Fact Check: कई सालों से अडानी ग्रुप कर रहा है सेब का व्यापार, वायरल पोस्ट में किया गया दावा भ्रामक है

अडानी समूह का सेब का व्यापार नया नहीं है। कंपनी साल 2004 से सेब का व्यापार कर रही है, लिहाजा वायरल पोस्ट में किया जा रहा दावा भ्रामक है।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें सेब के ऊपर अडानी फार्मपिक का स्टिकर चिपका दिखता है। दावा किया जा रहा है कि अब अडानी ग्रुप ने सेब का व्यापार भी शुरू कर दिया है।

विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि वायरल पोस्ट के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है। अडानी ग्रुप का एप्पल बिजनेस फार्मपिक नाम की ब्रांच से होता है और यह बिजनेस अडानी ग्रुप साल 2004 से करता आ रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर Arun Grover ने यह तस्वीरें पोस्ट करते हुए अंग्रेजी में कैप्शन लिखा जिसका हिंदी अनुवाद हैः अब अडानी सेब भी!! और यह झूठी मोदी सरकार किसानों को आश्वासन दे रही थी कि काॅरपोरेटस एग्रीकल्चर सेक्टर पर कब्जा नहीं करेंगे।

वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देख सकते हैं।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने पड़ताल शुरू करते हुए सबसे पहले अडानी ग्रुप के सेब के व्यापार के बारे में सर्च किया। हमें अडानी ग्रुप की आधिकारिक वेबसाइट पर कंपनी के फ्रूटस बिजनेस वाले सेक्शन में यह जानकारी मिली कि कंपनी फार्म पिक नामक सब्सिडरी के तहत सेब का व्यापार करती है।

इसके बाद हमने इंटरनेट पर अडानी फार्म पिक के बारे में सर्च किया। हमने पाया कि फार्म पिक अडानी समूह की कंपनी अडानी एग्री फ्रेश लिमिटेड का एक ब्रांड है। हमें फार्म पिक की वेबसाइट पर जानकारी मिली कि कंपनी खुद से सेब नहीं उगाती है, बल्कि हिमाचल प्रदेश के 17000 किसानों से सेब खरीद कर बेचने का काम करती है। इसके अलावा कंपनी कीवी, संतरा, अंगूर आदि फल का आयात भी करती है।

इसके बाद बारी थी यह जानने की कि अडानी ग्रुप का यह बिजनेस कितना पुराना है। इस बारे में जानकारी जुटाने के लिए हमने मिनिस्ट्री ऑफ काॅरपोरेट अफेयर्स की वेबसाइट और zaubacorp.com नामक वेबसाइट पर कंपनी का सीआईएन नंबर और पूरा ब्योरा मिला। इसके अनुसार इस कंपनी का गठन साल 2004 में हुआ था।

जानकारी की पुष्टि करने के लिए हमने अडानी ग्रुप की कस्टमर एग्जीक्यूटिव नेहा से बात की। उन्होंने भी यह स्पष्ट किया कि कंपनी का सेब का व्यापार कोई नया नहीं है। वायरल पोस्ट में किया जा रहा दावा सही नहीं है।

अब बारी थी फेसबुक पर इस पोस्ट को साझा करने वाले यूजर Arun Grover के बारे में जानने की। हमने यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया तो पाया कि यूजर दिल्ली का रहने वाला है।

निष्कर्ष: अडानी समूह का सेब का व्यापार नया नहीं है। कंपनी साल 2004 से सेब का व्यापार कर रही है, लिहाजा वायरल पोस्ट में किया जा रहा दावा भ्रामक है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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