विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि तेलंगाना में तिरंगे पर कलमा लिखने के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। असल में यह वीडियो करीब डेढ़ साल पुराना है। यह घटना जून 2022 में हुई थी। उस समय तेलंगाना में सत्ता में कांग्रेस नहीं, बल्कि भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) थी। नूपुर शर्मा विवाद को लेकर लोगों ने प्रदर्शन किया था और कथित तौर पर तिरंगे का अपमान करते हुए अशोक चक्र को हटाकर कलमा लिख दिया था।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। तेलंगाना चुनाव में कांग्रेस को मिली जीत के बाद रेवंत रेड्डी को वहां का मुख्यमंत्री बनाया गया है। इसी संदर्भ में सोशल मीडिया पर राष्ट्र ध्वज के अपमान के दावे के साथ एक वीडियो क्लिप को वायरल किया जा रहा है। वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस को मिली जीत के बाद की घटना है। है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। असल में यह वीडियो करीब डेढ़ साल पुराना है। यह घटना जून 2022 में हुई थी। उस समय तेलंगाना में सत्ता में कांग्रेस नहीं, बल्कि भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) पूर्व में टीआरएस थी। नूपुर शर्मा विवाद को लेकर लोगों ने प्रदर्शन किया था और कथित तौर पर तिरंगे का अपमान करते हुए अशोक चक्र को हटाकर कलमा लिख दिया था।
फेसबुक यूजर ‘बलराम’ ने 9 दिसंबर 2023 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “तेलंगाना में कांग्रेस के जीतते ही भारत के झंडे पर कलमा लिख दिया गया………………….. क्या अब भी कांग्रेस को लाना चाहोगे अपने अपने प्रदेस में या केंद्र में।”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।
वायरल वीडियो में एंकर सुधीर चौधरी घटना के बारे में बताते हुए नजर आ रहे हैं और उनके पीछे बैकग्राउंड में डीएनए लिखा हुआ है,जबकि सुधीर चौधरी अब आजतक पर ‘ब्लैक एण्ड व्हाइट’ नामक एक शो करते हैं। इसी आधार पर हमें दावे के भ्रामक होने का संदेह हुआ। हमने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च करना शुरू किया।
हमें असली वीडियो जी न्यूज के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 10 जून 2022 को अपलोड हुआ मिला। वीडियो में 33.12 सेकेंड से वायरल वीडियो वाले हिस्से को देखा जा सकता है।
इकोनॉमी टाइम्स की वेबसाइट पर 10 जून 2022 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, “तेलंगाना के मेहबूबनगर में एक मस्जिद में एकत्र हुए प्रदर्शनकारियों ने तिरंगे पर अशोक चक्र को हटाकर उसकी जगह कलमा लिखा दिया। ध्वज संहिता के अनुसार, तिरंगे पर कोई प्रतीक या चिन्ह बनाकर उसे बिगाड़ा नहीं जा सकता है। पुलिस का कहना है कि वो इस घटना पर कार्रवाई कर रहे हैं।”
टाइम्स नाउ की वेबसाइट पर 10 जून 2022 को पब्लिश न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, “नूपुर शर्मा के पैगंबर पर की गई विवादित टिप्पणी को लेकर तेलंगाना में लोगों ने महबूबनगर में एक मस्जिद में विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के दौरान लोगों ने कथित तौर पर तिरंगे का अपमान किया। प्रदर्शनकारियों ने तिरंगे की बेअदबी करते हुए अशोक चक्र को हटाकर उसकी जगह कलमा लिख दिया।”
वायरल वीडियो को लेकर हमने तेलंगाना की पत्रकार हर्षा कुमारी से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “यह घटना करीब डेढ़ साल पहले हुई थी। नूपुर शर्मा विवाद को लेकर लोगों ने प्रदर्शन किया था। उस समय उन्होंने कथित तौर पर तिरंगे का अपमान किया था। इसी घटना को अभी का बताकर गलत दावे के साथ लोग शेयर कर रहे हैं। उस दौरान कांग्रेस नहीं, बल्कि भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सत्ता में थी।”
अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से जुड़ी पोस्ट को शेयर करता है। प्रोफाइल पर यूजर ने खुद को उत्तर प्रदेश के लखनऊ का रहने वाला बताया है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि तेलंगाना में तिरंगे पर कलमा लिखने के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। असल में यह वीडियो करीब डेढ़ साल पुराना है। यह घटना जून 2022 में हुई थी। उस समय तेलंगाना में सत्ता में कांग्रेस नहीं, बल्कि भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) थी। नूपुर शर्मा विवाद को लेकर लोगों ने प्रदर्शन किया था और कथित तौर पर तिरंगे का अपमान करते हुए अशोक चक्र को हटाकर कलमा लिख दिया था।
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