विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि पोलिंग बूथ पर फर्जी वोट करते मतदान कर्मी के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वीडियो का तेलंगाना से कोई संबंध नहीं है। असल में यह वीडियो साल 2022 में बंगाल में हुए नगर निकाय का है, जिसे अब गलत दावों के साथ सोशल मीडिया पर वायरल जा रहा है। पहले भी यह दावा वायरल हो चुका है। रिपोर्ट को यहां पर पढ़ा जा सकता है।
नई दिल्ली(विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर पोलिंग बूथ पर मतदान कर्मी के फर्जी वोट करने का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह हैदराबाद के बहादुरपुर का वीडियो है, जहां पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के कार्यकर्ता वोटों की धांधली कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वीडियो का तेलंगाना से कोई संबंध नहीं है। असल में यह वीडियो साल 2022 में बंगाल में हुए नगर निकाय का है, जिसे अब गलत दावों के साथ सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो जा रहा है। पहले भी यह दावा वायरल हो चुका है। रिपोर्ट को यहां पर पढ़ा जा सकता है।
फेसबुक यूजर राजेश शामवानी ने 15 मई 2024 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “एमआईएम *बहादुरपुरा*हैदराबाद असुद्दुदीन ओवैसी का निर्वाचन क्षेत्र (तेलंगाना) का कृपया इसे वायरल करें ताकि चुनाव आयोग द्वारा पुनः चुनाव कराया जा सके।”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।
कीवर्ड्स सर्च करने पर वायरल दावे से जुड़ी एक पोस्ट हमें पश्चिम बंगाल कांग्रेस के आधिकारिक अकाउंट पर अपलोड हुआ मिला। पोस्ट (आर्काइव लिंक) में 28 फरवरी 2022 को वायरल वीडियो की तस्वीरों को शेयर करते इसे वोटिंग प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए पश्चिम बंगाल का बताया गया है।
पड़ताल के दौरान हमें वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) से जुड़ी एक अन्य पोस्ट CPIM West Bengal के आधिकारिक फेसबुक अकाउंट पर मिला। वीडियो को 27 फरवरी 2022 को शेयर किया गया था। मौजूद जानकारी के मुताबिक, वीडियो पश्चिम बंगाल के नगर पालिका चुनाव का है। कैप्शन में इसे पश्चिम बंगाल की दक्षिण दमदम नगर पालिका के लेक व्यू स्कूल, बूथ नंबर 108, वार्ड 33, का बताया गया है।
हमें दावे से जुड़ी एक प्रेस रिलीज तेलंगाना के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के आधिकारिक एक्स अकाउंट पर भी मिली। 15 मई 2024 को मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने प्रेस रिलीज को पोस्ट (आर्काइव लिंक) करते हुए जानकारी दी है कि वायरल वीडियो का तेलंगाना से कोई संबंध नहीं है। सोशल मीडिया पर गलत दावा वायरल हो रहा है। प्रेस रिलीज में लिखा हुआ है, “यह वीडियो न तो तेलंगाना का है और न ही यह तेलंगाना में विधानसभा चुनाव या लोकसभा चुनाव से संबंधित है। ऑडियो को ध्यान से सुनने पर यह साफ होता है कि वीडियो में लोग जो भाषा बोल रहे हैं, वो तेलुगु नहीं है।
पहले भी यह वीडियो अगल-अगल दावों के साथ वायरल हो चुका है। उस दौरान विश्वास न्यूज ने इसकी पड़ताल कर सच्चाई सामने रखी थी। हमने वीडियो के बारे में अधिक जानकारी हासिल करने के लिए दैनिक जागरण के पश्चिम बंगाल के एडिटर जे के वाजपेई से बातचीत की थी। उन्होंने हमें बताया था कि यह वीडियो पश्चिम बंगाल का है और नगर निगम चुनाव का है।
अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से जुड़ी पोस्ट को शेयर करता है। यूजर ने प्रोफाइल पर खुद को मध्य प्रदेश का रहने वाला बताया हुआ है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि पोलिंग बूथ पर फर्जी वोट करते मतदान कर्मी के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वीडियो का तेलंगाना से कोई संबंध नहीं है। असल में यह वीडियो साल 2022 में बंगाल में हुए नगर निकाय का है, जिसे अब गलत दावों के साथ सोशल मीडिया पर वायरल जा रहा है। पहले भी यह दावा वायरल हो चुका है। रिपोर्ट को यहां पर पढ़ा जा सकता है।
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