Fact Check : सुप्रीम कोर्ट ने NRC/CAA से जुड़ा नहीं दिया कोई फैसला, ना ही ओवैसी ने की ‘ऐसी’ कोई अपील

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में असदुद्दीन ओवैसी के नाम से वायरल की जा रही अपील को फर्जी पाया। ओवैसी ने यह अपील जारी नहीं की है। ना ही सुप्रीम कोर्ट ने अब तक (15 जनवरी 2020) CAA को लेकर दाखिल की गई याचिकाओं पर कोई फैसला सुनाया है।

Fact Check : सुप्रीम कोर्ट ने NRC/CAA से जुड़ा नहीं दिया कोई फैसला, ना ही ओवैसी ने की ‘ऐसी’ कोई अपील

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। सोशल मीडिया पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी के नाम से एक अपील वायरल हो रही है। इसमें कथित रूप से ओवैसी के हवाले से CAA और NRC को लेकर अपील की गई है। इसमें कथित रूप से सुप्रीम कोर्ट का भी हवाला दिया गया है।

विश्‍वास न्‍यूज ने जब इस पोस्‍ट की पड़ताल की तो यह फर्जी निकली। हमने पाया कि ना ही असदुद्दीन ओवैसी ने ऐसी कोई अपील मुसलमानों से की है और ना सुप्रीम कोर्ट ने CAA/NRC को लेकर अब तक (15 जनवरी 2020) कोई फैसला दिया है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

सोशल मीडिया यूजर ‘Guddu Qazi’ ने 14 जनवरी 2020 को एक पोस्ट शेयर की, जिसमें असदुद्दीन ओवैसी की तस्वीर बनी थी और लिखा था : ”Asaduddin Owaisi, अपील! अपील!! अपील!!! सभी मुस्लिम मर्द और औरत से मेरी गुज़ारिश है की, मेरी बात को ध्यान से पढ़ें और दूसरों तक पहुंचाएं। CAA और NRC का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुँच चुका है जिसमे यह बात तय की गयी है की, 4 करोड़ मुसलमानों का ID के साथ signature कोर्ट में पेश हो गया तो यह सरे bill भारत में पास हो जायेंगे। इसलिए मेहरबानी कर के किसी को अपना कोई ID और ना किसी कागज़ पर signature करे। हर मुसलामनों से गुज़ारिश है की, अल्लाह के वास्ते इसे ज्यादा से ज्यादा SHARE करें।” 

हमनें पाया कि इस पोस्ट को पड़ताल किये जाने तक 954 लोगों ने शेयर किया है। 

पड़ताल

दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले ”asaduddin owaisi+ appeal+ caa nrc+ supreme court+4 crore muslims” कीवर्ड डाल कर गूगल में सर्च किया, लेकिन हमारे हाथ ऐसी कोई खबर नहीं लगी।  

वायरल की जा रही अपील की सच्चाई जानने के लिए हम AIMIM के ट्विटर हैंडल @aimim_national पर भी गए, लेकिन वह भी हमारे हाथ ऐसी कोई अपील नहीं लगी।

हमने असदुद्दीन ओवैसी के ट्विटर हैंडल @asadowaisi की भी स्कैनिंग की, लेकिन वहां भी हमें वायरल कंटेंट जैसी कोई अपील नहीं मिली।

असदुद्दीन ओवैसी के फेसबुक पेज Asaduddin Owaisi पर भी हमें ऐसी कोई अपील नहीं मिली।

वायरल अपील की सच्‍चाई जानने के लिए विश्‍वास न्‍यूज ने सीधे असदुद्दीन ओवैसी से संपर्क किया। उन्‍होंने विश्‍वास न्‍यूज को बताया कि वायरल अपील पूरी तरह फर्जी और बकवास है। उन्‍होंने ऐसी कोई अपील नहीं की है।

अब यह तो साफ़ हो चुका था कि वायरल की जा रही अपील फर्जी है, लेकिन इस प्वाइंट की अभी पड़ताल करनी बाकी थी कि क्या सुप्रीम कोर्ट की तरफ से ”4 करोड़ मुसलमानों का ID के साथ signature कोर्ट में पेश हो गया तो यह सरे bill भारत में पास हो जायेंगे” जैसा कोई फैसला आया है। यह जानने के लिए हमने दैनिक जागरण की लीगल ब्यूरो हेड माला दीक्षित से बात की और उन्होंने बताया,, ”CAA को लेकर अबतक 60 से ज्यादा याचिकाएं दाखिल हो चुकी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सभी याचिकाओं को नोटिस में लिया है। अब तक सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कोई फैसला नहीं आया है, 22 जनवरी को इस पर सुनवाई होगी।”

सर्च में हमें दैनिक जागरण की खबर भी मिली, जिसमें बताया गया। ”सुप्रीम कोर्ट ने कई उच्च न्यायालयों के समक्ष लंबित नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं को उच्चयतम न्यातयालय में स्थानांतरित करने की सरकार की याचिका पर नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने कहा कि वह 22 जनवरी को सीएए से संबंधी सभी याचिकाएं और इन सभी याचिकाओं को स्थानांतरित करने की मांग वाली याचिका को 22 जनवरी को सुनेगा।” पूरी खबर यहां पढ़ें।

इस पोस्ट को वायरल करने वाले फेसबुक यूजर Guddu Qazi की जब हमने सोशल स्कैनिंग की तो पाया कि इस यूजर ने अपनी प्रोफाइल इंट्रो में खुद को AIMIM ALLAHABAD का महानगर महासचिव बताया हुआ है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में असदुद्दीन ओवैसी के नाम से वायरल की जा रही अपील को फर्जी पाया। ओवैसी ने यह अपील जारी नहीं की है। ना ही सुप्रीम कोर्ट ने अब तक (15 जनवरी 2020) CAA को लेकर दाखिल की गई याचिकाओं पर कोई फैसला सुनाया है।

False
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