? तो एलियन की करतूतों से इनकार क्यों हैं?
मौजूदा दौर का सबसे बड़ा सवाल क्या एलियन ले गए विमान ? भारतीय वायुसेना का विमान AN -32 लापता हैं यकीन मानिये इस विमान को एलियन अपने साथ ले गए या फिर एलियन ने इस विमान को हाईजैक कर लिया है ये दावा इसलिए हम कर रहे हैं|
शो के अंतिम क्लोजिंग एंकर में कार्यक्रम का अंत इस पर प्रश्न से किया जाता है कि क्या विमान को एलियंस ले गए? इस शो के बाद अलग-अलग डिस्क्रिप्शन के साथ ये खबर सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी |
विमान AN -32 करीब 12 : 30 बजे असम के जोरहाट से अरुणाचल प्रदेश के मेचुका में एक दूरस्थ सैन्य लैंडिंग पट्टी के लिए यात्रा कर रहा था अचानक यह 3 जून को दोपहर 1 बजे रडार से गायब हो गया| इसको खोजने के लिए IAF C-130J ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, सुखोई Su-30 फाइटर जेट्स, NAVY P8-I सर्च एयरक्राफ्ट और IAF और आर्मी के हेलिकॉप्टरों के एक बेड़े ने एयरक्राफ्ट की तलाश की थी। इसरो के उपग्रह और इसमें मानवरहित ड्रोन भी तलाशी अभियान में शामिल किये गए थे। जागरण पर भी हमे इस खबर के तमाम लीडस् मिले जिसमे इस पूरी घटना का विवरण था
पिछले सप्ताह 13 लोगों के साथ लापता हुए इस AN -32 विमान का मलबा भारतीय वायुसेना को मंगलवार को मिला| आठ दिनों की गहन खोज के बाद इसका मलवा अरुणाचल प्रदेश में पाया गया। NDTV की खबर का एक लिंक हमें मिला जिसमें उन तस्वीरों को दिखाया गया। अपने इस वीडियो में बताया (“दुर्घटनास्थल की पहली छवि, अरुणाचल सरकार के सूत्रों द्वारा साझा किया गया एक शीर्ष दृश्य, विमान और जले हुए पेड़ों से मलबे को दर्शाता है, जब विमान नीचे गिर जाता था तो एक बड़ी आग का संकेत मिलता है।”)
एलियन ले गए विमान का दावा इस तस्वीर और आधिकारिक तथ्यों के बाद गलत साबित होता हुआ नज़र आया | जब मलबे को सियांग जिले के पयूम सर्कल में पाया गया था (wreckage was found in Payum Circle of of Siang district ) इसे भारतीय वायु सेना के एक एमआई -17 हेलिकॉप्टर द्वारा लगभग 12,000 फीट की ऊंचाई पर देखा गया था।
वायुसेना का कहना है कि अधिक ऊंचाई और घने जंगलों के कारण, हेलिकॉप्टर दुर्घटनास्थल के बगल में नहीं उतर सकते थे। हालांकि, निकटतम लैंडिंग साइट की पहचान कर ली गई है और हेलिकॉप्टरों द्वारा बचाव अभियान आज सुबह शुरू हुआ।
ग्राउंड फोर्स रात में दुर्घटनास्थल पर पहुंची। तस्वीर हमने IAF का ऑफिशियल ट्विटर हैंडल चेक किया और साफ़ तौर पर पाया की इस पूरे मसले पर शुरू से आखिरी तक इंडियन एयरफ़ोर्स के माध्यम से ट्विटर हैंडल पर पल-पल की खबरें अपडेट की गयी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट करके सारे मामले की जानकारी साझा की।
इस वीडियो में यह बोला गया कि इतने दिन हो गए आखिर कहाँ गया विमान?
इसका उत्तर साफ़ था कि जिस इलाके में यह गायब हुआ वहां पर कठिन इलाके और खराब मौसम के कारण यह खोज मुश्किल थी। जिस स्थान पर विमान उड़ान भर रहा था, वह पहाड़ी और भारी जंगलों वाला था और मानसून का वक़्त भी चल रहा था। मेचुका में लैंडिंग और टेक-ऑफ बेहद मुश्किल होती है। अनिश्चित मौसम के साथ तालमेल साधने में और ऑपरेशन को अंजाम देने में सभी फोर्सेज को मुश्किलों का सामना करना पद रहा है, यह क्षेत्र हवाई परिवहन के लिए दुनिया के सबसे असुविधाजनक स्थलों में से एक है। बुधवार तक सर्चिंग ऑपरेशन जारी था उन 13 लोगों को तलाशने का जो इस विमान में सवार थे |
दरअसल इसको भारतीय वायुसेना का फ्लाइंग कॉफिन बोला जाता है यानि “उड़ता हुआ ताबूत”| यह वायुसेना का वर्क हॉर्स भी कहलाता है| इसको सोवियत संघ के ज़माने में 80 दशक में 125 के संख्या में AN – 32 को भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था| अब करीब 100 विमान एयरफोर्स में काम कर रहे हैं| An-32 एक सोवियत-डिज़ाइन किया गया ट्वीन इंजन टर्बोप्रॉप ट्रांसपोर्ट विमान है, जिसका भारतीय वायुसेना द्वारा चार दशकों से बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है। चूंकि, यह भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल हो गया, आपातकाल के हालत में लोगों को इधर-उधर ले जाना और एयरड्रॉप आपूर्ति के लिए इस्तेमाल किया जाता है |
AN-32 में सवार सभी यात्रियों के मृत होने की सूचना गुरुवार तारीख 13 जून को सामने आ गयी और ANI के इस ट्वीट ने इस पर मुहर लगा दी , यह त्रासदी बेहद दुखद थी मगर ऐसे में हमेशा खबर को चालते और दिखाते हुए संवेदनशील और विवेकशील रहना चाहिए |
सम्पूर्ण तथ्यों के आधार पर यह खबर गलत साबित हुई की विमान को एलियंस लेकर गायब हो गए मगर ऐसे गंभीर मुद्दों पर बहुत ज़रूरी है खबर की संवेदनशीलता को समझना और उसको प्रस्तुत करते हुए तथ्यों का ख्याल रखना, क्योंकि उसका असर समाज और उस घटना से संबंधित लोगो पर बहुत गहरा पड़ता है |
अब बारी थी उस सोशल अकाउंट की स्कैनिंग की जहाँ से ये खबर वायरल हुई, तनवीर सिंह नाम के शख्स को लेकर जो जानकारियां हमें मिली वो ये थी की ये चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी से पढ़े हैं और फिलहाल न्यूयॉर्क में रह रहे हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने जांच-पड़ताल के बाद इस इस दावे को फ़र्ज़ी साबित किया, इस दावे में गलत तथ्यों को पेश किया गया |
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